कोरोना के कहर से अभी निजात मिली ही नहीं कि एक और जानलेवा बीमारी देश में अपने पांव पसारने लगी है। सैकड़ों केस मिलने के बाद कुछ राज्यों ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। इस बीमारी की शुरुआत नाक से होती है धीरे धीरे ये बढ़ती हुई मुंह, दाँतों और आंखों से लेकर दिमाग़ तक पहुंच जा रही है। इसका इलाज संबंधित अंग की सर्जरी ही रह जाती है। यदि ये बीमारी शुरू में ही पहचान ली जाये तो समय रहते इसका इलाज हो सकता है।
वाराणसी के प्रसिद्ध दंत चिकित्सक डॉ अमर अनुपम ने क्लाउन टाइम्स रिपोर्टर दिनेश मिश्र से चर्चा के दौरान बताया कि दांतो को ब्लैक फंगस से बचाने के लिए इसकी शुरू में ही पहचान करनी जरूरी है। इन लक्षणों से ब्लैक फंगस की पहचान की जा सकती है।
1.चेहरे की हड्डी में एक या दोनों तरफ दर्द का होना
2.तालू में सूज़न और बाद में घाव
3.मसूढ़े में सूजन और घाव
4.दाँतों में दर्द व मुंह से दुर्गंध आना।
इस तरह के लक्षणों वाले मरीजों को तुरन्त विशेषज्ञ दंत चिकित्सक से अपनी जांच करानी चाहिए व इलाज़ शुरू करना चाहिए।
डॉ अमर अनुपम के अनुसार कोविड संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने के तुरंत बाद
1.अपना टूथब्रश और टंग क्लीनर बदल देना चाहिए।
2.नियमित रूप से 2% पोवीडिन आयोडीन से माउथ वाश व गार्गल करें।
3.प्रतिदिन अपने टूथ ब्रश व टंग क्लीनर को एंटिसेप्टिक माउथवाश से डिशइन्फेक्ट करे।
4.कोविड से रिकवर हुए पेशेंट्स के ब्रश व टंग क्लीनर को अलग रखना चाहिए।
डॉ. अमर अनुपम के अनुसार उनके हॉस्पिटल में पिछले दिनों 3 मरीज़ की पहचान करके उन्हें हायर सेन्टर को रेफर कर दिया गया क्योंकि उनकी तालू की हड्डी गल चुकी थी।