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बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के रसूख के सामने विवस है योगी सरकार

सुरेश प्रताप

 02/Aug/19

ठीक 15 महीने बाद उन्नाव रेप कांड फिर सुर्खियों में है 28 जुलाई को रायबरेली में कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता की कार में ट्रक ने टक्कर मारा। जिससे पीड़िता की चाची व मौसी की मौत हो गई। पीड़़िता और उसके वकील गम्भीर रूप से घायल होकर अस्पताल में भर्ती हैं। वो जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं, उनकी दशा चिंताजनक है।
संसद से सड़क तक हंगामा मचा है। लोग सवाल पूछ रहे हैं। लेकिन "बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ" का नारा देने वाली बीजेपी के नेता चुप्पी साधे हैं। संसद में सपा सांसद आज़म खान के मामले में हंगामा करने वाली बीजेपी की नेत्रियां भी खामोश हैं।
उल्लेखनीय है कि बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के गांव माखी की नाबालिक ल़ड़की ने 4 जून, 2917 को विधायक पर रेप करने का आरोप लगाया था। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद लड़की एफआईआर दर्ज नहीं करा पाई, पीड़िता के चाचा को भी पुलिस ने एक पुराने मामले में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
इस बीच 8 अप्रैल, 2018 को पी़ड़िता के पिता को पुलिस ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार कर लिया, 9 अप्रैल को उनकी मौत हो गई और इसके साथ ही इस रेप कांड में नया मोड़ आ गया. लड़की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्महत्या की कोशिश करती है लेकिन उसे बचा लिया जाता है उधर, पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के कारण लड़की के पिता की मौत हो जाती है।
यह पूरी कहानी किसी फिल्मी पटकथा की तरह चल रही है. सत्ता का दम और विधायक का रसूख बुलंदी पर है। शुरू में पुलिस प्रमुख अपनी प्रेस कांफ्रेंस में आरोपी कुलदीप को "विधायक जी" कह कर सम्बोधित करते हैं, जिस पर पत्रकारों ने सवाल उठाया और हंगामा किया तो पुलिस अधिकारी विधायक के बचाव में कहते हैं कि अभी सिर्फ उन पर आरोप लगा है, आरोप नहीं सिद्ध हुआ है।
इस पूरे मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत गर्म हो जाती है, जिसका परिणाम यह होता है कि विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है और पूरा मामला 12 अप्रैल, 2018 को सीबीआई को सौंप दिया गया। विधायक पर पाक्सो एक्ट भी लगा है।
फिलहाल विधायक गिरफ्तार हैं और जेल में बंद हैं उनके रसूख का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद साक्षी महाराज उनसे जेल में मिलने गए थे। उन्नाव में उनका इतना असर है कि जेल में रहते हुए भी वो चुनावी पासा बदल सकते हैं।
वही साक्षी महाराज जो चुनाव प्रचार के दौरान एक रैली में कहे थे कि यदि जनता ने मुझे वोट नहीं दिया तो श्राप देकर अपना पाप हम जनता को दे देंगे। जनता उनके श्राप देने की धमकी से डर गई उन्हें वोट दी, वो जीत कर सांसद बन गए और जीतने के बाद रेप मामले में गिरफ्तार कुलदीप सिंह सेंगर से मिलने जेल में पहुंच गए।

सीबीआई जांच तो कर रही है लेकिन अभी तक इस रेप कांड की सुनवाई शुरू नहीं हुई है उधर, भाजपा ने भी अभी तक रेप के आरोपी विधायक को पार्टी से निकाला नहीं है। यह उनके रसूख का ही असर कहा जा सकता है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी उन्हीं की बिरादरी के हैं, थानेदार से लेकर जिला पुलिस प्रमुख और राज्य पुलिस के मुखिया सब ठाकुर हैं।
कौन है विधायक कुलदीप सिंह सेंगर 
कुलदीप सिंह सेंगर की विधायकी का 17 साल का इतिहास है, 2002 में वो बसपा से विधायक बने थे. उसके बाद 2007 व 2012 में वह समाजवादी पार्टी से विधायक रहे। 2017 में वह बीजेपी में शामिल हो गए और उसके टिकट पर चुनान जीते, उनके राजनीतिक रिश्ते सभी दलों से हैं। बसपा, सपा से होते हुए अब भाजपा के लिए वह अपनी करनी के कारण सिरदर्द बने हैं और भाजपा उन्हें ढो रही है।
इस पूरे घटनाक्रम से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज की हमारी राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ रही है। सभी दलों को चुनाव के दौरान ऐसे नेताओं की तलाश रहती है, जो जिताऊ उम्मीदवार हो और दबंग प्रवृत्ति के लोग राजनीतिक दलों की इसी कमजोरी का फायदा उठाते हैं, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। उन्नाव रेप कांड में फिल्मी पटकथा की तरह अभी सस्पेंस बरकरार है। आगे-आगे देखते चलिए क्या होता है...!!


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