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पालघर में पुलिसकर्मियों के सामने ही दो संतों का 'मॉब लिंचिंग' करना, यह महाराष्‍ट्र को कलंकित करनेवाली घटना



 20/Apr/20

शासन संबंधित पुलिसकर्मियों सहित दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करे !

पालघर में हिंसक भीड ने पुलिसकर्मियों के सामने ही अमानुषिक मारपीट कर श्री पंच दशनाम जुना अखाडाके संत कल्‍पवृक्षगिरी महाराज एवं सुशीलगिरी महाराज, साथ ही उनके वाहनचालक की निर्मम हत्‍या की है । इस संदर्भ में सामने आए वीडियो में पुलिसकर्मियों द्वारा ही उन वयोवृद्ध संतों को हिंसक भीड के हाथों सौंपने और पुलिसकर्मियों के सामने ही उनकी निर्मम हत्‍या किए जाने का भीषण सत्‍य उजागर हुआ है । जिन पर जनता की सुरक्षा का दायित्‍व है, वे पुलिसकर्मी ही यदि हत्‍या करनेवालों की सहायता करते हों, तो अब जनता किसके भरोसे रहेगी ? इससे पहले भी ठाणे के पुलिसकर्मियों द्वारा एक हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ को उसके घर से उठाकर मंत्री के बंगले पर ले जाना और वहां उसके साथ अमानुषिक मारपीट होने की घटना सामने आई थी । तुकाराम ओंबळे जैसे पुलिसकर्मी के बलिदान से बढा महाराष्‍ट्र पुलिस बल का गौरव ऐसी घटनाओं से कलंकित होकर पतन की ओर जा रहा है । ये घटनाएं संतों की भूमि कहलानेवाले महाराष्‍ट्र को कलंकित कर रही हैं । बार-बार हिन्‍दुओं को लक्ष्य बनानेवाली ऐसी हिंसक घटनाओं को रोकने हेतु दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की आवश्‍यकता है । पालघर के प्रकरण में उच्‍चस्‍तरीय जांच कर दोषी हिंसक भीड सहित संबंधित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भी धारा 302 के अंतर्गत प्राथमिकी प्रविष्‍ट की जानी चाहिए, साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों को पुलिस विभाग की सेवा से हटाया जाए, यह हमारी मांग है ।

सरकार को इस संदर्भ में जनता के सामने सच्‍चाई रखनी चाहिए । लॉकडाऊनमें यातायात बंदी के समय पालघर में रात के समय सैकडों लोगों की हिंसक भीड लाठियों के साथ बाहर आती है और संतों द्वारा पुलिसकर्मियों से संरक्षण की गुहार लगाने के पश्‍चात भी यह भीड उनकी निर्मम हत्‍या कर देता है, यह स्‍ंतभित करनेवाला दृश्‍य है । श्री पंच दशनाम जुना आखाडादेश के 13 अखाडों में से सबसे बडा अखाडा है । इस कारण देशभर में रोष व्‍यक्‍त किया जा रहा है । इसलिए सरकार इस प्रकरण में तुरंत कार्रवाई करे, यह हमारी मांग है ।

 


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