MENU

बाबा विश्वानाथ का रजत सिंहासन क्षतिग्रस्त



 06/Feb/20

काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डा. कुलपति तिवारी अपना घर दिसम्बर, 2019 में ही मुक्तिधाम के लिए बेच दिए थे। इसके बावजूद वो अपने घर में ही रहते थे. उन्हें 15 फरवरी, 2020 तक घर खाली करने के लिए मंदिर प्रशासन ने मोहलत दी थी। लेकिन 22 जनवरी को तड़के सुबह उनके घर का एक हिस्सा भहरा गया. घर कैसे गिरा, इसकी फिलहाल जांच चल रही है. लेकिन उनके घर के मलवे में दबकर बाबा विश्वनाथ का रजत सिंहासन क्षतिग्रस्त हो गया. रजत सिंहासन उन्हीं के घर में रखा था।

मलवे में दबने से रजत झूला, छत्र और प्राचीन पालकी भी 60 फीसदी क्षतिग्रस्त हो गई है। बाबा के रजत सिंहासन में लगाई जाने वाली चांदी की गुम्बद अब भी मलवे में दबी है. यदि यह निकाल भी ली जाती है तो उसकी मरम्मत करना असंभव होगा। इस बीच खबर है कि 3 फरवरी की रात में पूर्व महंत के घर में चोरी हो गई. पूर्व महंत डा. कुलपति तिवारी ने कारिडोर स्थित अपने आवास से करोड़ों रुपये की सम्पत्ति चोरी होने की पुलिस थाने में शिकायत की है।

उनका घर रेडजोन एरिया में है और वहां चोरी होने से सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं. उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व रेड जोन एरिया में कई दुकानों को रात में तोड़े जाने की खबर भी अखबारों में प्रकाशित हुई थी. उधर, कारिडोर का निर्माण कर रही गुजरात की कम्पनी पीएसपी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने 13 मंदिरों को अस्थाई तौर पर हटाने का प्रशासन से अनुरोध किया है।

दरअसल इन मंदिरों के चारों तरफ लगभग पचास फुट गहरा गड्ढा खोद दिया गया है. मुक्तिधाम के मंदिरों के कारण निर्माण के लिए आई बड़ी मशीनों के मूवमेंट में दिक्कत आ रही है. मशीनों की धमक से इन मंदिरों के गिरने का खतरा पैदा हो गया है। मशीनों के आने-जाने के लिए रास्ता तो चाहिए ही. ऐसे ही थोड़े विकास मुक्तिधाम में पहुंच जाएगा।

मशीनों की सुविधा के लिए देवी-देवताओं के मंदिरों को कुछ दिन के लिए हटाने का पीएसपी कम्पनी ने प्रशासन से अनुरोध किया है. मुक्तिधाम का निर्माण कार्य तेज करने के लिए कुछ और मशीनें लगाई जाएंगी तो उनके लिए जगह तो बनानी ही पड़ेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पक्काप्पा के मुक्तिधाम में कितने मंदिर विकास की धमक से अपना अस्त्तित्व बचाने में सफल होते हैं।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

8272


सबरंग