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कम फीस में बेहतर इलाज के लिये जाना जाता है साईनाथ हॉस्पिटल



 18/May/21

बिचौलियों से दूरी बनाकर रखते है : डॉ. राजेश पटेल

पिछले दिनों जिले के 14 निजी चिकित्सालयों को कोरोना इलाज की निर्धारित दरों से ज्यादा शुल्क लेने पर नोटिस जारी हुई। सुन्दरपुर स्थित साईनाथ हॉस्पिटल उनमे से एक है। इस बारे में जानकारी हेतु क्लाउन टाइम्स की टीम पहुंची साईनाथ हॉस्पिटल और हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. राजेश पटेल से सीधी बात की।

डॉ. राजेश पटेल बताया कि उनके हॉस्पिटल में कोविड मरीज़ों के इलाज के लिए शासन द्वारा निर्धारित शुल्क ही लिया जाता है।पता नहीं किसने शिकायत की और क्यों उनके हॉस्पिटल को नोटिस दिया गया ये बात उनकी समझ से परे है। फिलहाल उन्होंने नोटिस का जवाब सी एम ओ आफिस में सबमिट करवा दिया है।

डॉ. राजेश पटेल ने बताया कि 55 बेड वाले साईनाथ हॉस्पिटल में कोरोना के L2 श्रेणी के 18 बेड, L3 श्रेणी के 7 बेड है। उनके हॉस्पिटल में अधिक फीस लेने संबंधित कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई थी। वे हैरान थे कि कैसे उनका हॉस्पिटल इस अधिक शुल्क लेने वाले हॉस्पिटल की लिस्ट में आ गया। अगर कुछ हॉस्पिटल अधिक शुल्क लेते हैं तो उसकी जांच करके ही कोई कार्यवाही करनी चाहिए न कि बिना जांच के ही किसी हॉस्पिटल को नोटिस जारी करना चाहिए।

डॉ. राजेश पटेल ने बताया कि पिछले दिनों कोरोना के गम्भीर संकटकाल में उनके हॉस्पिटल को प्रशासन से पूरी मदद मिली चाहे वो ऑक्सीजन सप्लाई की हो या रेमेडेसिविर इंजेक्शन की। इस समय भी प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है।

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होने बताया कि कोरोना का रेमेडिसिविर इन्जेक्शन कोविड पेशेंट्स के फेफड़े के इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए बहुत कारगर है। रेमेडिसिविर इंजेक्शन की कीमत रु 900 से लेकर 2600 तक है। एक महंगा इंजेक्शन टेक्लीजाईमूव (Teclizymuv) की कीमत तो 45000 रु है, जो कि सी टी के स्कोर पर डिपेंड करता है कि किस मरीज़ को इसकी जरूरत है।

डॉ.राजेश पटेल ने बताया शासनादेश के अनुसार उनके हॉस्पिटल में कोविड मरीजों के लिये निर्धारित रेट लिस्ट लगी हुई है। किसी भी मरीज़ से अधिक शुल्क नहीं लिया जाता है। कोरोना काल में उन्होंने और हॉस्पिटल के सारे स्टाफ ने अथक परिश्रम किया व अपनी जान जोख़िम में डाल कर मरीजों की चिकित्सा की। इंफेक्शन के डर से जब मरीज़ के घरवाले मरीज़ को छूना तो दूर नज़दीक भी नहीं फटकते थे, उन्होंने और स्टाफ ने मरीज़ को टच भी किया और इलाज भी किया।

आगे उन्होंने बताया कि उनका दावा है कि पूरे बनारस में वे कम शुल्क में बेहतर इलाज करते है। उनके हॉस्पिटल में किसी एम्बुलेंस वाले या किसी बिचौलिये की इन्ट्री पर प्रतिबंध है।

 


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