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जीत गए राकेश जायसवाल हार गई भाजपा

संजय कुमार मिश्र

 16/Jul/19

दिग्गज भाजपा नेता अशोक धवन और कैंट विधानसभा से पहली बार हुए विधायक सौरभ श्रीवास्तव का वार्ड नं. 63 बागहाड़ा के लिए चुनाव गलत साबित हुआ और नगर निगम उप चुनाव में भाजपा की पराजय हो गई । वाराणसी के 63 नं वार्ड में भाजपा से तीन बार के विजेता डॉ.राजेश जायसवाल के असमयिक मृत्यु के उपरान्त खाली हुई सभासद सीट पर उप चुनाव के लिए स्व. राजेश जायसवाल की धर्मपत्नी के लिए टिकट उनके छोटे भाई राजेश जायसवाल नें जो खुद भी भाजपा के सक्रीय सदस्य रहे नें मांगा था पर राकेश जायसवाल के अनुसार वर्तमान विधायक कैंट सौरभ श्रीवास्तव व पूर्व एम.एल.सी अशोक धवन ने उनकी व उनके परिवार की वार्ड में रसूख को दरकिनारा करते हुए राकेश जायसवाल की मांग को ठुकराते हुए एक ऐसे व्यक्ति के टिकट दिलवाया जिसने भाजपा पार्टी से गद्दारी करते हुए एक माफिया डॉन को फायदा पहुंचाने के लिए नामांकन करने से मना कर दिया और वो भी पर्चा दाखिल करने के अंतिम समय में । यह मेयर कौशलेंद्र सिंह के समय के चुनाव के समय की बात है और वह माफिया डॉन था गुड्डू यादव ।

बहरहाल पार्टी के फैसले से मर्माहत स्व.राजेश जायसवाल के भाई राकेश जायसवाल नें पार्टी के इच्छा के खिलाफ निर्दल पर्चा भरा और जीत कर भी दिखाया । अब ऐसे में भाजपा की जीती हुई सीट उप चुनाव में भाजपा से छिटक कर निर्दल के पास चली गई और वह निर्दल कैंडिडेट कल तक भाजपाई थे ।

13 जुलाई शनिवार को भेलूपुर स्थित एलआईसी मंडल कार्यालय और हनुमान घाट स्थित कर्नाटक गेस्ट हाउस के सात बूथों पर वोट डाले गए । कुल 7666 मतदाताओं में से 46.96 फीसदी 3600 वोटरों ने मत दिया । सोमवार को जिला सैनिक कार्यालय एवं पुनर्वास कार्यालय पर गिनती शुरू हुई तो निर्दल प्रत्याशी राकेश जायसवाल ने भाजपा और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशियों को मात देकर जीत हासिल की । राकेश जायसवाल ने 818 मत पाकर कांग्रेस के मनीष कुमार को 194 वोटों से हराया । कांग्रेस के मनीष कुमार को 624 मत मिले । तीसरे स्थान पर निर्दलय प्रत्याशी संकठा प्रसाद रहे वही भाजपा के शैलेन्द्र यादव चौथे नंबर पर चले गए। उन्हें केवल 563 वोट मिले । शैलेंद्र से ज्यादा निर्दल प्रत्याशी संकठा प्रसाद को 564 वोट मिले । पूर्व पार्षद राजेश जायसवाल के भाई राकेश जायसवाल भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे लेकिन उनकी जगह शैलेंद्र यादव को टिकट दिया गया था।

यहां रामनगर में वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष रेखा शर्मा द्वारा भी कांग्रेस से टिकट न मिलने पर निर्दल चुनाव लड़ीं और कांग्रेसए भाजपाएसपा और बसपा के कैंडिडेटों को हरा अध्यक्ष की कुर्सी हासिल कर ली । यहां रेखा शर्मा नें चुनाव जीतने के बाद क्लाउन टाइम्स के साथ एक विशेष बात-चीत में बताया था कि कैसे कांग्रेस के दिग्गजों में राजेश पति मिश्र, अनिल श्रीवास्तव व पूर्व विधायक अजय राय जिला अध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा नें कांग्रेस से उनका टिकट कटवाया था । बहरहाल सलमान खुर्शीद के अपील पर बाद में रेखा शर्मा की कांग्रेस पार्टी में वापसी हो गई पर क्या राकेश शर्मा की भी भाजपा में वापसी होगी । मतदान के दो दिन पूर्व अपने साक्षात्कार में जब रैकेश जायसवाल से पूछा गया कि क्या जीत के बाद वो भाजपा में वापसी करेंगे तो राकेश ने मना कर दिया और कहा कि जहां अशोक  धवन और विधायक सौरभ श्रीवास्तव जैसे स्वार्थी लोग है वहां वो उनके रहते इसके बारे में सोच भी नही सकते मैं निर्दल ही ठीक ।

अब सवाल है कि मोदी लहर में विधायक बने सौरभ श्रीवास्तव अगर ये सोच रहे है कि वो अपने दम-खम से जीते है तो यह गलतफहमी अब दूर हो गई होगी कि उनकी हनक जब एक जीते हुए वार्ड में नहीं दिखी तो पूरे कैंट में उनकी व्यक्तिगत पकड़ क्या है।

एक और मजेदार बात पता चली किए विधायक सौरभ श्रीवास्तव आजकल उस व्यक्ति को अपना खास बनाए हुए है जिसने खुद एक समय भाजपा से विधायकी के लिए कैंट से टिकट मांगा था और यह टिकट जब श्रीमती ज्योत्नां श्रीवास्तव को मिल गया था तो वह व्यक्ति ज्योत्सना जी के खिलाफ धरने पर बैठ गया था । लेकिन अब उसको साथ रखना विधायक जी की छवि को कितना फायदा पहुंचाता है कितना नुकसान यह तो अगले विधानसभा चुनाव में ही पता चलेगा पर जो संकेत मिल रहे है बागहाड़ा उप चुनाव के बाद तो वह विधायक जी के लिए शुभ तो नही कहा जा सकता ।

फिलहाल तो राकेश जायसवाल नें सपा को नहीं कांग्रेस को नहीं बसपा को नहीं हराया है तो भाजपा को हराया है ।


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