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भारतीय आर्थिक संघ (इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन) के रीजनल ज्वाइंट सेक्रेट्री चुने गए डॉ० जगदीश सिंह



 04/Jan/22

भारतीय आर्थिक संघ (इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन) का 104 वां अधिवेशन मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर, राजस्थान में दिनांक 27 दिसंबर से 29 दिसंबर 2021 को संपन्न हुआ। जिसमें हरिशचंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय के  अर्थशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष - डॉ० जगदीश सिंह प्रतिभाग करने गए थे l उन्होंने अधिवेशन के चौथे  तकनीकी सत्र में चेयर पर्सन की भूमिका भी निभाई साथ ही उन्होंने कोविड-19 का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव से संबंधित अपना शोध पत्र भी पढ़ा। अधिवेशन में पूरे देश से अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया जिसमें एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक की गई उसके बाद जनरल बॉडी की मीटिंग  हुई इन दोनों बैठकों में सर्वसम्मति से इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन के सचिव द्वारा डॉ० जगदीश सिंह का नाम रीजनल ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए प्रस्तुत किया गया काउंसिल की बैठक में सर्वसम्मति से डॉ० जगदीश सिंह को रीजनल ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर चुन लिया गया  जिसे जनरल बॉडी की मीटिंग में भी सर्वसम्मति से आपको इस पद पर चुन लिया गया। इस बैठक में इंडियन इकोनामिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर घनश्याम सिंह जनरल सेक्रेटरी प्रो. डीके अस्थाना चीफ कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर एके तोमर कोषाध्यक्ष प्रोफेसर इंदु वर्ष्णेय तथा सभी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के मेंबर और भारतीय आर्थिक परिषद के सभी लाइफ मेंबर और पदाधिकारी मौजूद थे।

साथ ही मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री एवं डायरेक्टर हनुमान प्रसाद के साथ-साथ विश्वविद्यालय की पूरी टीम मौजूद थी भारतीय आर्थिक संघ द्वारा आयोजित 27 दिसंबर से 29 दिसंबर 2021 तक होने वाले अधिवेशन में पूरे देश से अर्थशास्त्रियों का जुटान हुआ इसमें उदयपुर के युवराज लक्ष्यराज सिंह भी मौजूद थे जिसके कारण इस अधिवेशन में चार चांद लग गई। उदयपुर के युवराज लक्ष्यराज सिंह ने भी अपने संबोधन में भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए लघु एवं कुटीर उद्योगों के विकास की बात कही। डॉ. जगदीश सिंह ने अपने संबोधन में यह बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा जो लोकल फार वोकल और वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया जा रहा है यह काफी सराहनीय कार्य है। यदि हम वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के उत्पाद को स्किल इंडिया के माध्यम से आगे बढ़ाएं और उसकी गुणवत्ता में वैश्विक स्तर पर सुधार करके  प्रतियोगिता करने में सक्षम बनाये तो अवश्य ही हमारा देश जो छोटे-छोटे उत्पादों को विदेशी देशों से खरीदता है विशेष रूप से चीन पर निर्भर रहता है तो उसकी निर्भरता अन्य देशों से समाप्त होगी और हमारा देश आत्मनिर्भर होगा। जब हमारा देश अपने उत्पाद के माध्यम से आत्मनिर्भर होगा तभी हमारे देश का व्यापार संतुलन एवं भुगतान संतुलन संतुलित होगा और अर्थव्यवस्था तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ेगी भारत का राजकोषीय घाटा भी कम होगा।


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