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ठण्ड के इस मौसम में श्वांस रोगी रहे सावधान: डॉ. एस.के पाठक



 01/Jan/20

ब्रेथ ईजी टी.बी, चेस्ट, एलर्जी केयर अस्पताल, अस्सी वाराणसी द्वारा ब्रेथ ईजी कांफ्रेंस हॉलमें आयोजित एक पेशेंट्स एजुकेशन प्रोग्राममें डॉ. एस.के पाठक (वरिष्ठ श्वांस, एलर्जी, फेफड़ा रोग विशेषज्ञ) ने मरीजों को बताया कि मौसम बदलने के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है । शीतलहरी सर्दी की शुरुआत हो गई है, ऐसे में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी को बचाव की जरूरत होती है, लेकिन सर्दियों के इस मौसम में ज्यादा से ज्यादा ऑर्थराइटिस, अस्थमा, हार्ट की प्रॉब्लम और टॉन्सिल्स के मरीजों को ज्यादा बचाव की जरूरत होती है। ठंड का मौसम जितना सुहावना और सेहत के लिए फायदेमंद होता है, श्वांस के मरीजों के लिए ये मौसम उतना ही नाजुक होता है। सांस लेने में परेशानी होना, दम घुटना, सांस लेते समय आवाज होना, सांस फूलना, छाती में कुछ जमा हुआ सा या भरा हुआ सा महसूस होना, बहुत खांसने पर चिकना-चिकना कफ आना, मेहनत वाले काम करते समय सांस फूलना आदि अस्थमा के लक्षण होते हैं।

डॉ. पाठक ने मरीजों को आगे बताया कि ठंडी हवायें अस्थमा के लक्षणों को और भी गंभीर बना सकती हैं, इसलिए अस्थमा के मरीजों को इस मौसम के अचानक बदलाव से सावधान रहना चाहिए, खास तौर पर सुबह के वक्त गर्म बिस्तर से उठकर एकदम खुली हवा में नहीं जाना चाहिए, बल्कि थोड़ा इंतजार करें। अस्थमा के रोगियों को डॉक्टर की सलाह के मुताबिक इनहेलर और नैजल स्प्रे आदि नियमित रूप से इस्तेमाल करना चाहिए, साथ ही उन्हें हमेशा अपने पास रखना चाहिए क्योकि ठंड के इन दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा के मरीजों को होती है। अस्थमा बढ़ाने वाले एलर्जी के तत्व ठंडे मौसम में ज्यादा होने की वजह से दमा के मरीजों को ज्यादा तकलीफ होती है, ऐसे में अस्थमा के रोगियों को कोहरे से विशेष रूप से बचना चाहिए। उन्हें जल्दी-जल्दी गर्म और सर्द वातावरण में भी नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना बेहद अहम है। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक होती है, उन्हें सर्दी- जुकाम आदि जैसी समस्याएं आसानी से नहीं होती।

डॉ. पाठक ने यह भी बताया कि एलर्जी का खतरा लगातार बढ़ रहा है, इससे सावधान रहने की जरुरत हैं, अमूमन बदलते मौसम में एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है I इसकी अनदेखी करने से स्थिति भयावह हो सकती है और अस्थमा का खतरा बढ़ सकता है I गले में खरास, सर्दी जुखाम, नाक और आँख से पानी, बार-बार छिके आना और नाक में खुजली के साथ चकत्ते का बने रहना, साधारण सर्दी लम्बे समय तक बने रहना, कभी-कभी बुखार एवं मांसपेशियों में दर्द आदि एलर्जी का लक्षण है I यदि इसका सही निदान न हो तो 80 प्रतिशत एलर्जी के रोगी अस्थमा के मरीज बन जाते हैं I”

अंत में डॉ. पाठक ने बताया कि ब्रेथ ईजी टी.बी, चेस्ट, एलर्जी केयर अस्पताल, अस्सी वाराणसी समय-समय पर कई सारे नि:शुल्क स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाता रहता हैं, अपने स्वास्थ्य सम्बंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए ब्रेथ ईजी के हेल्पलाइन न. 8935001679, 8935001676 पर आप संपर्क कर सकते हैं, ब्रेथ ईजी सदेव आपके सेवा में तत्पर हैं I

 


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