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सरकार ने NRC व CAA वापस नहीं लिया तो पूरे देश में सपा खड़ा करेगी आंदोलन: रामगोविंद चौधरी



 29/Dec/19

जब से केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल को पास कराया उसी के पश्चात पूरे देश में इसे लेकर आंदोलन तेज हो गया था, जिसकी जद में उत्तर प्रदेश भी आ गया था। हिंसक आंदोलन के चलते जहाँ पुलिस फायरिंग में दर्जनों लोगों की जानें चली गई और हजारों आंदोलनकारी जेल की सलाखों के पीछे हैं।

जिसका लाभ उठाने के लिए उत्तर प्रदेश में सपा कांग्रेस दोनो दलों के शीर्ष नेतृत्व ने इस मौके का फायदा उठाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दिया, पर आंदोलनकारियों की लड़ाई सीधे सरकार से थी लिहाजा फिलहाल किसी दल को कोई विशेष लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है।

ऊपर से NRC CAA बिल पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद अब तो आंदोलन लगभग थम सा गया है, क्योंकि उन्होंने खुले मंच से मुस्लिम समाज को भरोसा दिलाया है कि किसी की भी नागरिकता जाने वाली नहीं है ?

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में जिला प्रशासन की सूझबूझ ने पूरे आंदोलन को हिंसक होने से बचा लिया और स्वयं शहर के काजी, मुफ्ती - ए - बनारस ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर अमन का पैगाम दिया जिसका असर हुआ कि अब सभी लोग शांत हो गए हैं।
इस आंदोलन में फिलहाल सैकड़ों लोग जेल की सलाखों में कैद हैं।

इन्हीं आंदोलनकारियों से मिलने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिशा निर्देश बनारस में रविवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर रविवार को सूबे के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल जिला जेल में मिलने गया। इसके पश्चात प्रतिनिधिमंडल बजरडीहा एवं बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंचकर मृतक सगीर व घायलों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दिया।

‌प्रतिनिधिमंडल में विधायक गोपालपुर आजमगढ़ नफीस अहमद, विधायक सकलडीहा प्रभुनारायण सिंह यादव, पूर्व विधायक भदोही जाहिद बेग, पूर्व विधायक मुगलसराय बब्बन सिंह चौहान शामिल रहे।

साथ प्रतिनिधिमंडल ने सर्वप्रथम सर्किट हाउस में समाजवादी पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात किया।

स्पा का प्रतिनिधिमंडल वापस सर्किट पहुंचकर मीडिया से मुखातिब भी हुआ। प्रेस वार्ता में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधर ने पत्रकार कहा कि मैंने आंदोलन में बंद जेल के पीड़ितों तथा पुलिस द्वारा बर्बर तरीके से किए गए लाठीचार्ज में घायल लोगों एवं मृत बालक के परिजनों से मिलकर यह महसूस किया कि वाराणसी पुलिस एवं जिला प्रशासन ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया का गला घोटा है, तथा शांतिपूर्ण तरीके से चलाए जा रहे आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन को हिटलर शाही तरीके से कुचलने का कार्य किया है। इस देश को आजाद कराने में सभी धर्म एवं संप्रदाय के लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी। धर्म के आधार पर कोई भी कानून लागू करना इस देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार ने देश के लोगों का ध्यान बटाने के लिए ऐसे अनैतिक कानून को लाने का काम किया है। क्योंकि इस देश के लोग अब लगातार गिरती हुई जीडीपी, बेरोजगारी, महंगाई, लूट, हत्या, बलात्कार, महिला उत्पीड़न इत्यादि मुद्दों पर भाजपा सरकार से अब प्रश्न पूछने लगे थे।

शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों पर बहुत गंभीर किस्म की आपराधिक धाराएं लगाकर उनको जेलों में बंद किया गया है। भाजपा एवं आरएसएस तथा पुलिस तीनों ने मिलकर शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसात्मक कर दिया। कई वायरल वीडियो इस बात की गवाही हैं कि सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ एवं नुकसान इन्हीं लोगों ने किया है।

