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बनारस के 15 वें कारपेट एक्‍स्‍पो 2019 में जुटेगें लगभग 450 विदेशी खरीदार : सिद्धनाथ सिंह



 11/Oct/19

वाराणसी के सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में शुक्रवार दिनांक 11 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक आयोजित इण्डिया कारपेट एक्‍स्‍पो 2019 में लगभग 450 प्रतिष्‍ठती विदेशी कालीन खरीददारों के आने से कालीन उद्योग से जुड़े लोगों को बड़ी सम्भावना है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद, भारत सरकार के सहयोग से आयो‍जित 38 वें कारपेट एक्‍स्‍पो के पीछे  परिषद का मुख्य उद्देश्य हस्तनिर्मित भारतीय कालीन और अन्य फ्लोर कवरिंग के सांस्कृतिक विरासत और बुनाई कौशल को बढ़ावा देना है। ये बाते सीईपीसी के अध्‍यक्ष सिद्धनाथ सिंह वाराणसी के ताज गेंजेस में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही।

कहा कि इस कालीन मेले में विदेशी खरीदारों व उनके भारतीय प्रतिनिधियों तथा भारतीय कालीन निर्माता और निर्यातकों को दीर्घकालिक व्यापार सम्बधों को पूरा करने के लिए एक आदर्श मंच है। इण्डिया कारपेट एक्स्पो एशिया महाद्वीप में लगने वाले सबसे बड़े हस्तशिल्प कालीन मेलो में से एक है, जो विभिन्न कालीन खरीददारों के लिए एक ही छत के नीचे सर्वश्रेष्ठ हस्तनिर्मित कालीन व अन्य फ्लोर कवरिंग को उपलब्ध कराने के लिए एक अद्वितीय मंच है। यह कालीन मेला दुनिया भर के कालीन खरीदारों के लिए एक लोकप्रिय मेला बन गया है। विभिन्न विदेशी खरीददारों के निर्देशानुसार किसी भी प्रकार की डिजाईन, कलर, क्वालिटी और साईज को भारतीय कालीन उत्पादकों व निर्यातकों की अनूठी क्षमता ने इस अन्तर्राष्ट्रीय मेले को अद्वितीय बना दिया है। यह उद्योग न केवल भारत के विभिन्न बन्दरगाहों अपितु देश वे विदेश में निर्मित ऊन,रेशम, मानव निर्मित फाइवर, जूट, कपास और विभिन्न तरह के धागों के मिश्रण को कच्चे माल के रूप में उपयोग करता है। इस उद्योग के विकास व निर्यात की बढ़ोत्तरी हेतु अत्यधिक सम्भावनायें है। श्री सिद्धनाथ  ने बताया कि कालीन उद्योग दुर्लभ और विनाशकारी ऊर्जा संसाधनों का उपयोग नहीं करता है। अत: यह उद्योग पूर्णत: पर्यावरण के अनुकूल है। इण्डिया कारपेट एक्स्पो पिछले कुछ वर्षों में विश्वभर के कालीन खरीददारों के लिए एक बहुत बड़े प्लेटफार्म के रूप में उभर कर सामने आया है। इस बार के कालीन मेले में पूरे भारत से 230 की संख्या में निर्यातक सदस्य भाग ले रहे है।

11 से 14 अक्टूबर 2019 तक आयोजित मेले का उद्घाटन 11 अक्टूबर को 11 बजे शाान्तमनु, विकास आयुक्त, हस्तशिल्प, भारत सरकार, के कर कमलों द्वारा होगा। इस अवसर पर अतिविष्‍ट अतिथियों में रवि कपूर आईएएस सचिव वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के अतिरिक्‍त विधायकों व केन्‍द्र और राज्‍य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होगें।

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद न केवल थोक विदेशी खरीदारों को आमंत्रित व उनको भारतीय कालीन खरीदारी हेतु प्रोत्साहित कर रही है बल्कि कालीन मेले में भाग लेने वाले विभिन्न आयातकों को वाराणसी स्थित होटलो में दो रात रूकने की व्यवस्था भी मुफ्त में प्रदान कर रही है।

अध्यक्ष सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि यह प्रदर्शनी भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों के निर्यात को बढ़ावा देते हुए ऊचाईयों पर ले जायेगी। परिषद के द्वितीय उपाध्यक्ष उमर हमीद तथा सभी प्रशासनिक समिति के सदस्यों को यह पूर्ण विश्वास है कि यह कालीन मेला एक अच्छे व्यवसाय का शृजन करेगा। श्री सिद्धनाथ ने सभी प्रेस व इलेक्ट्रानिक मीडिया को बताया कि इस बार परिषद वर्ष 2018-19 में किये गये उत्कृष्ट निर्यात पर निर्यात पुरस्कार का आयोजन दिनांक 11 अक्टूबर 2019 को आयोजित कर रही है जिसमें मुख्यत: 5 श्रेणियों के अन्तर्गत पुरस्कार वितरित किये जायेंगे।

इस अवसर पर संजय कुमार अधिशासी निदेशक एवं सचिव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यह आशा की है कि मुख्य रूप से इसका लाभ बुनकरों व उनके परिवार को प्राप्त होगा।

 

प्रेस वार्ता में विशेष रूप से हुशैन जाफर हुसैनी, राजेन्‍द्र प्रसाद मिश्र, ओँकार मिश्र, अब्‍दुल रब, गुलाम नबी (कश्‍मीर), संजय गुप्‍ता, उमर हमीद (कश्‍मीर) आदि लोग उपस्थित रहें। सीईपीसी के प्रतिनिधि के रूप में विजय सिन्‍हा का मीडिया प्रबंधन में विशेष योगदान रहा।


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