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नाटक बरनम वन कलाकारों ने की अपनी प्रस्तुति से दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी



 16/Nov/19

वाराणसी के नागरी नाटक मंडली में हुआ यह नाटक शेक्सपियर के कालजई नाटक मैकबेथ का हिंदी रूपांतरण नाटक बरनम वन के कलाकारों ने की प्राभावशाली प्रास्तुति ने दर्शकों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी । शिक्षाविद शकुंताला शुक्ला की दूसरी पुण्य तिथी पर वाराणसी की संस्था रूपवाणी और अमर उजाला का समवेत प्रयत्न से प्रस्तुत इस नाटक के सभी कलाकारों ने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया ।
नाटक की कथावस्तु में स्कॉटलैंड का राजा डंकल निर्भीक और उदार उसके सेनापति मैकबेथ और मां बाको भी पराक्रमी है, लेकिन डायनें उनके मन में लालच और धोखे का बीज बो देती हैं, वह राजा को अपने यहां रात्रिभोज पर आमंत्रित करता है और वही गहरी नींद में सोए हुए डंकन को अपनी बीबी- लेडी मैकबेथ की मदद से मार डालता है।
अब मैकबेथ राजा बन गया है, लेकिन उसका चैन और रातों की नींद, सब कुछ छीन गया है। लेडी मैकबेथ भी उसे संभाल नहीं पाती। सारे लोग उसे दुश्मन नजर आने लगे हैं। डर के मारे वह डंकन के विश्वासपात्र सेनापति बाकों का वध करा देता है, इस पर भी उसे राहत नहीं मिलती। एक आयोजन में बाघों का भूत उसे अपने इर्द् - गिर्द दिखता है।

उधर डंकन का बेटा मैलकम और दूसरे वफादार सेनापति मैकडफ लेनाक्स कहीं मैंकबेथ के विरुद्ध बड़े संघर्ष की तैयारी कर रहे हैं। इधर मैकबेथ और लेडी मैकबेथ अपने ही पापबोध का शिकार होकर पागलपन की ओर बढ़ रहे हैं। गलत रास्ता दिखाने वाली डाइनों के अलावा मैकबेथ के पास अपना कोई नहीं बचा है। डाइनें प्रेतों के साथ मिलकर को भरोसा दिलाती हैं कि जब तक वह बरनम वन खुद चलकर राजा के किले तक नहीं आ जाता, तब तक मैकबेथ की मौत नामुमकिन है और औरत का जना कोई भी मैकबेथ को मार नहीं सकता।

असुरक्षित प्रतिहिंसक मैकबेथ, मैकडफ की बीवी और बच्चे की हत्या करवा देता है। सब कुछ पा लेने के बाद भी विक्षिप्त और अवसाद ग्रस्त लेडी मैकबेथ एक दिन दुनिया से चली जाती है।

उधर मैकडफ के नेतृत्व क्षुब्ध सैनिकों का दल खुद को ओट करके मैकबेथ के किले पर हमला कर देता है। तभी मैकडफ यह रहस्य यह रहस्योद्घाटन भी करता है कि वह गर्भ मां का चीरकर पर पैदा हुआ था। अब मैकबेथ समझ गया कि उसकी मौत सामने है वह अकेला मुकाबला करता है
 

व्योमेश शुक्ल द्वारा द्वारा निर्देशित इस नाटक का हिंदी अनुवाद रघुवीर सहाय ने किया और इसमें अभिनय करने वाले कलाकारों में डंकन मैकबेथ : तापस, लेडी मैकबेथ : स्वाति, मैकडफ नंदिनी, बांको : विशाल, डाइनें : शाश्वत वअमित, दरबान मैकडक पुत्र और प्रेत : राखी, सूत्रधार और मैकडफ - पत्नी : वंशिका, सैनिक : आकाश, कथावाचक और लेनाक्स : सिद्धि, मैलकम : अश्विनी, रोस : समृद्धि, दरबान और चिकित्सक : अदिति, दरबार और नर्स : निधि, दरबान : मधुलता, प्रेत और हत्यारा : आशुतोष, यूथपति व राज्यकर्मी : जय, नवाब, अमन, सार्थक अदि रहे।


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