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जिले के 14 निजी चिकित्सालयों को ज्यादा शुल्क लेने पर नोटिस जारी



 17/May/21

दो दिनों के अंदर सूचना प्रेषित करें, नहीं तो महामारी अधिनियम 1897 व उ0 प्र0 महामारी नियमावली के तहत होगी कार्यवाही

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जिले में कोरोना पॉज़िटिव मरीजों के इलाज के लिए निजी चिकित्सालयों को सम्बद्ध किया गया है । इसके साथ ही कोरोना मरीजों के इलाज के लिए शासनादेश जारी कर दरें निर्धारित की गईं हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों में संज्ञान में आया है कि जिले के 14 निजी चिकित्सालय शासनादेश का उल्लंघन करते हुये कोरोना मरीज के परिजनों से निर्धारित दरों से अधिक रुपया ले रहे हैं और सुविधाओं के नाम अतिरिक्त शुल्क भी ले रहे हैं। इन सभी निजी चिकित्सालयों को नोटिस जारी कर दो दिन के अंदर सूचना प्रेषित करने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में संज्ञान में आया है कि जिले के 14 निजी चिकित्सालय शासन द्वारा निर्धारित दरों से ज्यादा शुल्क कोरोना मरीजों के परिजन से ले रहे हैं । वहीं उक्त सुविधाओं के नाम पर अतिरिक्त शुल्क नर्सिंग केयर, विशेषज्ञ विजिट आदि ले रहे हैं जो कि किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है । शासनादेश का घोर उल्लंघन है जिसकी अवहेलना करने वाले पर महामारी अधिनियम 1897 एवं उ. प्र. महामारी नियमावली 20 के अधीन दंडनीय है । चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि उपरोक्त नोटिस प्राप्त होने के उपरांत शासनादेश प्राप्त करके अपना शुल्क निर्धारित करते हुये दो दिनों के अंदर सूचना प्रेषित करें । अन्यथा की स्थिति में आपके चिकित्सालय पर महामारी अधिनियम के सुसंगत धाराओं की विधिक कार्यवाही करते हुये चिकित्सालय की कोविड मान्यता समाप्त कर दी जाएगी । इसके लिए चिकित्सालय स्वयं इसके उत्तरदायी होंगे ।

नोटिस भेजे गए निजी चिकित्सालयों की सूची इस प्रकार है

1. एपेक्स हॉस्पिटल भिखारीपुर  2. पॉपुलर हॉस्पिटल बछांव 3. पॉपुलर हॉस्पिटल डीएलडबल्यू

4. नोवा हॉस्पिटल शिवपुर 5. ओमेगा प्लस हॉस्पिटल सुंदरपुर 6. लक्ष्मी हॉस्पिटल कैंट 7. साईनाथ हॉस्पिटल सुंदरपुर 8. जनता हॉस्पिटल आखिरी बाईपास 9. डीपी मेडिकल सेंटर पहाड़ीया

10. एसएएस हॉस्पिटल हरहुआ 11. वरसोवा हॉस्पिटल चितईपुर 12. सूर्योदय इंडिया हॉस्पिटल भोजुवीर 13. मिडविन हॉस्पिटल मैदागिन 14. उपकार हॉस्पिटल सुंदरपुर

उल्लेखनीय है कि मध्यम बीमारी (मोडरेट सिकनेस) से ग्रसित मरीज को सहायक देखभाल सहित एक दिन के इलाज के लिए 10000 रुपये (पीपीई किट 1200 रुपये सहित) देने होंगे । दूसरे वर्ग में गंभीर बीमारी (सीवियर सिकनेस) से ग्रसित मरीज को आईसीयू में बिना वेंटिलेटर के लिए एक दिन के इलाज के लिए 15000 रुपये (पीपीई किट 2000 रुपये सहित) देने होंगे। जबकि तीसरे वर्ग में अधिक गंभीर बीमारी (वेरी सीवियर सिकनेस) से ग्रसित मरीज को एक दिन के इलाज के लिए 18000 रुपये (पीपीई किट 2000 रुपये सहित) देने होंगे । उपरोक्त दर एनएबीएच (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थकेयर) मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल के निर्धारित की गयी है । जबकि गैर एनएबीएच मान्यता प्राप्त के अंतर्गत पहले वर्ग के इलाज के लिए एक दिन के 8000 रुपये (पीपीई के 1200 रुपये सहित), दूसरे वर्ग के इलाज के लिए एक दिन 13000 रुपये (पीपीई के 2000 रुपये सहित) और तीसरे वर्ग के इलाज के लिए एक दिन के 15000 रुपये (पीपीई के 2000 रुपये सहित) देने होंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पहले वर्ग के पैकेज में में कोविड केयर प्रोटोकाल के अनुसार उपचार प्रदान किये जाने के लिए बेड, भोजन तथा अन्य सुविधायें जैसे- नर्सिंग केयर, मानीटरिंग, इमेजिंग (एक्स-रे) सहित अन्य आवश्यक जांचे जैसे- सीबीसी, आरबीएस, एलएफ़टी, आरएफ़टी इत्यादि विजिट/ कन्सल्ट, चिकित्सक, परीक्षण आदि की सुविधायें सम्मिलित हैं। प्रयोगात्मक उपचार जैसेरैमडेसिविर इत्यादि को छोड़कर अन्य उपचार पैकेज में सम्मिलित हैं। (कोविड-19 हेतु आरटीपीसीआर टेस्ट तथा आई.एल. 6 टेस्ट सम्मिलित नहीं किया गया है।

