MENU

काशी में धार्मिक जन आस्‍था की पुरातन सामाजिक परंपराओं को रौंदा जा रहा : अजय राय



 29/Oct/20

पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि भाजपा धर्म एवं संस्‍कृति की बात केवल राजनीतिक लाभ के लिए करती है। उन्‍होंने कहा  कि भाजपा शासन राजनीतिक प्रक्रिया में अनियंत्रि भीड़ वाली बड़ी-बड़ी सभाओं का अनुमति तो देता है पर गहरी धार्मिक जन आस्‍था की पुरातन सामाजिक परंपराओं को रौंदा जा रहा है। जिसके तहत रामनगर की ऐतिहासिक राम लीला के बाद पॉंच सौ वर्षों से भी ज्‍यादा पुराने नाटी इमली के भरत मिलाप के ऐतिहासिक सांसकृतिक आयोजन को भी अनुमति नहीं देने के सरकार के जन विरोधी फैसले का हम लोग कड़ा विरोध करते हैं।

संविधान एवं लोकतंत्रता के अधिकार केवल राजनीति के दास नहीं,उन पर समाज का भी हक है।

उन्‍होंने कहा कि चुनाव में सोशल डिस्‍टेन्‍स के साथ प्रचार और वर्चुअल प्रचार माध्‍यमों से अपनी बातें जनता तक पहुँचाने के वैकल्पिक माध्‍यम संभव हैं। आज हमारे प्रधानमंत्री, मुख्‍य मंत्री आदि बड़ी जनसभायें कर रहे हैं, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में उसकी बेलगाम बाढ़ आई है। जहॉं जनता की आस्‍था एवं सांस्‍कृतिक विरासत से जुड़ी ऐतिहासिक समाग परंपराओं को महामारी के नाम पर जन भावना एवं जन आस्‍था को रौंदा रही है। क्‍या राजनीतिक भीड़ महामारी प्रूफ और सांस्‍कृतिक समागमों की भीड़ महामारी-फ्रेंडली होती हो ? सरकार की ऐसी दोहरी सोच की रीति नीति प्रमाण है कि भाजपा शासन जन आस्‍था को तुच्‍छ मानता है। नमस्‍ते ट्रंप और मध्‍य प्रदेश में सत्‍ता पलट राजनीतिक आपरेशन के लिये भाजपा सरकार कोरोना संकट से बचाव में लाक-डाउन जैसी रणनीति में राजनीतिक लाभ के लिये विलम्‍ब तो करती है, लेकिन छन आस्‍था की सामजिक परम्‍परायें रौंदी जा रही है।

उन्‍होंने कहा कि बनारस की परंपरागत पहचान एवं शान रहे बुनकरी के अनोखे कला क्षेत्र के दमन का भी सरकार पर आरोप मढ़ते हुये मांग की कि बुनकरों को जो संरक्षण सरकार से मिलते रहे हैं, उन्‍हें जारी रखा जाय और बुनकरों समाज की मांगे मानी जांय। सरकार एक ओर लोकल बने वोकल के साथ स्‍वदेशी,स्‍वावलंबी एवं आत्‍मनिर्भर उत्‍पादन के नारे देती है और दूसरी और बुनकरों के दमन की रीति नीति के साथ लाखों लोगों का पीढि़यों से भरण पोषण देने वाले काशी की पहुचान बनारसी-वस्‍त्र उद्ययोग के शिल्‍पी बुनकर समाज को तबाह करने पर अमादा है।

इस कार्यक्रम में मनीष (महानगर कोषध्‍यक्ष), राधवेन्‍द्र चौबे, विश्‍वनाथ कुँवर, ओम प्रकाश ओझा, ऋषभ पाण्‍डेय (जिलाध्‍यक्ष), हसाहत हुसैन बाबू, राजेश्‍वर सिंह पटेल, देवेन्‍द्र सिंह, पीएम राय, तथा राकेश कुमार राय आदि शामिल रहे।   


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

9460


सबरंग