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वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था दोनों के पुनरुत्थान के साथ जनवरी मंं जारी रही निर्यात में बढ़ोतरी : शरद कुमार सराफ, अध्यक्ष, फियो



 03/Feb/21

जनवरी, 2021 के निर्यात के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने कहा कि पुनरुद्धार के संकेतों के साथ निर्यात की लगभग सभी प्रमुख श्रेणियों के उत्पादों में प्रभावशाली बढ़ोतरी के साथ मासिक निर्यात में एक बार फिर इजाफा दर्ज किया गया है। फियो के अध्यक्ष ने दोहराया कि लगभग 5.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 27.24 अरब डॉलर के निर्यात से न सिर्फ ऑर्डर बुकिंग की बेहतर स्थिति, बल्कि आने वाले महीनों और नए वित्त वर्ष में सुधार के संकेत मिलते हैं।

कोविड-19 टीकों के प्रभाव से भी न सिर्फ वैश्विक व्यापार, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में जीवन और अर्थव्यवस्था दोनों ही अनुमानित रूप से वी आकार के सुधार के साथ विकास की राह पर लौटी हैं। श्री सराफ ने कहा कि आम बजट 2021-22 में ऐसे समय में अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, नौकरियों में कमी के समाधान और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराने के लिए उद्योगों को समर्थन देने पर ध्यान केन्द्रित करना सही है, जब इसकी खासी जरूरत है। श्री सराफ ने कहा कि एक विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हमारे विनिर्माण और निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के अलावा लॉजिस्टिक लागत को घटाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।

फियो अध्यक्ष ने कहा, जनवरी का निर्यात इस बात का भी संकेत है कि हमारे निर्यात के पारम्परिक और श्रम बहुल क्षेत्र (परिधान और चमड़ा को छोड़कर) सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण और मुश्किल दौर से गुजर चुके हैं। श्री सराफ ने कहा कि ऑयल मील्स, लौह अयस्क, अनाज उत्पाद और विविध प्रसंस्कृत सामान, फ्लोर कवरिंग सहित जूट विनिर्माण, तम्बाकू, चावल, फल एवं सब्जियों, कालीन, हस्तनिर्मित कालीन छोड़कर हस्तशिल्प, मसाले, सेरेमिक उत्पाद और ग्लासवेयर, इंजीनियरिंग सामान, दवा और फार्मास्युटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक सामान, चाय, काजू, प्लास्टिक व लिनोलियम, माइका, कोयला व अन्य अयस्क, खनिज, सूती धागे/ कपड़े/ रेडीमेड कपड़े, हथकरघा उत्पाद आदि, कॉफी और ऑर्गनिक व इनॉर्गनिक रसायनों के निर्यात में या तो अच्छी बढ़ोतरी या बढ़त से पुनरुत्थान के संकेत मिले हैं।

फियो प्रमुख ने यह भी कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों, चमड़े और चमड़े से बने उत्पादों, सभी टेक्सटाइल्स के आरएमजी, मानव निर्मित धागा/ कपड़े/ रेडीमेड कपड़े आदि, मीट, डेयरी व पोल्ट्री उत्पादों, तिलहन, समुद्री उत्पाद और रत्न व आभूषण सहित प्रमुख उत्पादों के निर्यात में गिरावट देखने को मिली है, जिनका भारत के निर्यात में अहम योगदान है और महीने के दौरान श्रम बहुल सेक्टर से होने वाले निर्यात को लेकर मुख्य चिंता रही है। हालांकि, जनवरी, 2021 के दौरान पिछले वित्त वर्ष के समान महीने की तुलना में आयात महज 2.05 प्रतिशत बढ़कर 41.99 अरब डॉलर हो गया, जिससे राजकोषीय घाटा 3.57 प्रतिशत घटकर 14.75 अरब डॉलर रह गया।

फियो के अध्यक्ष ने सरकार से आरओडीटीईपी दरें जल्द से जल्द अधिसूचित करने का अनुरोध किया, जिससे व्यापार और उद्योग के मन की अनिश्चितता दूर होगी और इससे विदेशी खरीदारों के साथ नए अनुबंध किए जा सकेंगे। श्री सराफ ने दोहराया कि सरकार को आरओडीटीईपी, एमईआईएस के लिए जरूरी फंड जारी करने और एसईआईएस के लाभों पर स्पष्टता, कंटेनर्स की पर्याप्त उपलब्धता, फ्रेट शुल्कों में कमी, जोखिम वाले निर्यातकों की समस्याओं के समाधान और निर्विक योजना के लिए फंड के आवंटन सहित प्रमुख समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए। ब्रांड इंडिया के उत्पादों के विपणन के लिए निर्यात विकास कोष के निर्माण की बहु-प्रतीक्षित मांग और सीमा शुल्क व बंदरगाह मंजूरियों के संबंध में विभिन्न इन्फ्रास्ट्रक्चर संबंधी बाधाओं को दूर करने से हमारे निर्यात को कोविड से पहले की विकास की राह पर ले जाने में सहायता मिलेगी।


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