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चिकित्सक दिवस की पूर्व संध्या पर ब्रेथ ईजी द्वारा आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर संगोष्ठी का हुआ आयोजन

दिनेश मिश्र

 02/Jul/19

श्वांस रोगियों की बढ़ती संख्या पर विशेषज्ञों ने रेस्पिरेटरी कॉन्क्लेव कॉन्फ्रेन्स में किया मंथन

चिकित्सक दिवस की पूर्व संध्या पर ब्रेथ ईजी,टीबी चेस्ट एलर्जी केयर सेंटर वाराणसी द्वारा 30 जून 2019 को होटल रेडिसन में रेस्पिरेटरी कॉन्क्लेव कॉन्फ्रेंस 2019 का आयोजन हुआ, जिसमें आधुनिक पद्धति द्वारा श्वांस रोगियों के इलाज पर एक चिकित्सकीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में पूर्वांचल के लगभग 300 चिकित्सक सम्मिलित हुए । संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्वारा बीसी रॉय अवॉर्ड से पुरस्कृत डॉ. राजेंद्र प्रसाद, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष केजीएमयू लखनऊ, डॉ,वी बी सिंह, सीएमओ वाराणसी ,डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी, प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष केजीएमयू लखनऊ, प्रोफेसर अशोक शाह, प्रोफेसर एवं भूतपूर्व विभागाध्यक्ष श्वास रोग पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट दिल्ली, डॉ. एस के कटियार,प्रो.श्वास रोग एवं भूतपूर्व विभागाध्यक्ष कानपुर, डॉ. संजीव मेहता, वरिष्ठ श्वास रोग विशेषज्ञ लीलावती हॉस्पिटल मुंबई, डॉ. प्रिंस जेम्स, प्रो.एवं श्वास रोग विशेषज्ञ सीसीएम वेल्लोर, डॉ. एस के पाठक, डायरेक्टर ब्रेथ ईजी वाराणसी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया। रेस्पिरेटरी कॉन्क्लेव कॉन्फ्रेंस 2019 के ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री व वरिष्ठ श्वांस एवं टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ. एस के पाठक ने बताया कि ब्रेथ ईजी के प्रयास से भारत में चौथी बार इस चिकित्सकीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जिसका उद्देश्य चिकित्सकों को गंभीर श्वांस की बीमारी के प्रति नई जानकारी से अवगत कराना है जिससे मरीजों को उसका फायदा मिल सके।

 

चिकित्सकीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इस संगोष्ठी के आयोजन से पूर्वांचल के चिकित्सकों को श्वास रोग जैसी गंभीर बीमारी के प्रति अपडेट करने में मदद मिलेगी। उन्होंने टीबी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और बताया कि लापरवाही के कारण साधारण टीबी एक खतरनाक रोग बन जाती है जिससे मौत का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि इस तरह की संगोष्ठी लगातार होनी चाहिए जिससे चिकित्सकों को नई नई जानकारी मिल सके और वायु प्रदूषण की वजह से होने वाली बीमारियों की रोकथाम प्रभावी ढंग से हो पाये।

 

डॉ. एस के पाठक ने बताया कि बनारस की हवा सांस लेने लायक नहीं रही। बनारस का सूचकांक बताता है कि पीएम 10 की मात्रा का औसत 344 माइक्रोन प्रति घन सेंटीमीटर है। यह न्यूनतम 110 और अधिकतम 427 दर्ज किया गया है जबकि इसका स्तर 60 माइक्रोन प्रति घन सेंटीमीटर से कम होना चाहिए। जिससे यहां की जनता को गंभीर श्वांस की बीमारी हो रही है।

रेस्पिरेटरी कॉन्क्लेव कॉन्फ्रेंस 2019 में चिकित्सकों को एलर्जी की बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसका संचालन प्रो. अशोक शाह, प्रो.एवं भूतपूर्व विभागाध्यक्ष, पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट दिल्ली व डॉ.एस के पाठक, एलर्जी एवं श्वास रोग रोग विशेषज्ञ ने संयुक्त रूप से किया जिसमें मरीजो को एलर्जी से निजात दिलाने के लिए 50 चिकित्सकों को आधुनिक पद्धति द्वारा ट्रेनिंग दी गई।

डॉ. एसके कटियार, कानपुर ने टीबी के आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में आधुनिक पद्धति द्वारा इलाज के बारे में बताया।

डॉ. प्रिंस जेम्स ने बताया कि श्वसन चिकित्सा श्वसन पथ से संबंधित रोगों की चिकित्सा की विशिष्टता का क्षेत्र है, यह आंतरिक चिकित्सा की एक शाखा है तथा सघन देखभाल चिकित्सा से संबंधित है।

डॉ. संजीव मेहता ने बताया कि गंभीर श्वास/ सीओपीडी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है यदि इनका इलाज सही तरीके से न हो तो मौत का खतरा बना रहता है। उन्होंने गंभीर श्वास रोग से पीड़ित मरीजों के लिए नई पद्धति से इलाज के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

डॉ.अशोक शाह व डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने ग्लोबल वार्मिंग के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण, जलवायु में बहुत अधिक बदलाव हो रहे हैं जो हमें प्रभावित करते हैं समुद्र के स्तर में वृद्धि, मौसम में परिवर्तन, ग्लेशियरों के पिघलने, जंगलों की कमी, कई प्रकार के जीवो और वनस्पतियों का विनाश ग्लोबल वार्मिंग के कारण ही होता है।

डॉ. एस के पाठक ने सभी चिकित्सकों का स्वागत किया और धन्यवाद ज्ञापन कर स्मृति चिन्ह प्रदान किया ।

 

मुख्य रूप से संगोष्ठी में भाग लेने वाले चिकित्सक डॉ.आलोक सिंह, डॉ. एमके श्रीवास्तव, डॉ. अमित जौहरी, डॉ. पंकज श्रीवास्तव. डॉ. ए के शर्मा, डॉ. मयंक अग्रवाल, डॉ.ए के पांडे, डॉ.डी के सिन्हा, डॉ.एसजे सिंह,  डॉ.पीआर सिन्हा रहे । ब्रेथ इजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्य सुनील उपाध्याय, अभिषेक केशरी, तेज़ जायसवाल, आकाश, प्रतिमा, विनीत, जेपी, अश्विनी पाठक, अशोक सिंह, प्रदीप मौर्या का विशेष सहयोग रहा।

मुख्य अतिथि डॉ.राजेंद्र प्रसाद भूतपूर्व विभागाध्यक्ष केजीएमयू लखनऊ एवं प्रो.तथा विभागाध्यक्ष एरा मेडिकल कॉलेज को उनकी उपस्थिति एवं सराहनीय चिकित्सकीय सेवा कार्य के लिए स्मृति चिन्ह एवं लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया। इसी दौरान डॉ.राजेंद्र प्रसाद द्वारा ब्रेथ ईजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्यों को उनके चिकित्सा सेवा के सराहनीय कार्य के लिए एक ट्राफी प्रदान की गई।


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