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स्मार्ट सिटी बनारस में धैर्य इन्फ्राटेक प्रा. लि. कर रहा है अवैध निर्माण

संजय कुमार मिश्र

 07/Sep/18

वीडीए अधिकारियों की मिली-भगत से फल-फूल रहा है करोड़ों का अवैध कारोबार

पीएम मोदी के स्मार्ट सिटी बनारस में अवैध बिल्डरों की भरमार हो चुकी है। पहले तो गैर रजिस्टर्ड बिल्डर इस कारोबार में संगठित रूप से जुटे थे, किंतु अब वीडीए की मिलीभगत से बिल्‍डर बाकायदा प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी का तगमा लगा इस शहर की फिजां को बिगाड़ने में जुटे हुए है। जिसकी एक बानगी पिछले दिनों वाराणसी के थाना लंका क्षेत्र में प्रफुल्ल नगर कालोनी में देखने को मिली, जहां पार्क के एक कोने पर गोयल बिल्डर का तीन मंजिला अवैध निर्माण जारी था तो वहीं दूसरे कोने पर बाकायदा लगभग तीन हजार स्क्वायर फीट में होटल और फ्लैट का निर्माण अपने अंतिम चरण पर था।

क्लाउन टाइम्स की तफ्तीश टीम ने जब एक अदद फ्लैट खरीदने के बहाने मौके पर निर्माण करा रहे राजेश दूबे से बातचीत किया तो उन्होंने बताया कि यह निर्माण ‘धैर्य इन्‍फ्राटेक प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी’ के बैनर तले मालिक अम्बुज चतुर्वेदी के द्वारा हो रहा है। उन्होंने आगे बताया कि यह निर्माण पूरी तरह वीडीए के इंजीनियर व कर्मचारीयों की सहमति से कराया जा रहा है। हमारी कम्पनी के मालिक का लंका में ‘कृष्णा मेडिकल’ नामक प्रतिष्ठान है और वाराणसी से लेकर लखनऊ तक लगभग पन्द्रह साइडों पर कार्य हो रहा है। इसके पश्चात् उन्होंने क्लाउन टाइम्स के प्रतिनिधि को चारों मंजिल को एक-एक कर दिखाया और बताया कि फ्लैट वाला हिस्सा भू-स्वामी का है तथा होटल वाला हिस्सा हमारे मालिक (अम्बुल चतुर्वेदी) का है। उन्होंने हमारे प्रतिनिधि को अपने बिल्डर का मोबाईल नम्बर दिया और कहा कि आगे का सौदा वही करेंगे।

आप मेरा इंटरव्यू लेना चाहते हैं या मेरी बिल्डिंग का : अम्‍बुज चतुर्वेदी

इसके बाद शुरू होता है धैर्य इन्‍फ्राटेक प्रा.लि. के मालिक अम्बुज चतुर्वेदी से क्लाउन टाइम्स के प्रतिनिधि के साथ मोबाइल पर बातचीत करने का सिलसिला। बड़े ही बेबाकी के साथ श्री चतुर्वेदी ने क्लाउन टाइम्स को बताया कि भाई-साहब आप जानते हैं कि गंगा किनारे खास कर ‘प्रफुल्ल नगर’ में नक्शा पास होने का तो सवाल ही नहीं उठता और एक सवाल किया कि आप मेरा इंटरव्यू लेना चाहते हैं या मेरी बिल्डिंग का। मेरी तो वाराणसी में तीस बिल्डिंग बन रही है। उन्होंने आगे कहा कि जिस आधार पर प्रफुल्ल नगर में लोगों के घर-मकान बिना नक्शे के बने हैं, इसी आधार पर मेरी बिल्डिंग भी बन रही है।

विकास के मद में नम्‍बर दो के रूपया देने पर भी बिल्डिंग हुई सीज

अम्‍बुज चतुर्वेदी ने कहा कि अगर आप कुछ लिखना चाहते हैं तो यह लिखीये कि मेरी कम्पनी का आशापुर में कार्मिशयल बिल्डिंग का नक्शा वीडीए के द्वारा पास है पर वर्तमान सरकार के कारण मैं बहुत परेशान हूँ और पिछले आठ माह से मैं सफर कर रहा हूँ। बताया कि जब मैंने नक्शा पास कराने के लिये 28 लाख दिये और विकास के नाम पर ‘नम्बर दो’ का रूपया दिया, किंतु शासन के आदेश पर मेरी बिल्डिंग सीज कर दी गई और अधूरी बिल्डिंग पर ही कम्पाउडिंग चार्ज लगा दिया गया। जब कि सिस्टम यह है कि बिल्डिंग जब बन जाती है तब कम्पाउडिंग चार्ज लगाया जाता है पर मेरे साथ बिल्डिंग बनने के पहले ही यह चार्ज जो चौबीस लाख रूपये की थी वह लगाया गया। जिसे मैंने जमा करा दिया है फिर भी मैं सफर कर रहा हूँ। मेरा करोड़ों का नुकसान हो चुका है अगर छापना है तो यह छापिये। जब हमारे प्रतिनिधि ने उनसे मिलकर उनके कंस्ट्रक्शन कम्पनी के बारे में, उनके कार्य के बारे में, उनके साइट्स के बारे में इंटरव्यू के लिये समय मांगा तो 5 सितम्बर का समय मिला। तय समय पर जब हमारे प्रतिनिधि उनसे मिलने नगर निगम रोड सिगरा स्थित कोविल रेस्टूरेंट के सेकेण्ड फ्लोर स्थित आफिस में पहुंचे तो श्री अम्बुज जी से तो मुलाकात नहीं हुई तो मौके पर उपस्थित उनके प्रतिनिधि ने उन्हें फोन किया तो दस मिनट में आने की बात कही। इंतजार के बाद भी अम्‍बुज जी नहीं आये, किंतु उनके सभी वैध-अवैध निर्माणों की जिम्‍मेदारी संभालने का दावा करने वाले राजेश दूबे ने क्लाउन टाइम्स के प्रतिनिधि से कहा कि अम्बुज जी ने मुझे आपसे बात करने के लिये भेजा है।

