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इंसान के पास दिमाग और दिल दोनों का सामंजस्य होना जरूरी है : सदा तुल्ला खान



 23/Oct/19

सेंट्अल हनीफ एजुकेशनल सेंटर सेमरा चंदौली में बुधवार को एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका मुख्य विषय शिक्षा संस्कार और व्यक्तित्व विकास रहा। इसमें मुख्य वक्ता अंतरराष्ट्रीय ख्याति के परामर्शदाता एवं जीवन शैली के प्रणेता सदा तुल्ला खान रहे। यह कार्यक्रम 2 सत्र में संपन्न हुआ प्रथम सत्र सुबह 9:00 बजे से 11:30 बजे तक द्वितीय सत्र 12:00 से 2:30 तक चला उन्होंने अपने वक्त में कहा कि इंसान के पास दिमाग और दिल दोनों का सामंजस्य होना जरूरी है इन दोनों में से किसी एक को भी यदि हम प्रश्रय देते हैं तो मनुष्य के व्यक्तित्व के विकास में बाधा उत्पन्न होगा,इसलिए दिल और दिमाग दोनों की बात सुनना चाहिए। दिमाग इंसान को साधु- साधु ,नेकी-बदी इंसानियत या हैवानियत के मार्ग पर भी ले जा सकता है, लेकिन दिल इंसान को कभी भी भ्रष्ट नहीं कर सकता क्योंकि दिल का सीधा संबंध परम शक्ति से होता है उन्होंने आगे भी बताया कि सर्वप्रथम इंसान को इंसानियत के मार्ग पर अग्रसर होने का प्रयास करना चाहिए। यदि इंसान दिमाग पर पूर्ण रूप से आश्रित हो जाता है तो वह स्वयं का बिग बॉस बन जाता है और अपने दिल की बातों को नहीं सुनता इस स्थिति में इंसान में अहम की भावना पैदा हो जाती है और वह बिना पतवार के नाव बन जाता है। कुछ इस तरह की परिस्थितियां हमारे समाज में आम हो गई हैं ,जिसे उन्होंने कई सामाजिक घटनाओं को उकेरते हुए बच्चों को समझाया। द्वितीय सत्र में केवल अध्यापकों के साथ संगोष्ठी हुई जिसमें उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि इंसान अपनी जिंदगी को दो रूप में जीता है , बाह्य रुप एवं आंतरिक रूप। बाह्य रूप से इंसान अपने को संतुष्ट करने की कोशिश करता है। वह परिस्थितियों को सुधारना और प्राप्त करना चाहता है और इसे ही अपना लक्ष्य बना लेता है। लेकिन इंसान आंतरिक रूप से एक विचार पाल रखा होता है और अपनी उसी चश्मा से समाज और इंसान को परखता रहता है, और दूसरों को नीचा दिखाने में खुद ही आंतरिक रूप से बीमार होता रहता है। हम लगातार अपने अंदर ईर्ष्या, द्वेष, अहंकार का बीज बोते रहते हैं, जरूरत है हमें सकारात्मक सोच की। सभी इंसान को परमात्मा के द्वारा भेजा हुआ इंसान ही समझे और अपनी सोच को बदलें हम अपने विचार को सकारात्मकता की ओर बढ़ाएं अपनी सोच को किसी इंसान से ज्यादा मूल्य न दे।

इस कार्यक्रम में प्रधानाचार्य वि राम, श्रीमती सारिका सिंह ,श्री उपांशु सिन्हा श्री केडी त्रिपाठी ,कुमार नंद जी ,शहनाज बानो ,अरकान ,अमित सिन्हा, इम्तियाज खान इत्यादि अध्यापक उपस्थित रहे। संचालन मुसाहिब अली तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रबंध निदेशक हाजी वसीम अहमद ने किया।


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