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वाट्सएप पर अभद्र टिप्पणी करनें वालें पार्षद बेलाल अहमद की जमानत मंजूर



 10/Aug/20

अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व राजेश गुप्ता ने पक्ष रखा

एसीजेएम (फोर्थ) सुधा यादव की अदालत ने रामनगरी अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के लिए पांच अगस्त को आधारशिला रखे जाने के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ वाट्सएप पर अभद्र टिप्पणी कर इसे वायरल करने वाले आरोपी पार्षद बेलाल अहमद की जमानत मंजूर कर ली। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व राजेश गुप्ता ने पक्ष रखा

आरोप था कि अयोध्या में भूमि पूजन के दिन पार्षद बेलाल अहमद ने मुख्यमंत्री के खिलाफ वाट्सएप पर अशोभनीय टिप्पणी कर समाज में वैमनस्यता बढ़ाने के लिए इसे वायरल कर दिया था। वायरल टिप्पणी और अशोभनीय फोटो को देख क्षेत्रीय लोगों ने एतराज कर पुलिस को सूचना दिया। क्षेत्रीय लोगों की शिकायत पर पुलिस ने वायरल टिप्पणी को देख आरोपी पार्षद के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दियागय।

अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व राजेश गुप्ता का कथन है कि अभियुक्त निर्दोष है। उन्हें रंजिशन, झूठे मुकदमे में गलत एवं कपोलकल्पित आधारों पर फंसाया गया गया है। उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है, जिससे किसी समूह अथवा समाज की सांप्रदायिक भावनाएं आहत हो। अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र पर बल देते हुए विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह अभिकथन किया गया है कि अभियुक्त द्वारा ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया गया है, जिससे किसी समूह में शंत्रुता हो अथवा सांप्रदायिक भावनाएं आहत हो। अभियुक्त की रंजिशन राजनीतिक कारणवश गलत मुकदमे में बेबुनियाद आधार पर फंसाया गया है। अभियुक्त विवेचना एवं विचारण के कार्य में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है। जमानत पर रहने के दौरान किसी साक्ष्य अथवा साक्षी के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेगा। अतः अभियुक्त को उचित जमानत व मुचलके पर रिहा किया जाना न्यायहित में होगा

अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रार्थना पत्र जमानत का घोर विरोध करते हुए आपत्ति की हैं कि अभियुक्त पर आरोपित अपराध धाराएं आजमानतीय एवं जनमानस के विरुद्ध है। अभियोजन अधिकारी थाने से अभियुक्त के विरुद्ध दाखिल आख्या पर भी बल दिया है

कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का दिया आदेश

कोर्ट ने समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा पुलिस प्रपत्रों के अवलोकन से विदित है कि अभियुक्त दिनांक 7 अगस्त 2020 से न्यायिक अभिरक्षा में है। अभियुक्त पर आरोपित आरोप मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा परीक्षण मामलों से संबंधित है। थाने से प्राप्त अपराधिक इतिहास के आख्या के संबंध में कोई अपराधिक प्रमाण नहीं है। अभियुक्त जमानत एवं मुचलका देने के लिए तैयार है। अंत मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए जमानत का आधार प्राप्त है। अभियुक्त बेलाल अहमद द्वारा अंकन 25- 25 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र एवं समान धनराशि की दो जमानतें धारा 441A दं. प्र. स. के प्रावधान का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रस्तुत करनें पर जमानत पर रिहा किये जाने का आदेश दिया।

 


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