आगरा 28 फरवरी शुक्रवार को कालीन निर्यात संवर्धन परिषद ने विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) व वस्त्र मंत्रालय के तत्वावधान में आगरा में "जीएसटी” और “निर्यात बढ़ाने के लिए रणनीति पर चर्चा” के बारे में संगोष्ठी का आयोजन किया है। संगोष्ठी का उद्घाटन सिद्ध नाथ सिंह अध्यक्ष सीईपीसी द्वारा किया गया। अन्य विशिष्ट अतिथि उमेश कुमार गुप्ता वरिष्ठ सीओए सदस्य सीईपीसी, बोध राज मल्होत्रा सीओए सदस्य सीईपीसी, आरडी शर्मा अध्यक्ष आगरा फ्लोर कवरिंग एसोसिएशन, संजय कुमार अधिशासी निदेशक सीईपीसी और मुक्तेश पाठक एचपीओ हस्तशिल्प सेवा केंद्र आगरा ने अपनी उपस्थिति प्रदान की।
इस अवसर पर सिद्ध नाथ सिंह, अध्यक्ष सीईपीसी ने आए सभी विशिष्ट अतिथियों, बुनकरो एवं निर्यातकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। अध्य्क्ष सिद्ध नाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि परिषद बुनकरों और निर्यातकों की सभी समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। श्री सिंह ने महिला बुनकरों का भारतीय हस्तनिर्मित कालीन उद्योग में उनके योगदान के लिए विशेष धन्यवाद दिया।
मुक्तेश पाठक, एचपीओ हस्तशिल्प सेवा केंद्र आगरा, कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में अवगत कराया।
वर्तमान व्यापार परिदृश्य में कारीगरों और निर्यातकों को ऊपर उठाने के लिए परिषद ने "जीएसटी" और "निर्यात बढ़ाने की रणनीति" पर व्यावसायिक विशेषज्ञों को आमंत्रित किया। संबन्धित विषय पर अध्ययन सामग्री भी बुनकरों / निर्यातकों को दी गई।
दरी कारीगरी के लिए राज्य पुरस्कार से सम्मानित राशिद अंसारी ने अपना अनुभव साझा किया और दरी बनाने की विभिन्न तकनीकों के बारे में बताया।
संजय कुमार, अधिशासी निदेशक, कालीन निर्यात संबर्धन परिषद ने उल्लेख किया कि हस्तनिर्मित कालीन उद्योग को कुशल बुनकरों की आवश्यकयता हैं और कालीन निर्यात संवर्धन परिषद लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रमों, सेमिनारों और कार्यशालाओं को आयोजित करके कारीगरों के कौशल को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया की आने वाले अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय कालीन प्रदर्शनियों में परिषद थीम पवेलियन के माध्यम से कालीन बुनाई तकनीक को प्रदर्शित करेगी ।