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संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह में कुछ कलाकार और कुछ अखबार हनुमान जी को दे रहे हैं धोखा



 15/Apr/20

आज से लगभग 50 साल पहले एक हिंदी फिल्म में गाने का प्रयोग हुआ था, उस समय हो सकता गाने का अर्थ लोगों के समझ में नहीं आया होगा परंतु आज जब पूरा विश्व कोरोना जैसी महामारी के चलते संकट में है, ऐसी कठिन परिस्थिति में श्रीसंकट मोचन हनुमान जी की कृपा से हनुमंत जयंती के अवसर पर 12 से 17 अप्रैल तक आयोजित हुए श्रीसंकटमोचन डिजिटल संगीत समारोह में उस गाने का सही मायने में अर्थबोध गया... गाने के बोल थे...

" देते हैं भगवान को धोखा, इंसा को क्या छोड़ेगा... "

 सही मायने में देखा जाय तो संकट मोचन मंदिर के परम आदरणीय महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र के द्वारा आयोजित विश्वविख्यात संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह के नवीनतम प्रयोग में कई कलाकारों के द्वारा भेजे गए वीडियो क्लिप के प्रसारण के बाद देखने को मिला।

बताते चलें कि संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह की दूसरी निशा की पूरी खबर जब वाराणसी से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र हिंदुस्तान  में 14 अप्रैल को प्रकाशित हुई जिसका शीर्षक रहा ...

 "युवा कलाकारों ने उल्लास में बदला कोरोना का संत्रास"

8 कॉलम में प्रकाशित इस में खबर लिखा है दूसरी निशा का पहला चरण युवा कलाकारों के नाम रहा  शुरुआत बनारस घराने के युवा कथकबाज सौरव गौरव मिश्र के नृत्य से हुई। खबर में आगे लिखा गया कि बोल पढ़न्त पर उनके गुरु पं. रवि शंकर मिश्र, तबले पर रामकुमार मिश्र सितार पर नीरज अमरनाथ मिश्र गायन में गौरव मिश्र ने सहयोग दिया। हकीकत है कि पं. रवि शंकर मिश्र न तो वीडियो क्लिप में कहीं नजर आ रहे हैं और ना ही उन्होंने डिजिटल प्‍लेटफार्म के लिए तैयार किए वीडियो क्लिप हैं। क्‍लाउन टाइम्‍स से बात चीत में श्री रविशंकर ने दो टूक शब्‍दों में कहा कि उन्‍होंने कोई सहयोग नहीं किया

हिंदुस्तान समाचार पत्र में संगीत समारोह के दूसरी निशा की प्रकाशित फोटो  जिसमें लिखा है दिल्ली से ऑनलाइन होकर भरतनाट्यम प्रस्तुत करती भद्रा सिन्हा और गायत्री शर्मा । कोरोना के कहर का दंश झेल रही देश की राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन की इस विकट परिस्थिति यह कदापि संभव नहीं है कोई कलाकार आधा दर्जन से अधिक संगत कलाकारों के साथ पूरा स्टेज तैयार कर डिजिटल प्लेटफार्म पर ऑनलाइन होकर भरतनाट्यम करने का खतरा मोल लेगा।

देखिए इन कलाकारों की प्रस्तुति का वीडियो क्लिप और स्वयं तय कीजिए कि आखिर परम आदरणीय संकट मोचन भगवान को यह कलाकार अपनी संगीतांजलि किस रूप में अर्पित कर रहे हैं और बनारस के जिम्मेदार मीडिया कर्मी इसे किस प्रकार प्रकाशित कर रहे हैं।

दूसरी निशा में प्रख्यात तबला वादक कुमार बोस का तबला वादन संकट मोचन संगीत समारोह के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हुआ है। जिसके पीछे स्पष्ट रूप से सृजन लिखा है । यह इस बात की गवाही है कि कहीं न कहीं परम आदरणीय संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र के इस नवीनतम प्रयोग में शामिल जिम्मेदार लोगों से भारी भूल हुई है। देखिए कुमार बोस के तबला वादन की वीडियो क्लिप...

 क्लाउन टाइम्स टीवी यूट्यूब चैनल पर प्रख्यात तबला वादक कुमार बोस के द्वारा संकट मोचन डिजिटल संगीत समारोह के लिए विशेष रूप से प्रभु हनुमान जी के चरणों में समर्पित वीडियो क्लिप...

लॉकडाउन की इस विकट परिस्थिति कलाकारों के लिए यह कदापि संभव नहीं कि प्रभु हनुमान जी के दरबार में उनकी हाजिरी कलात्मक तरीके से हो बल्कि उन्हें विश्वविख्यात शास्त्री गायक पद्मविभूषण पं. जसराज व प्रख्यात कथक नर्तक राममोहन महाराज व कुमार बोस सहित अन्य कलाकारों की हाजिरी को देख कर कुछ सीखना चाहिए।


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