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तारिक हत्याकांड : पुलिस के शिकंजे से बौखलाया प्रदीप गिरोह



 28/Aug/19

माफिया मुन्ना बजरंगी के करीबी ठेकेदार मोहम्मद तारिक की हत्या की घटना के तार पूर्वांचल से जुड़े होने की आशंका ने पुलिस के कान खड़े कर दिए हैं। तारिक के परिवारीजनों ने रिटायर्ड डिप्टी एसपी जीएन सिंह, उनके बेटे प्रदीप सिंह समेत चार के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है।

पहली बार पूछताछ के लिए भेजी गई नोटिस

तारिक हत्याकांड में नामजद अभियुक्त प्रदीप सिंह उनके पिता जे. एन. सिंह को पुलिस ने पहली बार पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। आपकों बता दे कि अभी तक पुलिस ने इस केस में इन लोगों से कोई पूछताछ नहीं किया था। पिछले दिनों काशीवार्ता में छपी खबर *एक फोन काल ने मिटा दी मुन्ना बजरंगी की हस्ती* इस खबर के आधार पर पुलिस को कुछ सुराग लगते ही शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। लखनऊ पुलिस ने 26 अगस्त, सोमवार को गोमती नगर स्थित सरस्वती अपार्टमेंट फ्लैट नंबर 1106 पर नोटिस रिसीव कराया। यह फ्लैट बृजेश कुमार सिंह नामक व्यक्ति के नाम से फ्लैट लिया गया है, प्रदीप सिंह के पिता जेएन सिंह के नाम से विपुल खंड में निजी दो-दो मकान होतें हुए प्रदीप सिंह किराये के मकान पर क्यो रहतें हैं। इस पहलुओं पर भी पुलिस जांच कर रही है।

परिवारजनों का कहना है कि प्रदीप और मुन्ना बजरंगी कभी साथ थे। बाद में अनबन होने पर दोनों एक-दूसरे के करीबियों की हत्याएं कराने लगे। परिवारीजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने छानबीन तेज कर दी है। घटना की तह तक पहुंचने के लिए लखनऊ पुलिस के साथ वाराणसी पुलिस ने तथ्यों को साझा किया है। अपनों में मनमुटाव के अलावा पुलिस ठेकेदारी की की प्रतिद्वंद्विता, टेंडर विवाद और विवादित जमीनों की पंचायत जैसे पहलुओं पर भी छानबीन में जुटी हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मिर्जापुर में करीब सात करोड़ रुपये मूल्य की विवादित जमीन पर तारिक की नजर थी। इस जमीन पर पूर्वांचल के अन्य माफिया गुट भी नजरें गड़ाए है। जमीन हथियाने के लिए बजरंगी गिरोह कई बार पंचायत भी कर चुका है। तारिक ने करीब एक करोड़ रूपये का भुगतान भी कर दिया था। इस प्रतिद्वंद्वी गुट खार खाए थें। हत्या की ये भी वजह हो सकता है।


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