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जैपुरिया स्कूल्स पड़ाव कैम्पस के बच्चों ने मनाया लॉक डाउन में मातृत्व दिवस



 11/May/20

अलग-अलग प्रतियोगिताओ में बच्चों ने लिया भाग

सेठ एम.आर. जयपुरिया स्कूल्स बनारस पड़ाव कैम्पस द्वारा आँन लाइन मातृ दिवस  कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस लॉकडाउन के समय में बच्चे जहॉ घर पर रहकर ऊबन महसूस कर रहे थे ऐसे समय पर स्कूल ने बच्चों के मन में नए रंग भरने की कोशिश की तथा नए रंगों के माध्यम से अपने संस्कारों को संजोने व अपने बड़ों के सम्मान में कुछ नया करने का कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था। मातृ दिवस के अवसर पर अंतर्निहित रचनात्मक को नव विहान प्रदान करना तथा वर्तमान पीढ़ी व दो पीढ़ियों को एक साथ एक मंच पर ला खड़ा करने का यह अद्भुत कार्यक्रम था ।

जैपुरिया स्कूल बनारस पड़ाव कैंपस द्वारा आयोजित किया गया जैसा कि सभी को पता है कि विभिन्न विद्यालयों द्वारा इस समय में ऑनलाइन क्लासेस लेने का प्रचलन बढ़ा है लेकिन विज्ञान के प्रयोग को एक नया लक्ष्य देने हेतु मातृत्व दिवस का यह अनूठा कार्यक्रम जैपुरिया स्कूल द्वारा तैयार किया गया।

इस कार्यक्रम का सबसे अच्छी बात यह थी कि कक्षा नर्सरी से लेकर कक्षा बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए कुछ ना कुछ नया करने के लिए विभिन्न तरह के प्रतियोगिता स्कूल द्वारा तैयार किया गया था जिसमें विद्यालय प्रबंधन के द्वारा बच्चों को मूल्यपरक ज्ञान देने के लिए इस अवसर पर एक वे वेविनार का आयोजन किया गया था जिसमें प्री प्राइमरी कक्षा में बच्चों द्वारा मां के लिए एक कार्ड बनाने का प्रतियोगिता कक्षा दो से से चार तक के विद्यार्थियों के लिए माँ जैसे गाने पर वीडियो मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था कक्षा 3 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए नॉन फायर कुकिंग कक्षा छः से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए 2 मिनट का वीडियो बनाने का प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जो मां को समर्पित थी, कक्षा 9 से 10 तक के विद्यार्थियों के लिए फोटो कोलाज बनाने का प्रतियोगिता व कक्षा इग्यारहवी ब बारहवीं के विद्यार्थियों के लिए मां के ऊपर ढाई सौ शब्दों का लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। आयोजित प्रतियोगिता में सभी बच्चों ने बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता दर्ज कराई व इस कार्यक्रम को अभिभावकों ने भी खूब सराहा इस प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में निर्णय देने के लिए क्लास नर्सरी से कक्षा दो तक का निर्णायक श्रीमती सुबधा केलकर व कक्षा 3 से 5 तक का निर्णायक राशि जैन व कक्षा 6 से 9 तक की निर्णायक वाइस प्रिंसिपल श्रीमती प्रियंका मुखर्जी व कक्षा दसवीं से बारहवीं तक का निर्णायक स्कूल के प्रधानाचार्य आशीष सक्सेना ने किया ।

विद्यालय के प्रबंध निदेशक मनोज बजाज ने बच्चों को संबोधित करते हुए व मातृ दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि

' मांगने पर जहां पूरी हर मन्नत होती है'

' माँ के पैरों में ही वह तो वह जन्नत होती है '

' मांग लूं यह मन्नत की फिर यही जहां मिले'

' फिर वही गोद फिर वही माँ मिले'

माँ तो कहने में एक छोटा सा शब्द है पर इस माँ से बड़ा कोई अर्थ नहीं है अपने बच्चे की पहला गुरु माँ ही होती है माँ उस इंद्रधनुष की तरह है जिसमें सभी रंग समाए हुए हैं माँ के प्रति अपने बच्चे के प्यार और प्यार की कोई गणना नहीं कर सकता है माँ उस फूल की तरह है जो पूरे परिवार को एक साथ महकाती है, माँ तो माँ है माँ का दर्जा जीवन मे सर्वोच्च है ।

आयोजित वेबीनार में स्कूल के प्रधानाचार्य *आशीष सक्सेना* ने बच्चों को मातृत्व को विस्तार पूर्वक अपने कहानियों के माध्यम से बताया और मां की सेवा के महत्व को भी समझाया साथ ही नारी सम्मान को भी समाज के लिए अति आवश्यक बताया । इस दुनिया में मां के लिए अगर सब से कोई प्यारा होता है तो उसका बेटा होता है । हमें जब कुछ कहना या बोलना भी नहीं आता था तो हमको सबसे पहले और ज्यादा समझने वाली अगर कोई दुनिया में है तो वह मां जो हमारे इशारे को तुरंत समझ पाती है।  इस कार्यक्रम का संचालन राशि बहल ने किया ।

 


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