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किराना दुकानदार को मिला जमानत

फरान अहमद

 11/Aug/20

 अधिवक्‍ता हरिशंकर सिंह,चुन्‍ना राय व संजय दाढ़ी ने रखा अपना पक्ष  

दुकानदार द्वारा आटा, चावल तथा दाल निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर बेचे जानें के मामले में आरोपी अवधेश कुमार अग्रहरि पता किराना मर्चेंट लहराता पुल के पास मण्डुवाहीह। स्थाई निवासी मौजा फुलवरिया थाना कैंट की जमानत अर्ज़ी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश (आ. व. अधि.) राजीव कमल पाण्डेय की अदालत ने मंजूर कर ली। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से उ.प्र. बार कौंसिल के पूर्व चेयरमैन व वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर सिंह, शशिकांत राय उर्फ 'चुन्ना' राय व संजय सिंह 'दाड़ी' ने पक्ष रखा।

अभियोजन कथानक के अनुसार दिनांक 30 मार्च 2020 को प्राप्त 7:15 पर अपर जिला अधिकारी (ना.आ.) द्वारा गठित टीम, जिसमें पृथ्वीराज क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी प्रखंड- इलेक्ट्रेट, शिवाश्रय सिंह पूर्ति निरीक्षक तथा उपेंद्र कुमार यादव मंडी निरीक्षक सम्मिलित हैं। संयुक्त टीम उक्त समय से लहरतारा स्थित अवधेश कुमार अग्रहरी पुत्र भरत लाल किराना मर्चेंट पुल के पास की दुकान का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय आटा, चावल तथा दाल के विक्रय मूल की जानकारी की गई, तो उपस्थित लोगों द्वारा बताया गया कि आटा ₹34 प्रति किलो से प्राप्त होना बताया गया। अवधेश कुमार किराना विक्रेता उपरोक्त से आटा ₹34 प्रति किलो पर बेचे जाने पर पूछताछ की गई तो लिखित बयान दिया गया कि उन्हें 31 रुपए प्रति किलो की दर से प्राप्त हुआ है, लेकिन कहां से खरीदा गया है, का पता व कैशमेमो नहीं प्रस्तुत किया जा सका। इस प्रकार उक्त किराना के दुकानदार द्वारा 34 रूपयें प्रति किलो की दर से आटे की बिक्री करना, मौके पर जांच के समय कोई ठोस साक्ष्य /वैध कागजात न प्रस्तुत करना, रेट बोर्ड का प्रदर्शन न करने से प्रतीत होता है कि कोरोना महामारी का लाभ उठाकर उक्त दुकानदार द्वारा निर्धारित मूल्य (जनपद वाराणसी में निर्धारित दर  33 प्रति किलो से 1 प्रति किलो अधिक लिया गया है। इस प्रकार उक्त किराना के विक्रेता द्वारा जनपद में निर्धारित मूल्य सूची से अधिक दर में आटे की बिक्री किया गया है, जो अनियमितता की श्रेणी में आता है। इस तथ्य की प्रथम सूचना रिपोर्ट मण्डुवाडीह थाने में दर्ज कराई गई है।

 

जाने क्या दिया अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ताओ ने तर्क

बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर सिंह, शशिकांत राय 'चुन्ना राय' व संजय सिंह 'दाड़ी' ने तर्क दिया कि प्रार्थी/ अभियुक्त अवधेश कुमार अग्रहरि को झूठा फंसाया गया है। अभियोजन कथानक सर्वथा मनगढ़ंत है। उसके द्वारा कोई अपराध कारित नहीं किया गया है। प्राथमिकी काफी विलंब से लिखाई गई है। उसका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। घटना का कोई स्वतंत्र साक्षी नहीं है। जो साक्षी मुकदमा वादी द्वारा प्रदर्शित किया गया है वह सब सरकारी कर्मचारी हैं, जो स्वतंत्र साक्षी की श्रेणी में नहीं आते हैं। अभियुक्त पिछले 10 दिनों से न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध है । अंत आवेदक की जमानत स्वीकार की जाए

विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र का विरोध किया गया। आवेदक की जमानत निरस्त किया जाने की याचना की गई।

अदालत ने जमानत पर रिहा करने का दिया आदेश

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश (आ. व. अधि.) राजीव कमल पाण्डेय की अदालत ने शासकीय अधिवक्ता व वादी/ अभियुक्त अवधेश कुमार अग्रहरि की ओर से हरिशंकर सिंह, शशिकांत राय 'चुन्ना' तथा संजय सिंह दाड़ी के कथन को सुनने के बाद मामले में प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र संख्या 2020/ 2020 स्वीकार किया जाता है। उपरोक्त अभियुक्त को उसके द्वारा संबंधित न्यायालय की संतुष्टि पर पचास-पचास हजार रुपए का व्यक्तिगत बंधपत्र व इसी धनराशि के दो प्रतिभू (जिसमें एक उसके परिवार का सदस्य हो) दाखिल करनें पर अभियुक्त अवधेश कुमार अग्रहरि को जमानत पर रिहा किया जाए।

 


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