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NBT के विकास पाठक को श्रम न्यायालय ने गाण्डीव से वेतन भुगतान करने का दिया निर्देश

अशोक कुमार मिश्र
महामंत्री, वाराणसी प्रेस क्लब
 15/Sep/19

समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन वाराणसी के मंत्री अजय मुखर्जी की पहल का हुआ असर

जहाँ देश में इन दिनों गोदी मीडिया के चलते लगातार सूबे की योगी सरकार में सरकार की पोल खोलने वाले दर्जनों पत्रकारों आपराधिक मुकदमें कायम कर उन्हें जेल की सलाखों में बंद कर मीडिया की आजादी पर सीधा हमला किया जा रहा है और बनारस में "काशी पत्रकार संघ' के पदाधिकारी चैन की बंसी बजा रहे हैं | वहीं दूसरी ओर पिछले कई दशकों से समाचार पत्र कर्मचारियों के हक और हुकूक की लड़ाई लड़ने वाले "समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन" के मंत्री अजय मुखर्जी एकला चलो की राह पर पूरे दमखम के साथ आगे बढ़ते हुए न केवल उनकी लड़ाई लड़ते हैं, बल्कि जीत भी दिलाते हैं।

ताजा मामला काशी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष और वाराणसी में नवभारत टाइम्स के वरिष्ठ पत्रकार विकास पाठक को वाराणसी से प्रकाशित होने वाले सांध्य कालीन समाचार पत्र के गाण्डीव” के खिलाफ उनके बकाया वेतन का मुकदमा कई वर्षों की लंबी लड़ाई लड़ने के पश्चात अंततः जीत दिलाने में साफल रहे।

बताते चलें काशी पत्रकार संघ के पूर्व अध्यक्ष विकास ने वाराणसी से प्रकाशित सान्ध्य हिंदी दैनिक "गाण्डीव" में वर्ष 1987 से अपने पत्रकारिता शुरुआत कर अपनी भी पहचान बनाई और समाचार पत्र प्रबंधन के सबसे चहेते भी रहे। इसी का परिणाम रहा कि जब पत्रकारपुरम में पत्रकारों के लिए प्लॉट का आवंटन हो रहा था तो इन्होंने गाण्डीव अखबार के संपादक, मालिक व प्रबन्धन से जुड़े राजीव अरोड़ा तथा शशिधर इस्सर को भी करोड़ों का प्लाट कौड़ियों के भाव दिलवाया जिसे बेच कर दोनों मालामाल हो गए। पाठक जी को शायद लगा होगा कि प्लाट दिलाने का एहसान प्रबंधन जरूर निभाएगा किन्तु ऐसा हो न सका। गाण्डीव ने इन्हें 2011 में दूध की मक्खी की तरह निकाल कर बाहर कर दिया है। फिर क्या था विकास जी ने समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी के साथ मिलकर वाराणसी के श्रम न्यायालय में गाण्डीव पर 2016 में मुकदमा ठोक दिया।

पत्रकारों के एकमात्र हैं नेता समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी

इस बारे में बनारस में पत्रकारों के एकमात्र नेता समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी ने क्लाउन टाइम्स को बताया कि मैंने वर्ष 2016 में विकास पाठक का मुकदमा श्रम न्यायालय वाराणसी में दाखिल किया था। जिसमें वर्षों तक तारीख पर तारीख पड़ती रही। बावजूद इसके लम्बी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद शासनादेश संख्या 678 दिनांक 03 सितम्बर 2019 द्वारा प्राप्त हुआ और 12 सितम्बर 2019 को अवार्ड प्रकाशित हुआ। निर्णय में स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि सेवायोजक संस्थान द्वारा श्रमिक को 50 प्रतिशत वेतन का भुगतान तत्काल किया जाए और शेष भुगतान 2 माह के अंदर किया जाये।

वाराणसी श्रम न्यायालय द्वारा समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी की पहल पर विकास पाठक को मिली जीत काशी पत्रकार संघ के पदाधियारियों के लिए एक नजीर है। जहाँ एक ओर पिछले दिनों थाना दशाश्वमेध में एक फोटोग्राफर पर जल-पुलिस द्वारा बच्चों से सफाई कराने का मामले का वीडियो मीडिया में प्रसारित करने पर उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम हुआ और काशी पत्रकार संघ के पदाधिकारी अब तक मुकदमा समाप्त नहीं करा पाए वही अकेले दम पर अजय मुखर्जी वर्षों से पत्रकार हितों के लिये न केवल लड़ते हैं बल्कि उन्हें जीत भी दिलाते हैं।

फिलहाल वाराणसी से प्रकाशित गाण्डीव सांध्य हिंदी दैनिक इन दिनों करोड़ों के कर्ज के चलते अपने वजूद की लड़ाई खुद ही लड़ रहा है। नीचीबाग से उसका कार्यालय इन दिनों लहुराबीर किराए के मकान में चला गया है। इस समाचार पत्र के कई पत्रकार कर्मियों ने समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी के माध्यम से अपने बकाए भुगतान के लिए मुकदमा ठोका है, उन्हें उम्मीद है कि वह भी विकास पाठक की तरह अपना बकाया वेतन पाने में कामयाब होंगे। अब देखना है इन कर्मचारियों को उनके मेहनत की कमाई कब तक मिलती है।


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