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पूर्वांचल विद्युत वितरण का निजीकरण वापस हो



 01/Oct/20

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वाहन पर वाराणसी के प्रबंध निदेशक कार्यालय पर सभी बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों व अभियन्ताओं ने आज 31वे दिन भी दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक विरोध सभा की तथा निजीकरण पर हल्ला बोला। उन्होंने निजीकरण को सत्ता के मध्य बैठे पूजीपतियों के दलालों के दिमाग की उपज बताई तथा निजीकरण के विरोध में एकजुट होकर मैदान में उतरने के लिए सभी का आह्वान किया तथा सभी को 5 अक्टूबर से होने पूरे दिन चलने वाली कार्यबहिष्कार सभा को सफल बनाने का आह्वान भी किया।

आज की विरोध सभा में बिजलिकर्मियो के परिवार वालों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया

उप्र के बिजली कर्मचारियों की शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जन्म जयंती पर मशाल जुलूस निकाल रहे उप्र के बिजली कर्मियों की गिरफ्तारी की देशभर में निन्दा की गयी।

वाराणसी एवं प्रयागराज में शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर शांतिपूर्ण मशाल जुलूस निकाल रहे बिजली कर्मियों पर नामजद एफ आई आर कराने की संघर्ष समिति ने घोर निन्दा की । साथ ही किसी भी दमनात्मक स्थिति में सम्पूर्ण हड़ताल पर जाने एवं जेल भरो आंदोलन के लिए भी सभी विद्युतकर्मियों से तैयार रहने को कहा। सरकार ने नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर(NLDC) और उत्तरी क्षेत्र लोड डिस्पैच सेण्टर(NRLDC) को 01अक्टूबर को यह संदेश दिया है कि उप्र में 05 अक्टूबर से हड़ताल संभावित है।बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने वाली इन राष्ट्रीय और उत्तर क्षेत्रीय सिस्टम कट्रोल संस्थाओं को यह संदेश देना कि उप्र में 05 अक्टूबर से हड़ताल हो रही है इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सरकार का निजीकरण को लेकर हठवादी रवैय्या कायम है और सरकार हमारे ऊपर हड़ताल थोपना चाहती है। हमारा 05 अक्टूबर से पूर्ण कार्यबहिष्कार का निर्णय है किन्तु सरकार ने संघर्ष समिति से वार्ता तक करना उचित नही समझा और अब हमारे ऊपर हड़ताल थोपी जा जा रही है। यह भी पता चला है कि एन टीपीसी और पॉवर ग्रिड को भी 05 अक्टूबर से उप्र में कार्य सँभालने के लिए एलर्ट कर दिया गया है। लखनऊ में हड़ताल से निपटने के लिए प्रातः 08 बजे से ही सरकार और प्रबंधन की आपात बैठक चल रही है।

यह आपात परिस्थितियाँ हैं और हमारा संकल्प है कि हम अरबों खरबों रुपए की सार्वजनिक क्षेत्र की पॉवर कारपोरेशन की परिसंपत्तियों को कौड़ियों के मोल किसी भी कीमत पर निजी घरानों को हस्तांतरित नही होने देंगे। निजी कंपनी अधिक राजस्व वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्राथमिकता पर बिजली देगी जो ग्रेटर नोएडा और आगरा में हो रहा है। निजी कंपनी 10-12 रुपए प्रति यूनिट से कम किसी उपभोक्ता को बिजली नहीं देगी। अभी किसानों, गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को पॉवर कारपोरेशन घाटा उठाकर बिजली देता है जिसके चलते इन उपभोक्ताअें को 3-4 रुपए प्रति यूनिट पर बिजली मिल रही है। अब निजीकरण के बाद स्वाभाविक तौर पर इन उपभोक्ताओं के लिए बिजली मंहगी होगी।

संघर्ष समिति द्वारा निजीकरण के विरोध में चलाए जा रहे आंदोलन को आज विद्युत मज़दूर संगठन ने अपना पूर्ण समर्थन दिया और कहा कि निजीकरण रूपी राक्षस के खिलाफ चल रही लड़ाई को संघर्ष समिति के साथ मिलकर लड़ेंगे ।

सभा की अध्यक्षता ई. चंद्रेशखर चौरसिया एवं संचालन जिउतलाल ने किया।

सभा को सर्वश्री आर.के. वाही, डॉ. आर.बी. सिंह,. .के. सिंह, .सुनील यादव, . नीरज बिन्द,मदन लाल श्रीवास्तव, रमन श्रीवास्तव, वेदप्रकाश राय, प्रवीण सिंह,अनिल कुमार,संतोष वर्मा,अभय यादव,वीरेंद्र सिंह,रमाशंकर पाल, राघवेंद्र गोस्वामी, अंकुर पाण्डेय,. जगदीश पटेल,हेमन्त श्रीवास्तव, .पी. शुक्ला आदि पदाधिकारियो ने संबोधित किया।

 


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