MENU

हिन्दू जन जागृति ने किया अभिनेता सलमान खान की फिल्म दबंग 3 का विरोध



 18/Dec/19

20 दिसंबर को प्रदर्शित होने वाली हिन्दी फिल्म दबंग 3में साधुओं को गॉगल्स चढाकर और हाथ में गिटार लेकर आपत्तिजनक भाव-भंगिमा में नाचते हुए दिखाया गया है, साथ ही इसमें देवताओं का भी अनादर किया गया है। यह ध्यान दिलाने पर भी नाचनेवाले साधु झूठे हैं’, ऐसा बोलकर सलमान खान ने इस फिल्म के प्रस्तुत दृश्य का समर्थन किया है। यदि ऐसा है, तो क्या सलमान खान झूठे मुल्ला-मौलवी और फादर-बिशप को गिटार लेकर आपत्तिजनक भाव-भंगिमा में नाचते हुए दिखाने का साहस दिखाएंगे? वाराणसी के शास्त्री घाट निकट वरूणा पुल पर आयोजित राष्ट्र्रीय हिन्दू आंदोलन में हिन्दू जनजागृति समिति के राजन केशरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम हिन्दुओं के आस्था केंद्रों का ऐसा अनादर कदापि हम सहन नहीं करेंगे। फिल्म के आपत्तिजनक दृश्यों को हटाया नहीं गया, तो दबंग 3का बहिष्कार किया जाएगा।

इस अवसर पर आंदोलनकारियों ने, ‘धार्मिक तनाव उत्पन्न करनेवाली फिल्म दबंग 3 पर रोक लगाएं’, ‘हिन्दू धर्म का अनादर करनेवाले सलमान खान का धिक्कार होकी घोषणाएं कीं। इस आंदोलन में यह मांग की गई कि सेन्सर बोर्ड दबंग 3फिल्म से हो रहे हिन्दुओं के आस्था केंद्रों के अनादर व भारतीय संस्कृति के अनादरयुक्त दृश्यों को तत्काल हटाए, अन्यथा इस फिल्म को सेन्सर का प्रमाणपत्र न दिया जाए। ऐसी मांग का ज्ञापन हिन्दू जनजागृति की ओर से जिलाधिकारी को दिया गया। मौके पर हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष पांडे, हिंदू जागरण मंच के संयोजक रवि श्रीवास्तव, सुराज्य भारत के संस्थापक एवं प्रबंधक राहुल मिश्रा, अधिवक्ता मदन मोहन यादव, जय प्रकाश सिंह, हिन्दू जनजागृति समिति के राजन केसरी, सनातन संस्था की श्रीमती प्राची जुवेकर एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

आंध्र प्रदेश सरकार जेरुसलेम और हज यात्रियों को दिए जाने वाले अनुदान बढाने का निर्णय रद्द करें

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने मुसलमानों को हज यात्रा व ईसाईयों को जेरुसलेम यात्रा हेतु पहले दिए जानेवाले 40 सहस्र रुपए का अनुदान बढाकर उसे प्रति यात्री 60 सहस्र रुपए करने का निर्णय लिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2012 में केंद्र सरकार को हज यात्रा हेतु दिए जानेवाले अनुदान को 10 वर्षो में बंद करने का आदेश दिया था। आंध्र प्रदेश सरकार का यह निर्णय अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के लिए सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना करनेवाला है, इस आंदोलन में यह मांग की गई।

‘मातृभाषा में शिक्षा लेने से बच्चों का बौद्धिक विकास होता है’, यह विश्वेमान्य सिद्धांत है। ऐसा होते हुए भी आंध्र प्रदेश सरकार ने बच्चों को पहली कक्षा से ही अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने की घोषणा की है। इस घोषणा के कारण राज्य के बच्चों को बचपन से ही मातृभाषा से दूर ले जाकर उन्हें भारतीय संस्कृति से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। वास्तव में तेलुगु इस राज्य की पहली भाषा है और इस भाषा के संरक्षण और संवर्धन का दायित्व राज्य सरकार का है। ऐसा होते हुए भी बच्चों पर अंग्रेजी माध्यम थोपना अनाकलनीय है। अतः इस आंदोलन में आंध्र प्रदेश सरकार से मातृभाषा की रक्षा हेतु पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने की घोषणा रद्द करने की मांग की गई।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

4203


सबरंग