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पूर्वांचल में चक्रव्यूह का सातवां फाटक तोड़ने कुरुक्षेत्र में कूदे महारथी !!

सुरेश प्रताप सिंह
वरिष्ठ पत्रकार
 14/May/19

काशी के रण से चुनावी हलचल

 17वीं लोकसभा के लिए चल रहे देश में सत्ता संग्राम के सातवें चरण में पूर्वांचल का चक्रव्यूह भेदने को अब काशी कुरुक्षेत्र का रण बन गई है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह छठवें चरण का मतदान समाप्त होते ही बनारस पहुंच गए. पीएम मोदी को घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में लगे हैं. 15 मई को बनारस में प्रियंका गांधी का रोड शो होगा. सपा अध्क्ष अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती भी रैली को सम्बोधित करने बनारस आएंगे.

लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में जिन 59 सीटों पर चुनाव होना है, उनमें से 13 सीटें पूर्वांचल की हैं. जिस पर 2014 में भाजपा का कब्जा था. 12 सीटें बीजेपी को मिली थीं और एक सीट उसकी सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल को. तब सपा, बसपा व कांग्रेस का सफाया हो गया था. उन्हें एक भी सीट नहीं मिली थी.

सातवें चरण में पूर्वांचल के महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर व राबर्ट्सगंज में 19 मई को मतदान होगा. इनमें भाजपा सिर्फ 11 सीट पर चुनाव लड़ रही है और मिर्जापुर व राबर्ट्सगंज से उसकी सहयोगी अपना दल लड़ रही है. जबकि सपा 8 और बसपा 5 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस 11 और उसकी सहयोगी जन अधिकार पार्टी एक सीट चंदौली से चुनाव लड़ रही है.

भाजपा को 13 सीटें बचाने की चिंता

भाजपा के सामने अपनी 2014 की पूर्वांचल की 13 सीटों को बचाने की चिंता है. क्योंकि सपा-बसपा गठबंधन से उसे कड़ी चुनौती मिल रही है. भले ही 2014 में सपा-बसपा को यहां से कोई सीट नहीं मिली थी, लेकिन इनमें से अधिकांश सीटों पर दूसरे व तीसरे स्थान पर वही थे. 13 में से 2-3 सीटों पर कांग्रेस को भी लगता है कि जमीनी समीकरण उसके पक्ष में है.

पूर्वांचल के अपने गढ़ को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी छह रैलियों के साथ बनारस में डेरा डालेंगे. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 15 दिन के अंदर तीसरी बार बनारस आए हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो दो महीने से बनारस में इधर-उधर से घूमकर आ जाते हैं. वो लखनऊ-बनारस एक किए हैं.

दरअसल योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस्तीफा देने से खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट सपा ने भाजपा से छीन ली थी. इसी जीत ने यूपी में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की नींव डाली. फूलपुर सीट भी सपा ने भाजपा से छीनी थी. यही कारण है कि पीएम नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चक्रव्यूह के सातवें फाटक को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दिए हैं.

पूर्वांचल के कुरुक्षेत्र के इस रण में भाजपा के महाबलियों का मुकाबला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती से होगा. उधर, भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जो एक माह पहले तक एनडीए में थे अलग नाक में दम किए हैं. भाजपा की सहयोगी अपना दल भी टूट चुकी है, उसका एक हिस्सा कांग्रेस से गठबंधन कर लिया है. इस कमी को दूर करने के लिए भाजपा ने निषाद पार्टी से समझौता कर लिया है. इसका उसे कितना फायदा होगा यह तो भविष्य ही बताएगा.

फिलहाल बनारस में कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी के रोड शो की तैयारी जोर-शोर से की जा रही है. कांग्रेस ने अजय राय को पीएम मोदी के मुकाबले में उतारा है. जबकि सपा-बसपा गठबंधन से शालिनी यादव मैदान में हैं. जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद भी निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन किए थे लेकिन कोर्ट से पेरोल न मिलने के कारण उन्होंने मैदान से हटने का ऐलान किया है. बनारस में बनते-बिगड़ते समीकरणों के बीच ऊंट किस करवट बैठेगा ? इसका जवाब तो समय ही देगा. 

(सुरेश प्रताप सिंह वरिष्ठ पत्रकार के फेसबुक वॉल से)


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