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मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया



 05/Sep/21

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान शिक्षक दिवस के अवसर पर कमच्छा स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय की चाणक्य भवन में आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में 11 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रबुद्ध सम्मेलन में लोगो को सम्बोधित करते हुए भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनके योगदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि देश में 1947 से सरकारें चली आ रही हैं। इतने लम्बे समय बाद भी सरकार का विकास का विजन तय नहीं हो पाता था, अपने एक संकीर्ण एजेंडे के साथ सरकारें आती-जाती थीं। एक नेतृत्व वो था, जिसने आज़ादी के तत्काल बाद सोमनाथ मंदिर के कार्य के शुभारंभ का विरोध किया था और एक नेतृत्व आज है जो अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य के लिए प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होकर 5 सदी के इंतजार को दूर कर गौरव की अनुभू​ति कर रहा है। पूर्व की सरकारें संकीर्ण एजेंडे के साथ आती थीं, इसे काशी ने महसूस किया होगा। काशी एक नया उदाहरण जन्म से अंतिम यात्रा तक बनी है। वाराणसी का विकास पूरे प्रदेश के विकास का आधार था। काशी में प्रवासी भारतीय दिवस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशन में मनाया गया था। प्रवासियों की इच्छा भारत में आने की होती थी, लेकिन नहीं आ पाते थे। यह सौभाग्य प्रधानमंत्री ने दिया। हमने प्रवासी नगर बनाया, टेंट सिटी बनाया था। यह सबसे शानदार प्रवासी सम्मेलन था। प्रवासी भारतीय दिवस पूर्व में राज्य की राजधानियों में होता था। काशी में जो हुआ वह प्रयागराज कुम्भ में भी हुआ। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि शासन की योजनाओं से सरकारों की नीयत का पता चल जाता है। कुम्भ व प्रवासी सम्मेलन ने शासन की नीयत साफ कर दी। उतर प्रदेश ने चार वर्ष में प्रधानमंत्री के विजन को सार्थक किया। इसको बनाने में सभी का योगदान रहा। प्रदेश के बारे में अब लोगों में अच्छी धारणा बनी हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आजादी के बाद भारतीयता से जुड़े लोगों को हतोत्साहित किया गया। इससे इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय आस्था व संस्कृति की आत्मा की पहचान वाले देश के स्थानों की पहचान को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया गया। योग दिवस व कुंभ को वैश्विक आयाम मिला। एक नेतृत्व ने सोमनाथ के निर्माण का विरोध किया तो आज अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। काशी में विश्वनाथ धाम कारिडोर बन रहा है। उन्होंने बहुत कि महात्मा गांधी ने 1916 में काशी की गंदगी का उल्लेख किया। आज काशी, नई काशी के रूप में प्रस्तुत है। मां विंध्यवासिनी धाम योजना के साथ ही मथुरा आदि में जो योजनाएं लागू हो रही हैं उससे विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने अयोध्या में प्रथम बार दीपोत्सव के आयोजन का उल्लेख किया। कहा कि इससे प्रजापति समुदाय को रोजगार का अवसर मिला। प्लास्टिक पर प्रतिबंध का फायदा यह हुआ है कि मिट्टी के बर्तन का निर्माण ज्यादा होने लगे। मिट्टी मूर्ति निर्माण की संख्या बढ़ी है। उससे कुंभकारों का फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर भारत के विजन ने देश का कल्याण किया है। उन्होंने कहा कि काशी से सर्वपल्ली राधाकृष्ण का सम्बंध है। इसके निर्माण में सभी का योगदान अविस्मरणीय बीएचयू परिवार मानता है। सनातन धर्म का केंद्र काशी प्राचीन काल से रहा है। काशी को जानने व देखने की उत्सुकता सदा से बनी रही है। लोग इसके भौतिक स्वरूप नहीं देख पाते थे। पिछले सात वर्षों से काशी अपने नए कलेवर के रूप में पुरातन कलेवर का स्वरूप बनती जा रही है। भौतिक विकास के रूप में काशी जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप बढ़ रही है। हमें भी अवसर मिला यह हमारा सौभाग्य है। प्रधानमंत्री के संकल्प के साथ विकास का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। काशी के साथ ही अन्य स्थलों पर भी विकास के कार्य पूरे हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दंगों के बिना कोई त्योहार नहीं होता था, चार सालों में प्रदेश में व्यापक परिवर्तन दिखाई पड़ रहा है। सभी ने अपने क्षेत्र में कार्य किया। उत्तर प्रदेश के बारे में जो गलत धारणाएं थीं वे चार सालों में सही हुई हैं। प्रति व्यक्ति आय प्रदेश में बढ़ी है। हमने अलग-अलग क्षेत्रों में प्रयास किया। तीन-चार वर्ष में चौथे नम्बर की रैंकिंग को दूसरे स्थान पर ला खड़ा किया। प्रथम कोरोना काल में हमने अपनी बसों से कोटा से सभी छात्रों को घर पहुंचाया। प्रयागराज से छात्रों को घर पहुंचाया। प्रदेश के 40 लाख लोगों को घर तो पहुंचाया ही, अन्य राज्यों के लोगों को भी उनके घरों तक पहुंचाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच विचार करना होगा कि हम बच्चों को कैसे शिक्षा से जोड़ें। इसके लिए तकनीक की जरूरत है, लेकिन जिसके पास स्मार्ट फोन, टैबलेट नहीं हैं वह शिक्षा से कैसे जुड़ें। हम उन बच्चों के लिए सहज तकनीक की खोज करें। इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है। शिक्षक ओपन स्कूल के माध्यम से शिक्षा दें। यह पुरातन गुरुकुल परंपरा रही है। ऐसी ही शिक्षण व्यवस्था की जरूरत है। हमारे पास अभी भी कई चुनौतियां हैं। उन चुनौतियां का सामना करने के लिए काशी का शिक्षक समाज आगे आए। विद्वत समाज हमेशा समाज को सकारात्मक ऊर्जा दे सकता है। काशी की यह ऊर्जा देश को नई ऊर्जा देगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रोफेसर संजय गुप्ता, संजय पाठक, दीनानाथ सिंह, प्रोफेसर कौशल कुमार मिश्र, प्रोफेसर सुनील मिश्रा, जेपी लाल, प्रोफेसर आरएन चौरसिया, आचार्य नंदिता शास्त्री, प्रोफेसर ओपी भारती, रश्मि सिंह एवं प्रभा सिंह साहित्य 11 शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को अंगवस्त्रम एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर प्रबुद्ध सम्मेलन का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर मंत्री अनिल राजभर, मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, मंत्री रविंद्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव एवं महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय सहित प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

 


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