MENU

वाराणसी में आंगनवाड़ी केंद्रों, प्राइमरी स्कूलों में किया जा अच्छा काम, जिलाधिकारी व उनकी पूरी टीम को बधाई – श्रीमती आनंदीबेन पटेल, राज्यपाल उत्तर प्रदेश



 03/Nov/20

कन्या सुमंगला योजना भारत की सबसे अच्छी योजना-आनंदीबेन पटेल।

कुपोषित एवं टीवी ग्रसित बच्चों को गोद लेने जैसी सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़कर भागीदारी करने पर राज्यपाल आनंदी पटेल ने 06 संस्थाओं के पदाधिकारियों को किया।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को सर्किट हाउस सभागार में आंगनवाड़ी कार्यक्रम, टी0बी0 उन्मूलन कार्यक्रम क्रियान्वयन, स्वंय सहायता समूह, स्वैच्छिक संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर बच्चों तथा महिलाओं के विकास को माइक्रो प्लान बना कर समाज के हर वर्ग को जोड़ते हुए कार्य करने का संदेश दिया।

गत दो-तीन माह में इस क्षेत्र में बनारस में जो काम हुआ, उसके लिए राज्यपाल ने जिलाधिकारी सहित उनकी पूरी टीम को बधाई व धन्यवाद दिया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि गरीबी मुक्त का उपाय अच्छी शिक्षा है इसमें सभी का दायित्व है। विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर कुपोषित बच्चों एवं टीवी संक्रमित बच्चों को गोद ले। हर वर्ग सोशल रिस्पांसिबिलिटी ले। उद्योग जगत भी जुड़ें। यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेज की प्रिंसिपल व अध्यापक जुड़े बच्चों को गोद ले और उन्हें कुपोषण व टीबी रोग से मुक्त कराने का कार्य कराएं। गांव का हर बच्चा जो 3 वर्ष का है आंगनवाड़ी में भर्ती हो, 6 वर्ष का बच्चा प्राइमरी स्कूल में दाखिल हो। बच्चों का ड्रॉप आउट एक फ़ीसदी से कम रहे, यह भी सजगता रखें। गांवो में 100 फ़ीसदी संस्थागत प्रसव हो। प्राइमरी के बाद भी सौ फीसदी बच्चे 9वी में प्रवेश ले। कन्या सुमंगला योजना भारत की सबसे अच्छी योजना है। इसमें हर पात्र लाभान्वित हो।

नई शिक्षा नीति बहुत उपयोगी है, इसमें शुरुआत से बच्चों के लिए अच्छे सिलेबस है। तीन, चार, पांच वर्ष के बच्चों के अलग-अलग प्रकार के सिलेबस हर क्षेत्र के यथा-पर्यावरण, साइंस, सोसायटी, कौशल विकास, सहकारिता, खेल किस स्तर के बच्चों को कौन विषय कैसे सिखाएं यह भली-भांति नई शिक्षा नीति में है। अभी पहल बुक आंगनवाड़ी केंद्र व प्राइमरी की अच्छी है। बच्चों की गांव में सामूहिक टूर कराएं, खेल कराएं, मंदिर आदि स्थल दिखाएं। संस्कारिता क्रियाकलापों की जानकारी दें। शैक्षिक कैलेंडर में नाश्ता व खाना की भी प्रावधानित करें। इससे बच्चे उत्साहित होते हैं।

राज्यपाल आनंदीबेन ने कहा कि भारत में दुनिया के सापेक्ष सबसे ज्यादा स्तन कैंसर व सर्वाइकल कैंसर के केस है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रारंभिक जांच कराई जा सकती है और जहां संभावना दिखे उसे उच्च स्तर के अस्पताल भेजें। प्रारंभिक स्टेज में कैंसर का इलाज अच्छे से हो जाता है। ऐसी व्यवस्था कर ले कि उत्तर प्रदेश में कैंसर से किसी महिला की मृत्यु नहीं हो। माताओं को बचाना है। बच्चों को गोद लेने में मंदिर के ट्रस्टी को भी जोड़ें। समर्थ किसान गांव में आंगनवाड़ी में अपनी उपज के फल-सब्जी देकर सहयोग कर सकते हैं। हर किशोरी का ब्लड टेस्ट कराएं। एनीमिक किशोरी को दवा दिलाएं। कोई किशोरी एनीमिक नहीं हो, तभी वह जब माता बनेगी तो स्वस्थ बच्चे को जन्म देगी। यूनिवर्सिटी में बच्चियों, उनके मां-बाप-अभिभावकों, चिकित्सकों के साथ वे सम्मेलन करें। संस्कार सिखाने की सेना में प्रतिस्पर्धा कराएं। आंगनबाड़ी कार्यकत्री को देखें कि उसे कितना ज्ञान है लेखन, कहानी, जानकारी का तभी वह बच्चों को दे पाएगी। भारत को विश्व गुरु बनने के लिए आंगनबाड़ी, महिलाओं, बच्चों, केंद्रों के भवन स्थिति व कार्यपद्धती पर ध्यान देना होगा। उन्होंने बताया कि गुजरात मे मंत्री बनने के बाद उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आईसीडीएस की अलग विभाग बनवाकर आदर्श आंगनवाड़ी की परिकल्पना देकर कार्य कराना शुरू किया था। आंगनवाड़ी कार्यकत्री के प्रमोशन में उनकी शिक्षा व परफारमेंस को गहनता से परीक्षण कर प्रमोशन करें। अच्छे वर्कर से रिजल्ट अच्छा आता है। गुजरात मॉडल का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि अच्छे कार्य करने वाले जिलाधिकारी सहित वहां की आंगनवाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका को हजारों रुपए का "माता यशोदा अवार्ड" दिया जाता है। इससें लोगों में प्रति स्पर्धा के साथ अच्छा काम करने की उत्कंठा होती है।