देश के कई प्रमुख विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस एक्ट के खिलाफ आंदोलन किया जिसका विश्व के अनेकों विश्वविद्यालयों ने समर्थन किया है। इसके अलावा पत्रकार, लेखक, कवि, बौद्धिक मंच, नाटक एवं रंगमंच के कलाकारों ने पहली बार एक साथ पूरे देश में इस एक्ट का विरोध किया है। देश एवं प्रदेश की तानाशाही सरकार को अभिलंब इस फासीवादी बिल को वापस लेना चाहिए अन्यथा समाजवादी पार्टी पूरे देश में इसके खिलाफ आंदोलन खड़ा करेगी।

समाजवादी पार्टी के नि. जिलाध्यक्ष डॉ. पीयूष यादव एवं नि. महानगर अध्यक्ष राजकुमार जयसवाल व वरिष्ठ नेत्री शालिनी यादव ने प्रतिनिधिमंडल के साथ पूरे समय चल कर पीड़ितों के घर पहुंचाया एवं जेल तथा बीएचयू ट्रामा सेंटर का दौरा कराया। प्रतिनिधिमंडल भ्रमण में जिला महासचिव डॉ. रमेश राजभर, जितेंद्र यादव, आशुतोष सिन्हा, डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी, अशफाक अहमद डब्लू, डॉ. ओपी सिंह, पूर्व विधायक महेंद्र पटेल, राजू यादव, पूजा यादव, लालू यादव, हीरु यादव, किशन दीक्षित, दिलीप डे, वरूण सिंह, सत्यप्रकाश सोनू, रामचंद्र यादव, लालजी सोनकर, जौहर प्रिंस, विवेक यादव, जियालाल राजभर, पिंटू यादव, शमीम अंसारी, प्रिया अग्रवाल, राजेंद्र त्रिवेदी, मोहम्मद जुबेर इत्यादि की प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

सरकार ने NRC CAA वापस नहीं लिया तो पूरे देश में आंदोलन खड़ा करेगी सपा : रामगोविंद चौधरी


जब से केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल को पास कराया उसी के पश्चात पूरे देश में इसे लेकर आंदोलन तेज हो गया था, जिसकी जद में उत्तर प्रदेश भी आ गया था। हिंसक आंदोलन के चलते जहाँ पुलिस फायरिंग में दर्जनों लोगों की जानें चली गई और हजारों आंदोलनकारी जेल की सलाखों के पीछे हैं।

जिसका लाभ उठाने के लिए उत्तर प्रदेश में सपा कांग्रेस दोनो दलों के शीर्ष नेतृत्व ने इस मौके का फायदा उठाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दिया, पर आंदोलनकारियों की लड़ाई सीधे सरकार से थी लिहाजा फिलहाल किसी दल को कोई विशेष लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है।

ऊपर से NRC CAA बिल पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद अब तो आंदोलन लगभग थम सा गया है, क्योंकि उन्होंने खुले मंच से मुस्लिम समाज को भरोसा दिलाया है कि किसी की भी नागरिकता जाने वाली नहीं है ?

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में जिला प्रशासन की सूझबूझ ने पूरे आंदोलन को हिंसक होने से बचा लिया और स्वयं शहर के काजी, मुफ्ती - ए - बनारस ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर अमन का पैगाम दिया जिसका असर हुआ कि अब सभी लोग शांत हो गए हैं।
इस आंदोलन में फिलहाल सैकड़ों लोग जेल की सलाखों में कैद हैं।

इन्हीं आंदोलनकारियों से मिलने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के दिशा निर्देश बनारस में रविवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर रविवार को सूबे के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल जिला जेल में मिलने गया। इसके पश्चात प्रतिनिधिमंडल बजरडीहा एवं बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंचकर मृतक सगीर व घायलों के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दिया।