क्‍लाउन टाइम्‍स प्रतिनिधि से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और राजेश दूबे का तेवर तल्‍ख होने लगा मानो किसी रियल स्‍टेट के कारोबारी से नहीं शहर के किसी दबंग गुंडे से बातचीत हो रही है। आईये हम आपको तफसील से बताते हैं कि क्‍लाउन टाइम्‍स के सीधे सवालों पर अपना आपा खो दिये श्री राजेश-

क्‍लाउन टाइम्‍स- आपके कम्पनी का डायरेक्टर और पार्टनर कौन है ?

राजेश- डायरेक्‍टर अम्बुज चतुर्वेदी हैं, पार्टनर कौन हैं आपको क्‍यों बताऊं।

क्‍लाउन टाइम्‍स- वाराणसी बिल्‍डर्स एण्‍ड डेवलपर्स एसोसिएशन में आपकी कंपनी रजिस्‍टर्ड है ?

राजेश- नहीं ! और गुण्‍डों सरीखे बर्ताव करते हुए तेज आवाज में बोले मैं आपके किसी भी सवाल का जवाब नहीं दूंगा। आपको जो लिखना है, जो छापना है छाप दीजिये। क्‍लाउन टाइम्‍स प्रतिनिधि वहां से उठकर वापस आ गये। श्री राजेश का तैश में आना लाजमी था क्‍योंकि उन्‍हें इस बात का अंदाजा हो चुका था कि जो सवाल अब पूछे जायेंगे वो इनके कंपनी के अवैध निर्माण से जुड़े होंगे, जिसमें सरकार से लेकर आयकर विभाग को करोडो का चूना लगाने का कार्य होता है और साथ ही एक अदद आशियाने का सपना देखने वाले भी इनकी जद में आकर फसते होंगे। खैर ये तो जांच का विषय है किन्‍तु इतना तो तय है कि यहां दाल में कुछ काला तो जरूर है।

खैर क्‍लाउन टाइम्‍स के प्रतिनिधि ने सवालों का सिलसिला खत्‍म किया और अपने कार्यालय आ गये, थोड़ी ही देर में कम्पनी के डायरेक्टर अम्बुज चतुर्वेदी का फोन प्रतिनिधि के मोबाइल पर आया और पूछा कि आप आए नहीं। प्रतिनिधि ने जब बताया कि आप के द्वारा नियुक्त श्री राजेश दूबे ने मेरे वहां आपके आने के इंतजार करने दरम्यान आए और कहा आपने उन्हें ही नियुक्त किया है बात करने के लिये और जब बातचीत शुरू की तो पहले प्रश्न पर ही हमें धमकी भरे लहजे में बिना किसी सवाल के जवाब दिये चले जाने को कहा। श्री अम्बुज ने कहा कि वो राजेश दूबे जी से बात करेंगे।

जब खबर के लिये श्री अम्बुज जी के तस्वीर उन्हीं की है इस कर्न्‍फमेशन के लिये उन्हें भेजा गया तो उनका पुन: मोबाईल पर कॉल आया और उन्होंने प्रतिनिधि को किसी भी तरीके की खबर ना लिखने की हिदायत दी। साथ ही हिदायत ना मानने पर परिणाम भुगतने की बात भी कही।

सूबे की योगी सरकार के ईमानदारी के दावे को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों एवं कर्मचारीयों ने धता बताते हुए खुलेआम अवैध बिल्‍डरों को खुली छूट दे रखी है कि वे अपना काम करें और हमारी जेब भरते रहें तभी तो पिछले दिनों वाराणसी वीडीए के उपाध्‍यक्ष राजेश कुमार ने अपने मातहत अधिकारीयों और कर्मचारीयों पर शिकंजा कसने की पहल किया तो सभी लामबंद होकर उनके खिलाफ हडताल पर जाने का ऐलान कर दिया था। वीडीए के इसी नेक्‍सेस के चलते शायद धैर्य इन्‍फ्राटेक प्रा.लि. जैसी कम्‍पनीयों के मालिक अम्बुज चतुर्वेदी जैसे स्‍वयं तो पर्दे के पीछे रहते हैं और अपने साथ चंद रूपयों की लालच के बदले मातहत कर्मचारियों को सभी गैर कानूनी निर्माण की जिम्‍मेदारी सौंपकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने में जुटे हैं। तभी तो इनके सिंडिकेट में भ्रष्‍ट अधिकारी, सेटिंग-गेटिंग वाले कथित पत्रकार और दबंग कर्मचारियों की लंबी फौज होती है जो इन्‍हें संरक्षण देने का काम करती है।

बताते चलें कि क्‍लाउन टाइम्‍स की तफ्तीश अभी जारी है, देखना है कि अम्‍बुज चतुर्वेदी जैसे अवैध बिल्‍डरों के खिलाफ योगी सरकार के आला अधिकारी उनके अवैध निर्माण के कारोबार पर नकेल कसने में कामयाब होते हैं या उनका कारोबार बदस्‍तूर जारी रहता है।


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