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आपदा में अवसर तलाशने वालों की अब खैर नहीं : जिलाधिकारी



 28/Apr/21

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के अनुसार आपदा में अवसर तलाशने वालों की अनेकों शिकायतें प्रशासन को विभिन्न माध्यमों से मिल रही थीं। इन सबको दो दिन पूर्व प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से चेतावनी दी गई थी कि प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की अन्य जरूरी कार्यों में व्यस्तता का नाजायज़ फायदा कोई न उठाये और जनता से निर्धारित और जायज़ कीमत से ज्यादा न वसूले।

कुछ प्रतिष्ठानों और अस्पतालों ने इस पर अपनी शिकायतें कम कीं परंतु अधिकतर ने इस तरफ ज्यादा गौर नहीं किया।

अब समय आ गया है कि जनसामान्य से ज्यादा कीमत की शिकायतों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। अब सभी मेडिकल सेवाओं की कीमत, कालाबाज़ारी के एनफोर्समेंट के लिए दो टीमें गठित कर दी गई हैं जिसमें प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य तथा आयकर विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है। पहली बार जनपद में एनफोर्समेंट के कार्य हेतु आयकर के रेवेन्यु इंटेलिजेंस के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत पुलिस, प्रशासन और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ लगाया गया है। ये अस्पतालों, मेडिकल स्टोर, ऑक्सीजन ट्रेडर्स में ग्राहकों से वसूल किये जाने वाली धनराशि के रिकॉर्ड चेक करेंगे तथा इसके अनुसार भविष्य में आयकर और GST का असेसमेंट करेंगे। जो धनराशि दवा दुकानों, पैथोलॉजी लैब, अस्पतालों, ऑक्सीजन वेंडर और अन्य मेडिकल सर्विस प्रोवाइडर द्वारा वर्तमान में ली जा रही या जमा कराई जा रही है उसकी निर्धारित दरों और वस्तुओं के वास्तविक मूल्य से तुलना की जाएगी और प्रॉफिट मार्जिन निकाला जाएगा।

इस प्रॉफिट मार्जिन को टैक्स की गणना का हिस्सा बनाया जाएगा। इनके द्वारा जनता से फीडबैक और गुप्त सूचना भी इकट्ठी की जाएगी कि किस अस्पताल द्वारा इलाज में मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं, कम दिन एडमिशन पर भी ज्यादा कीमत ली जा रही है, ऑक्सीजन की क्या कीमत चार्ज की जा रही है, किस मेडिकल स्टोर पर दवा की कालाबाजारी की जा रही है, कौन ट्रेडर आक्सीजन की अधिक कीमत ले रहा है या इन कार्यों के लिए कहीं दलाल तो सक्रिय नहीं हैं। इनके लिये सक्रिय बिचौलियों की जानकारी भी ये टीमें इकट्ठा करेगी। बिचौलियों और दलालों की जानकारी करके उन्हें पकड़ा जाएगा और FIR करते हुए इन पर कड़ी आपराधिक कार्यवाही की जाएगी। सभी टीम के सदस्यों की विशेष ब्रीफिंग में बताया गया है कि किसी भी अस्पताल , मेडिकल स्टोर, ऑक्सीजन वेंडर आदि की शिकायतों को चेक करने के लिए जाएं तो सभी से इज्जत से पेश आएं, किसी तरह से छापेमारी तरह का माहौल ना बनाएं, किसी का अस्पताल या दुकान सील ना कराएं या मरीजों को देख रहे डॉक्टर को परेशानी न हो। इसके लिए केवल एकाउंट्स के रिकॉर्ड, ग्राहकों से ली जाने वाली धन राशि के विवरण, सप्लाई के बिल आदि ही चेक करें और एकाउंटेंट, मैनेजमेंट या सुपरिंटेंडेंट आदि अधिकारियों से ही ये डिटेल लें। रिकार्ड्स में जो प्रॉफिट मार्जिन पाया जाए उसे आयकर और GST विभाग नोट करे और अपने अपने भविष्य के असेसमेंट का हिस्सा बनाएं। किसी की भी मेडिकल सेवा बाधित ना करें। ये भी तय करें कि जो प्रॉफिट मार्जिन वर्तमान में चार्ज कर रहें हैं उसके अनुसार पूर्व वषों के भी असेसमेंट पुनरीक्षित करने की आवश्यकता है कि नहीं तथा कोई पूर्व की टैक्स लाइबिलिटी बन सकती है या नहीं। कुछ अस्पताल वार या मेडिकल दुकानवार शिकायतें प्राप्त हुई हैं तो उस केस के सारे रिकॉर्ड देखे जाएं और अनियमितता हुई है तो उस पर कार्यवाही की जाए।

अस्पताल या दुकानों में चेकिंग की सभी कार्यवाही सौहार्दपूर्ण तरीके से की जाए। परंतु बिचैलियों और दलालों से सख्ती से निपटा जाये। जब तक कोई अत्यंत आपत्तिजनक अनियमितता नहीं तब तक कार्यवाही आर्थिक स्तर पर ही की जाए ताकि अनियमितता करने वाले भविष्य में दीर्घ कालीन परिणाम भुगतें। आज इन दो टीम ने कार्य करना शुरू कर दिया है। इनके द्वारा दो अस्पताल तथा दो बड़ी दवा की दुकानों में उनके रिकार्ड्स चेक किये हैं। एक दो दिन बाद पुनः इनके रिकॉर्ड चेक किये जायेंगे।

 


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