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प्रमुख दरों में यथास्थिति का उद्देश्य निर्यातों तथा विनिर्माण की सहायता करना: फियो अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल



 10/Feb/22

फियो अध्यक्ष डॉ. ए शक्तिवेल ने रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के मौद्रिक नीति वक्तव्य पर टिप्पखणी करते हुए कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने दोनों का मूल्यांकन करते हुए विकास तथा मुद्रास्फीति के बीच एक अच्छा संतुलन बनाया है और दरों के साथ छेड़छाड़ नहीं की है।  इसके साथ ही बजट 2022-23 में वित्तमंत्री द्वारा आपातकालीन क्रेडिट लिंक्ड गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के विस्तार से निर्यात क्षेत्र में ऋण के प्रवाह में और बढोतरी होगी।

 फियो अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कंटेनरों और श्रम की कमी तथा उच्च माल ढुलाई की चुनौतियों को भी स्वीकार किया है जिसके कारण 2022-23 के लिए व्यापार वृद्धि अनुमान को संशोधित कर ६ प्रतिशत किया गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय निर्यात का मांग पक्ष बेहद उत्साहवर्धक है और निर्यात क्षेत्र द्वारा अगले वित्त वर्ष में भी लॉजिस्ट्क्सि बाधाओं के बावजूद अपना उल्लेखनीय प्रदर्शन दुहराया जाना तय है। डॉ. ए शक्तिवेल ने उम्मीद जताई कि चूंकि वैश्विक स्तर पर अब देश खुल रहे हैं, लॉजिस्टिक्स मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा जिससे निर्यात के चक्र में कमी आएगी। इसी के साथ साथ, हमें अपनी आत्म निर्भर रणनीति में और वृद्धि करने के लिए अपने देश में ही कंटेनर विनिर्माण की स्थापना करने पर ध्यान देना चाहिए, विशेष रूप से इसलिए कि देश में तटीय विनिर्माण में भी अब तेजी दिखाई दे रही है।

फियो अध्यक्ष ने कहा कि जहां रुपये का वर्तमान मूल्य से निर्यात में सहायता प्राप्त हो रही है, हमें  सावधान रहने की भी आवश्यकता है क्योंकि कई उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में हाल के पूंजी प्रवाह का परिणाम उनकी मुद्राओं में तेज अवमूल्यन के रूप में आया है जिससे वे और अधिक प्रतिस्पर्धी बन गए हैं।


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