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जो मुद्दे खत्म हो चुके है भाजपा उन मुद्दों को उभार रही है : पंखुड़ी पाठक

चंचल दास

 14/May/19

वाराणसी, कांग्रेस पार्टी के खजुरी स्थित मीडिया सेंटर में कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय मीडिया पैनल की सदस्य सुश्री पंखुड़ी पाठक नें 84 दगों पर कहा कि कांग्रेस इस पर मॉफी मांग'चुकी है और यह मुद्दा कब का समाप्त हो चुका है जिसे भाजपा जानबूझ कर उठा रही है, क्योंकि भाजपा सिर्फ जुमलों की पार्टी बन कर रह गई है । सुश्री पंखुड़ी पाठक के अनुसार भाजपा नें हर भारतीय के खाते में 1 लाख जमा कराने कावायदा किया था, हरसाल दो करोड़ नौकरी देने का वायदा किया था पर जब यह वायदे खोखले साबित' हुए तो जनता को बे-मतलब के मुद्दों में उलझा रही है कांग्रेस जो वायदा करती है उसे पूरा करती है । प्रियंका वाड्रा को पूर्वाचल का प्रभारी बनाए जाने से यहां से अच्छे नतीजे की उम्मीद बढ़ गई है ।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय की तरफ से काशीवासियों के नाम एक अपील पत्र जारी किया गया जिसमें अजय राय की तरफ से कहा गया है कि-' मैं काशी का बेटा एवं समर्पित जनसेवक हूं । आपके बीच संसद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार हूं । 2014 में काशी नें ''संसद नही, पीएम चुनो'' नारे पर वोट दिया और काशी को एक ऐसा सांसद मिला जिसे काशी वालों पर भरोसा नही है । पांच साल उन्होंने अपने गोद लिए गांव सहित अन्य विकास कार्यों के प्रबंघन हेतु अपना प्रतिनिधि महाराष्ट्र के अपने खास सांसद को रखा । जो थोड़े विकास कार्य हुए उनके ठेके भी गुजराती कारोबारी कंपनियों को मिले । अपने गोद लिए पहले गांव की एक यात्रा छोड़ किसी गांव में सांसद नहीं गए । आम काशीवासी तो दूर उनकी पार्टी के स्थानीय नेता भी उनसे नहीं मिल पाते । यहां तक कि अपना सांसद कार्यालय प्रभारी भी किसी काशीवासी को बनाने से परहेज रखा, जिससे वहां उम्मीद से दी जाने वाली अर्जियां रद्दी का कागज ही बनती रही । पांच साल बाद फिर वह चुनाव लड़ने आये तो न केवल अपने नोटरी हलफनामे वगैरह, बल्कि नामांकन कराने वाले अपने एडवोकेट तक को गुजरात से ही लेकर आये । इस तरह काशी के सांसद से काशी का सीधा रिश्ता ही नहीं बना । दूसरी ओर पीएम स्तरीय बड़े कामों की उम्मीदों का पहाड़ भी औंधे मुंह रहा । नए कल-कारखाने, पुराने उद्यमों का संरक्षण, रोजगार के नए मौके, चिकित्सा या शिक्षा की नई संस्थानों आदि जैसा कुछ नहीं हुआ, जिसे प्रधानमंत्री स्तर की कहें' । 
ऐसे ही अन्य बातों का अपने अपील में जिक्र करते हुए अजय राय आगे लिखते है- मैं आप का हूं । हर वक्त उपलब्ध काशी का अहर्निश सेवक हूं ।

काशी की समस्याएं रही हो या अविरल गंगा का प्रश्न या काशी के संत समाज के उत्पीड़न के प्रतिकार तक के मुद्दे, उन सब पर सत्ता-अन्याय से लड़ता रहा हूं । बिना अपराध के रासूका में जेल की कठिन यातनाएं सहीं हैं, लेकिन काशी के स्वाभिमान और सरोकार से कभी समझौता नहीं किया । संसद में आपके प्रतिनिधित्व हेतु आपके आशिर्वाद के विनम्र आग्रह के साथ आपके बीच खड़ा हूं ।


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