‌प्रतिनिधिमंडल में विधायक गोपालपुर आजमगढ़ नफीस अहमद, विधायक सकलडीहा प्रभुनारायण सिंह यादव, पूर्व विधायक भदोही जाहिद बेग, पूर्व विधायक मुगलसराय बब्बन सिंह चौहान शामिल रहे।

साथ प्रतिनिधिमंडल ने सर्वप्रथम सर्किट हाउस में समाजवादी पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात किया।

स्पा का प्रतिनिधिमंडल वापस सर्किट पहुंचकर मीडिया से मुखातिब भी हुआ। प्रेस वार्ता में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधर ने पत्रकार कहा कि मैंने आंदोलन में बंद जेल के पीड़ितों तथा पुलिस द्वारा बर्बर तरीके से किए गए लाठीचार्ज में घायल लोगों एवं मृत बालक के परिजनों से मिलकर यह महसूस किया कि वाराणसी पुलिस एवं जिला प्रशासन ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया का गला घोटा है, तथा शांतिपूर्ण तरीके से चलाए जा रहे आंदोलन एवं धरना प्रदर्शन को हिटलर शाही तरीके से कुचलने का कार्य किया है। इस देश को आजाद कराने में सभी धर्म एवं संप्रदाय के लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी थी। धर्म के आधार पर कोई भी कानून लागू करना इस देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। केंद्र एवं प्रदेश की भाजपा सरकार ने देश के लोगों का ध्यान बटाने के लिए ऐसे अनैतिक कानून को लाने का काम किया है। क्योंकि इस देश के लोग अब लगातार गिरती हुई जीडीपी, बेरोजगारी, महंगाई, लूट, हत्या, बलात्कार, महिला उत्पीड़न इत्यादि मुद्दों पर भाजपा सरकार से अब प्रश्न पूछने लगे थे।

शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे लोगों पर बहुत गंभीर किस्म की आपराधिक धाराएं लगाकर उनको जेलों में बंद किया गया है। भाजपा एवं आरएसएस तथा पुलिस तीनों ने मिलकर शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसात्मक कर दिया। कई वायरल वीडियो इस बात की गवाही हैं कि सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ एवं नुकसान इन्हीं लोगों ने किया है।

देश के कई प्रमुख विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस एक्ट के खिलाफ आंदोलन किया जिसका विश्व के अनेकों विश्वविद्यालयों ने समर्थन किया है। इसके अलावा पत्रकार, लेखक, कवि, बौद्धिक मंच, नाटक एवं रंगमंच के कलाकारों ने पहली बार एक साथ पूरे देश में इस एक्ट का विरोध किया है। देश एवं प्रदेश की तानाशाही सरकार को अभिलंब इस फासीवादी बिल को वापस लेना चाहिए अन्यथा समाजवादी पार्टी पूरे देश में इसके खिलाफ आंदोलन खड़ा करेगी।

समाजवादी पार्टी के नि. जिलाध्यक्ष डॉ. पीयूष यादव एवं नि. महानगर अध्यक्ष राजकुमार जयसवाल व वरिष्ठ नेत्री शालिनी यादव ने प्रतिनिधिमंडल के साथ पूरे समय चल कर पीड़ितों के घर पहुंचाया एवं जेल तथा बीएचयू ट्रामा सेंटर का दौरा कराया। प्रतिनिधिमंडल भ्रमण में जिला महासचिव डॉ. रमेश राजभर, जितेंद्र यादव, आशुतोष सिन्हा, डॉ. आनंद प्रकाश तिवारी, अशफाक अहमद डब्लू, डॉ. ओपी सिंह, पूर्व विधायक महेंद्र पटेल, राजू यादव, पूजा यादव, लालू यादव, हीरु यादव, किशन दीक्षित, दिलीप डे, वरूण सिंह, सत्यप्रकाश सोनू, रामचंद्र यादव, लालजी सोनकर, जौहर प्रिंस, विवेक यादव, जियालाल राजभर, पिंटू यादव, शमीम अंसारी, प्रिया अग्रवाल, राजेंद्र त्रिवेदी, मोहम्मद जुबेर इत्यादि की प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


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