संसार में चीन के पश्चात सर्वाधिक जनसंख्या भारत की (136 करोड) है ‘जनसंख्या नियंत्रण’ भारत की सबसे बडी समस्या बन गई है । बढती जनसंख्या के कारण देश के प्रकृतिक साधन सुविधाएं, आर्थिक स्थिति, रोजगार, अन्न-धान्य, शिक्षा, शासकीय सुविधाएं, सुरक्षा व्यवस्था इत्यादि पर बहुत तनाव आता है । उसमें मुसलमानों को विवाह और बच्चों को जन्म देने का बंधन न होने से उनकी संख्या अमर्यादित रूप से बढ रही है । ‘अल्पसंख्याकों’ के नाम पर मुसलमान और अन्य पंथियों को विशेष छूट देकर देश में असमान कानून प्रणाली तथा योजनाएं चलाई जा रही हैं । ऐसे में बहुसंख्यांक हिन्दुओं में देश में हमसे भेदभाव और अन्याय होने की भावना पिछले 70 वर्षों से बढ रही है । जिस प्रकार मोदी सरकार ने संविधान की धारा 370 हटाकर ‘एक देश-एक संविधान’ यह तत्त्व अमल में लाया है । वैसे ही ममता, न्याय, बंधूता और सुव्यवस्था प्रस्थापित करने के लिए ही ‘एक देश-एक विधान’ लागू करना अत्यावश्यक है । उसके लिए केंद्र सरकार देश में तत्काल समान नागरी कानून लागू करें, ऐसी मांग हेतु वाराणसी के शास्त्री घाट, वरूणा पुल विविध हिन्दुत्ववादी संगठनों द्वारा राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया । इस समय राष्ट्र्रीय बजरंग दल कपिल सिंह, हिंदू जागरण मंच , रवि प्रताप श्रीवास्तव, विश्व सनातन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अनिल सिंह, विश्व सनातन सेना के, प्रदीप श्रीवास्तव, अधिवक्ता मदन मोहन यादव, अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव, हिन्दू जनजागृति समिति के विश्वनाथ कुलकर्णी, राजन केशरी उपस्थित थे ।
आगे उन लोगों ने कहा कि आंध्रप्रदेश के ईसाई मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की सरकार हिन्दूविरोधी कानून बना रही है और खुलेआम ईसाई धर्म का प्रचार आरंभ किया है । मंदिरों का धन अन्य पंथियों को दिया जा रहा है । मंदिरों की भूमि अवैध रूप से बेची जा रही है व मंदिरों के परिसर में अन्य पंथियों को व्यवसाय करने की अनुमति दी जा रही है । हिन्दुओं के मंदिरों की भूमि नियंत्रण में लेकर उसपर गृहनिर्माण प्रकल्प बनाने का निर्णय तत्काल रद्द हो, आंध्रप्रदेश सहित देशभर के सरकारीकरण किए हुए मंदिरों में अन्य धर्मियों को दी गई नौकरियां छोडने के आदेश दिए जाएं तथा उसके लिए अलग कानून बनाया जाए, तथा हैदराबाद उच्च न्यायालय का आदेश होते हुए भी नियम ताक पर रखकर मंदिरों की भूमि नियंत्रण में लेने का निर्णय लिया जा रहा है । अत: आंध्रप्रदेश सहित देशभर के सरकारीकरण किए हुए मंदिर भक्तों को सौंपे जाएं, ऐसी मांग आंदोलन में ‘राष्ट्रीय मंदिर-संस्कृति रक्षा’ अभियान के अंतर्गत की गई ।
श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी के मठ, मंदिरों को गैरकानूनी बताकर उन्हें गिराने की अयोग्य कार्यवाही तत्काल रोकी जाए । तथा अबतक जो प्राचीन मठ तोडे गए हैं, उनका ओडिसा सरकार पुन: निर्माण करें और इसके लिए दोषियों पर कार्यवाही करें ।
स्वतंत्रतावीर सावरकरजी के देहली विश्वविद्यालय के पुतले पर कालिख लगानेवाले अक्षय लाकडा को बंदी बनाया जाए और राष्ट्रपुरुषों का अनादर रोकने हेतु कानून बनाया जाए ।