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डैलिम्सर सनबीम में संस्कृकति की बया



 07/Aug/19

वाराणसी। रोहनियां स्थित डैलिम्‍स सनबीम ग्रुप आफॅ स्‍कूल्‍स में स्पिक मैके अतिथि देवो भव: के तत्‍वावधान में सुप्रसिद्ध नृत्‍यांगना श्रीमती विदुषी सुजाता महापात्र के ओडि.सी शास्‍त्रीय नृत्‍य का आयोजन किया गया। स्पिक मैके भारत की एक अतिविशिष्‍ट संस्‍था है जिसका उद्देश्‍य युवा पीढी के माध्‍यम से समाज में भारतीय शास्‍त्रीय नृत्‍य-संगीत, लोकनृत्‍य एवं संस्‍कृति का संवद्धर्न करना है।

श्रीमती विदुषी सुजाता राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर की ओडिसी नृत्‍यांगना ही नहीं बल्कि एक कुशल व योग्‍य प्रशिक्षण भी है।

कार्यक्रम में पूर्व विदुषी विद्यालय समूह के संस्‍थापक द्वय डॉ.अमृतलाल इशरत एवं दीश इशरत की प्रतिमूर्ति पर माल्‍यार्पण अर्पित कर दीप प्रज्‍वलित किया। तत्‍पश्‍चात विदुषी एवं उनके सहयोगी कलाकारों का स्‍वागत प्रधानाचार्य श्रीमति कविता बैंसला एवं संस्‍था की एके‍डमिक हेड रश्मि मोहन द्वारा संयुक्‍त रूप से पुष्‍प-गुच्‍छ उत्‍तरीय एव स्‍मृति चिह्न भेंट करके किया।

नृत्‍य प्रस्‍तुति से पूर्व प्रधानाचार्य श्रीमती बैंसला ने स्पिक मैके उत्‍तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्‍य सलाहकार एस.पी.सिंह ने निधन पर शोक व्‍यक्‍त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री सिंह को याद करते हुए उन्‍होंने कहा कि स्पिक मैके चैप्‍टर में इसके संवर्द्धन हेतु उत्‍तर प्रदेश की ओर से श्री सिंह के अतुलनीय एवं प्रशसनीय योगदान तथा अग्रवी भूमिका को हम सभी सदैव याद करेंगे।

संस्‍था की एकेडमिक हेड श्रीमती रश्मि मोहन के स्‍वागत भाषण से हुआ। उन्‍होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय में इस प्रकार के आयोजनों का उद्देश्‍य प्राचीन भारतीय संस्‍कृति, शास्‍त्रीय एवं लोकनृत्‍य-संगीत के प्रति आज के युवा पीढी में आस्‍था जागृत करना है। ओडिसी नृत्‍य का आजागज मंगलाचरण चरणकी मनमोहक प्रस्‍तुति से हुआ। इसी क्रम में विभिन्‍न भाव-भंगिमाओं के माध्‍यम से अनेक प्रसंगों की प्रस्‍तुतिकी , जिसमें नृत्‍य-प्रेमियों को शास्‍त्रीय नृत्‍य की अविरल धारा में गोते लगाने को विवश कर दिया।

नृत्‍यांगना श्रीमती विदुषी के साथ पखावज पर श्रीरामचंद्र बेहरा, वायलीन पर श्री रमेश चंद्र दास, नृत्‍य एवं मजीरापर श्री सौम्‍या बोस, गायन पर श्री राजेश कुमार लेनका, श्री प्रसांति कुमार लेनका एवं श्रीमती अंकिता सेन गुप्‍ता ने संगतकार के रूप में सहयोग किया। श्रीमती विदुषी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए बताया कि शास्‍त्रीय संगीत से जुड.कर वे अपने अध्‍ययन में भी एकाग्रता ला सकते है। विद्यालय के छात्र-छात्राओं की जागरूकता एवं रूझान देखकर उन्‍होंने प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की।

कार्यक्रमके अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती कविता बैंसला ने मुख्‍य कलाकार एवं सहयोगी कलाकारों के साथ उपस्थित गणमान्‍य व्‍यतियों के प्रति धन्‍यवाद ज्ञापित किया।


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