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प्रभु येसु के जन्म- दिवस पर भाईचारा, धर्मिक सौहार्द का दिया संदेश : युजीन जोसेफ धर्माध्यक्ष वाराणसी धर्मप्रान्त 



 21/Dec/20

कोरोना से मुक्ति के लिए बालक येसु से विशेष रूप से की जाएगी प्रार्थना

युजीन जोसेफ ने वाराणसी धर्मप्रान्त  की ओर से वाराणसी के सभी भाई-बहनों एवं देश के सभी नागरिकों को क्रिसमस और नव वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाऍ अर्पित किया। उन्होंने कहा कि ईश्वर से यही प्रार्थना है कि बालक येसु आप सभी को आर्शीवाद प्रदान करें और पूरे वर्ष आप सभी ईश्वर के प्रेम,आनन्दर एवं शांति का अनुभव करें।
क्रिसमस का त्योहार ईश्वर का मानव जाति के प्रति प्रेम को दर्शाता है। हालांकि कि क्रिसमस ईसाई समुदाय का विशेष त्योहार है परन्तुर क्रिसमस सभी धर्मों के लोगों के लिए महत्विपूर्ण संदेश देता है। यह त्योहार पूरे समाज को प्रेम, इंसानियत और भाईचारे के साथ रहने का संदेश देता है।
पारंपरिक रूप से क्रिसमस की पूर्व रात्रि (24 दिसम्बर) को सभी गिरिजाघरों में संपूर्ण ईसाई समुदाय गिरजाघरों में प्रमु ईसा मसीह की स्तुति, प्रार्थना एवं आराधना हेतु एकत्रित होते है। इस दिन के लिए विशेष रूप से गिरजाघरों को सजाया जाता है। प्रार्थना एवं आराधना के पश्चावत सभी लोग जुलूस में बालक येसु को गिरिजाघर से गौशाला में ले जाकर रखते हैं। यह गौशाला प्रभु येसु की याद में चर्च के अन्दहर व बाहर बनाया जाता है और उसे सजाया जाता है।
परन्तु इस वर्ष कोविड-19 के कारण मध्य रात्रि को आयोजित होने वाला प्रार्थना एवं आराधना वाराणसी धर्मप्रान्ता के सभी गिरजाघरों में संध्याव 6 से 9 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान कोरोना से मुक्ति के लिए बालक येसु से विशेष रूप से प्रार्थना की जाएगी। गिरजाघरों में आने वाले सभी ईसाई समुदाय को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चर्च में प्रवेश दिया जाएगा। 
करीब तीन-चार दशकों से काशी में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला तीन दिवसीय क्रिसमस मेला का आयोजन इस वर्ष कोविड-19 के कारण स्थिगित कर दिया गया है। यह मेला संत मेरीज कथीयड्रल, कैन्टो न्मे न्ट  के प्रांगण में हर वर्ष 25-27 दिसम्ब्र तक आयोजित किया जाता रहा है। क्रिसमस मेला उद्देश्य अन्य धर्मों के साथ क्रिसमस की खुशियां बांटना और प्रभु ईसा के संदेश-प्रेम, शांति, एकताव भाईचारे को बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता रहा है।
अत: में उन्होंरने कहा क्रिममस का यह त्योहार हम सब के लिए परस्प र भाईचारा, धर्मिक सौहार्द और ढेर सारी खुशिया लेकर आये और आने वाले नव वर्ष में हम सब अपने जीवन में ईश्वर के प्रेम, आनन्द एवं शाति का अनुभव करें। 

 


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