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जापान के साथ बची हुई निर्यात संभावना को खंगालने एवं मूल्य वर्धित निर्यात के लिए फियो ने उठाए कदम : शरद कुमार सराफ



 21/Oct/19

फियो के अध्यक्ष शरद कुमार सराफ ने भारत और जापान के बीच व्यापार और व्यवसाय के अवसरों पर आयोजित सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि 17.6 अरब डॉलर का मौजूदा निर्यात भारत और जापान के बीच व्यापार की सही क्षमता को नहीं दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जापान को अभी 3 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात किया जा सकता है जिसे अब तक खंगाला नहीं गया है। फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण, समुद्री उत्पाद, चावल, मांस, टी-शर्ट, फेरो सिलिकॉन, एल्यूमीनियम, आदि क्षेत्रों में निर्यात की प्रबल संभावनाएं हैं।

फियो ने दोनों देशों के बीच निर्यात, आयात और निवेश को बढ़ावा देने और भारत और जापान के व्यापारिक समुदायों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए एक ऑनलाइन मंच भारत-जापान बिजनेस ग्रुप लॉन्च किया।

फियो ने भारत और जापान के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए टोक्यो मेट्रोपॉलिटन सरकार से  जुड़े टोक्यो स्थित जापान इंडिया इंडस्ट्री प्रमोशन एसोसिएशन (जेआईआईपीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन दो प्रमुख संस्थानों के बीच अधिक से अधिक सहयोग और बातचीत का मार्ग प्रशस्त करेगा।

फियो के महानिदेशक और सीईओ डॉ. अजय सहाय ने कहा कि भारतीय निर्यातकों को निर्यात के वैसे मूल्य वर्धित (वैल्यू एडेड) सेगमेंट पर ध्यान देना चाहिए, जो जापान में मुख्य रूप से आयात होता है। जापान में आयात होने वाले कई उत्पादों में भारत की हिस्सेदारी बेहद कम है। बिजली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में भारत की हिस्सेदारी (0.09%), मशीनरी (0.36%), दवा (0.24%) और चिकित्सा और सर्जिकल उपकरणों (0.38%) है जिनमें बड़े पैमाने पर सुधार की आवश्यकता है क्योंकि जापान में इन उत्पादों का आयात 250 अरब डॉलर से अधिक का है।


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