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अलायन्स हॉस्पिटल में 95 प्रतिशत कोविड पेशेंट्स हुए ठीक



 27/May/21

युद्ध स्तर पर डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ के रात दिन मोर्चे पर डटे रहने का है नतीज़ा : डॉ. जावेद इक़बाल

कोरोना काल में इस जानलेवा बीमारी से मानवता की रक्षा के लिए चिकित्सकों व स्टाफ ने अपनी जान की बाज़ी लगा दी। इसी वजह से देश में सैकड़ों चिकित्सकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। कोरोना काल में देश, प्रदेश व जिले के कई हॉस्पिटल आपदा में अवसर को मूलमंत्र मानकर जहाँ मरीज़ों से कोरोना के तय रेट से कई गुना धन उगाही को लेकर चर्चा में रहे, कुछ को तो प्रमाण के आधार एवं प्रशासन की पहल पर मरीज़ों से लिये गये अतिरिक्त फीस व दवाओं के पैसे वापस करने पड़े वही पर कुछ हॉस्पिटल व डॉक्टर ने वास्तव में प्रशासन द्वारा तय रेट पर ही मरीज़ों की उचित चिकित्सा की और एक उदाहरण पेश किया। कोविड हॉस्पिटल की पड़ताल के इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए क्लाउन टाइम्स के रिपोर्टर दिनेश मिश्र व प्रतिमा पाण्डेय ने वाराणसी के अलायन्स हॉस्पिटल के संचालक डॉ जावेद इक़बाल से की सीधी बात।

डॉ. जावेद इक़बाल ने बताया कि पिछले दिनों उनके हॉस्पिटल में 400 के ऊपर कोरोना के पेशेंट्स एडमिट हुए जिनके सकुशल ठीक होने का प्रतिशत 95 है । करीब 20 से 25 पेशेंट्स तो वेंटीलेटर पर जा कर वापस आये

कोविड के पेशेंट्स से अनेकों हॉस्पिटल द्वारा बहुत अधिक धन उगाही यहां तक कि डेड बॉडी को दिखाने के नाम पर भी धन उगाही होने के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि ऐसी खबर मीडिया के माध्यम से उन्हें भी पता चलती रहती है । यह स्थिति बहुत ही दुःखद एवं मानवता को शर्मशार करने वाली है । ऐसी घटनायें चिकित्सा जगत एवं डॉक्टरी के पेशे को बदनाम व कलंकित करती है

डॉ. जावेद इक़बाल ने बताया कि उनके हॉस्पिटल में कभी कोई ऐसी घटना नही हुई । प्रशासन द्वारा तय रेट में ही उनके हॉस्पिटल में कोविड पेशेंट्स को इलाज़ मुहैया करवाया गया है । आगे उन्होंने कहा कि अलायन्स हॉस्पिटल L2 L3 कटेगरी का कोविड हॉस्पिटल है जहाँ प्रशासन द्वारा तय रेट में ही कोविड मरीज़ों को डॉक्टर, नर्सेज, आई सी यू, वेंटीलेटर, बेसिक मेडिसिन, बेसिक टेस्ट एवं पीपीई किट जैसी सारी सुविधाएं दी जाती है

डॉ. जावेद ने क्लाउन टाइम्स को बताया कि अलायन्स हॉस्पिटल मूलतः एक यूरोलॉजी हॉस्पिटल है कोरोना काल में यूरोलॉजी के मरीज़ों में भी कोविड के लक्षण पाये गए जिनके इलाज हेतु लाइन ऑफ ट्रीटमेंट डिसाइड करके उनका इलाज किया गया उन्होंने आगे बताया कि मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता में जब कमी आ जाती है तब उसे कई रोगों से एक साथ लड़ना पड़ता है । यूरोलॉजी के पेशेंट्स अक्सर अधिक उम्र के होते है जैसे प्रोस्टेट, पेशाब का रुक रुक कर आना या रुक जाना, यूटीआई इन सब पेशेंट्स को कोविड का संक्रमण होने के खतरे अधिक होते है । यूरोलॉजी के सीरियस पेशेंट्स जिनको कैंसर होता है, उन्हें भी कोविड का संक्रमण होने का खतरा अधिक हो जाता है

कोरोना काल मे अलायन्स हॉस्पिटल की 80 लोगों की टीम जिसमे 12 डॉक्टर शामिल है, ने रात दिन मरीज़ों का इलाज किया और अपने जान की परवाह नही की । हॉस्पिटल में 5 वेंटिलेटर व 12 बाईपैप मशीनों सहित मरीज़ों के इलाज हेतु सारी सुविधाएं उपलब्ध है

उन्होंने आगे बताया कि कोरोना काल में एकाएक मरीज़ों की संख्या में इजाफा होने से काफ़ी दिक्कतें पेश आयीं किन्तु सरकार व प्रशासन के सहयोग से ऑक्सिजन व रेमेडिसिविर इन्जेक्शन की किल्लत को मैनेज कर लिया गया । उन्होंने कहा कि कोरोना सहित किसी भी रोग का इलाज अपने आप किसी के द्वारा कहीसुनी दवाओं से नहीं करना चाहिए, ये खतरनाक व जानलेवा है । किसी भी रोग के इलाज हेतु डॉक्टर की सलाह जरूरी है


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