दूसरे वर्ग के पैकेज में कोविड केयर प्रोटोकाल के अनुसार उपचार प्रदान किये जाने के लिए बेड, भोजन तथाअन्य सुविधायें जैसे- नर्सिंग केयर, मानीटरिंग, इमेजिंग (एक्स-रे) सहित अन्य आवश्यक जांचे जैसे-सीबीसी, आरबीएस, एलएफ़टी, आरएफ़टी इत्यादि विजिट/ कन्सल्ट, चिकित्सक, परीक्षण आदि की सुविधायें सम्मिलित हैं। को-मोर्बिडटीज इस श्रेणी में हाइपरटेंशन एवं अनियंत्रित डायबिटीज रोगियों का उपचार तथा अल्प अवधि की हीमोडायलिसिस की सुविधा भी पैकेज में सम्मिलित है। प्रयोगात्मक उपचार जैसे- रैमडेसिविर इत्यादि को छोड़कर अन्य उपचार पैकेज में सम्मिलित हैं। (कोविड-19 हेतु आरटीपीसीआर टेस्ट तथा आई.एल-6 टेस्ट सम्मिलित नहीं किया गया है।

तीसरे वर्ग के पैकेज में कोविड केयर प्रोटोकाल के अनुसार उपचार प्रदान किये जाने के लिए इनवैसिव मैकेनिकल वेन्टीलेशन तथा नान-इनवैसिव मैकेनिकल वेन्टीलेशन जैसे–च.एफ.एन.सी. एवं बाई पैप की आवश्यकता वाले रोगियों का उपचार सम्मिलित है एवं बेड, भोजन तथा अन्य सुविधायें जैसे- नर्सिंग केयर, मानीटरिंग, इमेजिंग (एक्स-रे) सहित अन्य आवश्यक जांचे जैसे - सीबीसी, आरबीएस, एलएफ़टी, आरएफ़टी इत्यादिविजिट/कन्सल्ट, चिकित्सक, परीक्षण आदि की सुविधायें सम्मिलित हैं। को-मोर्बिडटीज इस श्रेणी में हाइपरटेंशन एवं अनियंत्रित डायबिटीज रोगियों का उपचार तथा अल्प अवधि की हीमोडायलिसिस की सुविधा भी पैकेज में सम्मिलित है। प्रयोगात्मक उपचार जैसे-रैमडेसिविर इत्यादि को छोड़कर अन्य उपचार पैकेज में सम्मिलित हैं। (कोविड-19 हेतु आरटीपीसीआर टेस्ट तथा आई0एल0-6 टेस्ट सम्मिलित नहीं किया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि उक्त दरों का निर्धारण पीडियाट्रिक रोगियों के ऊपर भी लागू है । गर्भवती महिलाओं का प्रसव नार्मल/सी-सेक्शन तथा नवजात शिशु के उपचार पर होने वाले व्यय को चिकित्सालय द्वारा आयुष्मान भारत योजना के प्रचलित दर पर अलग से लिया जायेगा। यद्यपि, आयुष्मान भारत के लाभार्थियों से इस सम्बन्ध में कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा।

पूर्व से सम्बद्ध निजी चिकित्सालय -

1:- हेरिटेज इंस्टीट्यूटी ऑफ मेडिकल साइंसेज  2:-  ओरियाना हास्पिटल 3:- दीर्घायु हास्पिटल 4 :-शुभम् सद्भावना हास्पिटल 5:- सिंह मेडिकल एण्ड सर्जिकल सेण्टर 6:- शिव सर्जिकल हास्पिटल 7:- ओपल हास्पिटल 8:- मेरीडियन हास्पिटल 9:- अलकनन्दा हास्पिटल 10:- कल्पना मल्टी स्पेशिलिटी हास्पिटल 11:- एलायंस हास्पिटल 12 :- महाश्वेता हास्पिटल 13:- त्रिमूर्ति हास्पिटल 14:- फोर्ड हॉस्पिटल 15:- मैक्सवेल हास्पिटल 16:- सरभ हास्पिटल 17:- गैलेक्सी हास्पिटल 18:- ज्ञानविष्णु हास्पिटल 19:- इन्द्रा हास्पिटल 20:- रूद्रकाशी हास्पिटल 21:- जे.पी. नर्सिंग होम

22:- सार्थक सर्जिकल सेण्टर 23:- कुलवन्ती हास्पिटल 24:- अनन्त हास्पिटल 25:- आलोक हास्पिटल 26:- सन्मुख हास्पिटल 27:- रॉयल मैटर्निटी एण्ड नर्सिंग होम 28:- न्यू जागृति हास्पिटल 29:- स्मार्ट मेडिसिटी 30:- शिवम् हास्पिटल 31:- राम बिलास हास्पिटल 32:- मांराजवती हास्पिटल 33:- केयर हास्पिटल 34:- खुशहाल हास्पिटल 35:- संतुष्टि हास्पिटल 36:- श्री रामकृष्ण मिशन होम ऑफ सर्विस।

उपरोक्त निजी चिकित्सालयों द्वारा भेजी गयी दरें शासनादेश द्वारा निर्धारित की गयी दरों के समतुल्य पायी गईं लेकिन इन चिकित्सालयों पर भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नजर रखी जा रही है ।

 


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