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रोजगारपरक क्षेत्रों के निर्यात में नकारात्मक बढ़ोत्तमरी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं: गणेश कुमार गुप्ता



 16/May/19

अप्रैल, 2019 के व्यापार आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि 0.64 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 26.07 अरब डॉलर का निर्यात आंकड़ा उत्साहजनक नहीं है। लगभग सभी रोजगारपरक क्षेत्र जैसे कि चमड़ा और चमड़े के उत्पाद, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग के सामान, यार्न-फैब, मेड-अप, मानव निर्मित यार्न, फैब्स-मेड-अप, कालीन, समुद्री उत्पाद और कई अन्य क्षेत्र जिनमें एमएसएमई का योगदान महत्वपूर्ण होता है, नकारात्मक क्षेत्र में हैं। ये क्षेत्र अभी भी नकदी की समस्या के अलावा वैश्विक व्यापार युद्ध, संरक्षणवाद, नाजुक वैश्विक परिस्थितियों और घरेलू मोर्चे पर मौजूद बाधाओं सहित कई अन्य चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। फियो प्रमुख ने कहा कि पूर्व में निर्यात का फ्रंट लोडिंग हो सकता है क्योंकि निर्यातक अमेरिका में जीएसपी की वापसी और ईरान मामलों को लेकर आशंकित थे।

अप्रैल 2019 के दौरान 30 प्रमुख उत्पाद समूहों में से केवल 14 सकारात्मक क्षेत्र में है। इनमें पेट्रोलियम, जैविक और अकार्बनिक रसायन, ड्रग्स और फार्मा, सभी प्रकार के रेडीमेड गारमेंट्स, इलेक्ट्रॉनिक सामान, सिरेमिक उत्पाद और कांच के बने पदार्थ, हस्तशिल्प वस्तुओं के साथ कृषि और डेयरी उत्पाद शामिल हैं। इन उत्पादों ने महीने के दौरान सकारात्मक बढ़ोत्‍तरी दर्ज की है।

फियो प्रमुख ने कच्चे तेल के आयात बिल में बढ़ोत्‍तरी की वजह से बढ़ते व्यापार घाटे पर अपनी चिंता जाहिर करने के साथ कच्चे तेल के दाम में भविष्य में बढ़ोत्‍तरी की आशंका के अलावा ईरानी आयात पर प्रतिबंध एवं सोने के आयात में बढ़ोत्‍तरी पर भी अपनी चिंता जाहिर की।

गणेश कुमार गुप्ता ने यह भी कहा कि अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव की वजह से वैश्विक व्यापार परिदृश्य और खराब हो सकता है। आने वाले महीनों में भारतीय निर्यात पर इस कारण दबाव महसूस किया जा सकता है। वैश्विक अनिश्चितता भारत में होने वाले निवेश के प्रवाह को प्रभावित करेगी और इससे भारतीय करेंसी में भी अस्थिरता पैदा होगी।

गुप्ता ने कहा कि घरेलू स्तर पर कर्ज की उपलब्धता, विशेष रूप से व्यापारी निर्यातकों के लिए ऋण की लागत, सभी कृषि निर्यातों के लिए ब्याज समानता का समर्थन, विदेशी पर्यटकों को बिक्री पर लाभ और पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ एडवांस ऑथराइजेशन योजना के तहत आईजीएसटी से छूट पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है। इनके अलावा, विपणन और निर्यात संबंधी बुनियादी ढांचे के लिए बजटीय समर्थन जैसे मसलों पर सरकार को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।


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