राज्यपाल ने कुपोषित बच्चों के सर्वे में लंबाई व वजन के साथ उसकी पावर व पैरों में सूजन को भी पैरामीटर में रखने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ से वार्ता में उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में एक जैसा वातावरण नहीं है। इसलिए कुपोषण सर्वे का पैरामीटर वहां की जलवायु एवं परिस्थिति को ध्यान में रखकर किये जाएं, तभी वास्तविकता सामने आएगी। कुपोषण के लिए मूंगफली, शुगर व दूध पाउडर का पेस्ट सुझाया और इसे घर पर बच्चों को देने हेतु माता-पिता को दें। डेयरी को प्रेरित कर वहां दूध लेने वाले लोगों से कुछ-कुछ ग्राम दूध बच्चों हेतु देने को प्रोत्साहित कर उसे कुपोषित बच्चों को दिलाया जाए। आंगनवाड़ी केंद्रों पर अक्षय पात्र से भोजन व्यवस्था जोड़ना अच्छा परिणाम मिलेगा। आंगनवाड़ी व प्राइमरी में बच्चे सत्र की शुरुआत से भर्ती कर उन्हें सिखाएं। उनकी जन्मतिथि जो भी हो उसे उस समय अंकित करें। इससे समय से उनमें प्रतिभा बढ़ेगी।

आंगनवाड़ी केंद्रों पर गोद भराई कार्यक्रम पति की उपस्थिति में कराया जाए। 5000 रूपया सरकार द्वारा दिए जाने का सही उपयोग पुरुष उस पत्नी महिला के खानपान पर करें, ताकि स्वस्थ बच्चे का जन्म हो। केंद्रों की दीवार पर कुछ मोटिवेटेड स्लोगन यथा-"अच्छे फल के लिए बीज अच्छा हो", "मकान अच्छा चाहिए तो नीव मजबूत हो", "देश व राष्ट्र मजबूत चाहिए तो शिक्षा की चिंता करें" तथा "परिवार अच्छा चाहिए तो बाल्यावस्था की चिंता करें"। राज्यपाल महोदया ने आंगनवाड़ी केंद्रों, प्राइमरी स्कूलों में बेहतर वातावरण बनाए रखने, कुपोषित बच्चों, टीवी संक्रमित बच्चों को गोद लेकर उन्हें ठीक कराने हेतु समाज के हर वर्ग, व्यापारी, धार्मिक संस्थाओं, शिक्षा संस्थाओं, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, उद्योग जगत, चिकित्सा जगत सभी को स्वभावना से जुड़कर अपने सामाजिक दायित्व निर्वहन करने की प्रेरणा का संदेश दिया।

बैठक में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने राज्यपाल महोदया के इच्छा व संदेश के अनुरूप जनपद में आंगनवाड़ी केंद्रों, प्राइमरी स्कूलों, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के कार्यों का विस्तार से प्रजेंटेशन दिया। इस अवसर पर मंत्री रविंद्र जायसवाल, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य, विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, विधायक डॉ अवधेश सिंह, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक नीलरतन नीलू ने अपने अनुभव शेयर किए। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का स्वागत मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी एवं धन्यवाद मंत्री स्वाति सिंह ने किया।

कुपोषित बच्चों एवं टीवी से ग्रसित बच्चों को गोद लेने तथा अन्य कार्यों में जिला प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर लोगों को सहायता पहुंचाने की जनपद की स्वैच्छिक संगठनों के पदाधिकारियों की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सिविल डिफेंस के नीरज मिश्रा उप नियंत्रक एवं विनोद गुप्ता चीफ वार्डन, रेड क्रॉस के डॉक्टर संजय राय सचिव एवं वेद मूर्ति शास्त्री सदस्य कार्यकारिणी, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की डॉ मनीषा सिंह सेंगर अध्यक्ष एवं डॉ अतुल कुमार सिंह संयुक्त सचिव, रोटरी क्लब वाराणसी साउथ के दीपक अस्थाना मंडल सचिव संजय गुप्ता सहायक मंडल अध्यक्ष, क्लब वाराणसी के चैतन्य पंड्या प्रथम मंडल अध्यक्ष तथा मारवाड़ी युवा मंच की भावना भर्तियां प्रांतीय महामंत्री एवं नित्या पोधार गंगा शाखा अध्यक्ष को प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया।

इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विभिन्न एनजीओ के पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के समर्थ और प्रभावी लोगों को समाज में फैली बुराइयों बाल विवाह, दहेज प्रथा आदि को दूर करने और समाज के कमजोर लोगों की मदद करके हम स्वस्थ्य समाज बना सकते हैं और कमजोर व गरीब को समाज की मुख्य धारा में ला सकते हैं। उन्होंने एनजीओ के पदाधिकारियों से कहा कि आपके घर की महिलाएं अगर कुपोषित बच्चों के घर एक धंटे बितायें अपने बच्चों के साथ जायें तो उस परिवार के बच्चों को देख कर आपके बच्चे की सोच बदलेगी बड़ा होकर वह भी एक स्वस्थ्य सामाजिक सोच वाला बनेगा।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

7699


सबरंग