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पुलिस पर फायरिंग करनें के मामले में आरोपी सोनू यादव को मिलीं जमानत



 27/Aug/20

अधिवक्‍ता अभिषेक दूबे ने अपना पक्ष रखा

जिला एवं सत्र न्यायाधीश जौनपुर मदन पाल सिंह (एमपी सिंह) की अदालत ने जौनपुर पुलिस पर फायर कर हत्या के प्रयास व तमंचा फायल शुदा कारतुस और टीवीएस पल्सर मोटरसाइकिल बरामदगी के मामले में ग्राम गद्दोपुर थाना जंसा जिला वाराणसी निवासी सोनू यादव उर्फ धर्मेंद्र की जमानत अर्जी मंजूर कर ली। अदालत ने एक - एक लाख की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। बचाव पक्ष की ओर से फौजदारी के विद्वान अधिवक्ता अभिषेक कुमार दूबे ने पक्ष रखा।

 

अभियोजन पक्ष उपनिरीक्षक विनोद कुमार ने केराकत थाना में 2 जुलाई 2020 को मुकदमा पंजीकृत कराया था कि अभियुक्त सोनू यादव ऊर्फ धर्मेंद्र, अश्वनी सिंह दो अलग अलग मोटर साइकिल से थें, जो मुकदमा संख्या 116/2020 व मुकदमा अपराध संख्या 144/2020 अंतर्गत धारा 392 411 में वांछित थें। उपनिरीक्षक विनोद कुमार को वायरलेस से सुचना मिलीं पिछले दिन जलालपुर थाना क्षेत्र में पुलिस पार्टी पर फायर कर दो बाईक से चार अपराधी थाना गद्दी की तरफ जा रहें हैं। तथा जलालपुर थाना प्रभारी ओम नारायण सिंह अपनी फोर्स के साथ उनका पिछा कर रहें हैं कि बार्डर के थाने तथा केराकत, चंदवक के प्रभारी घेराबंदी करें कि उक्त आदेश के क्रम में अपराधियों की घेराबंदी करनें के लिए जैसे ही थाना गद्दी तिराहे पर पहुंचा कि प्रभारी निरीक्षक थाना चंदवक दिग्विजय सिंह अपनी टीम व सरकारी वाहन से खरगसेनपुर नहर पुलिया के करीब पहुंचा तो देखा गया कि दो मोटरसाइकिल पर चार बदमाश जलालपुर की तरफ से आ रहें हैं और थाना प्रभारी जलालपुर ओम नारायण सिंह अपनी पुलिस टीम के साथ बदमाशों का पिछा कर रहे हैं। पुलिस द्वारा पिछा करतें व अपने को घिरता देखकर बदमाश जोर जोर से शोर करके कहें कि मारों गोली ये पुलिस वाले शाले घेर लिये है। बदमाशों द्वारा जान से मारने की नियत से पुलिस पार्टी पर फायर कर सोहनी नहर पुलिया के तरफ भागने लगे इस पर आत्म सुरक्षा हेतु पुलिस द्वारा भी जान को जोखिम में डालते हुए अदम्य साहस का परिचय देतें हुए अपने को व अपराधियों को बचाते हुए शौर्य प्रदर्शन करते हुए अपराधियों को आत्मसमर्पण करनें को कहा फिर भी सब पुलिस पार्टी पर फायर करनें से बाज नहीं आये कि थाना प्रभारी जलालपुर व थाना प्रभारी केराकत द्वारा फायरिंग की गयीं जिसमें मौके जिसमें एक मोटरसाइकिल पर बैठे अपराधी अश्वनी सिंह उर्फ मिंटू के बायें पैर में गोली लगीं और मौके पर गिर गया तथा पकड़ा गया दूसरे अपराधी सोनू यादव ऊर्फ धर्मेंद्र को भी पकड़ लिया गया तथा दूसरी मोटरसाइकिल पर बैठे दो अपराधी वाराणसी की तरफ भागने में सफल रहे। पकड़े गये दोनों अपराधियों के पास से एक-एक 315 बोर का कट्टा, फायर शुदा कारतुस व एक टीवीएस पल्सर मोटरसाइकिल बरामद हुई।

 

जानें क्या दिया अभियुक्त के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक कुमार दूबे ने तर्क

अभियुक्त दस हजार का इनामिया सोनू यादव उर्फ धर्मेंद्र के विद्वान अधिवक्ता अभिषेक कुमार दूबे ने कोर्ट में तर्क दिया कि अभियुक्त निर्दोष है। उसे गलत ढंग से अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी द्वारा कोई अपराध नहीं किया है। आवेदक गण को प्रथम सूचना रिपोर्ट में फर्जी रूप से नामित किया गया है और फर्जी मुठभेड़ दिखाकर तमंचे की बरामदगी दिखाई गयी है, जबकि घटना स्थल पर 30 से 35 पुलिस वाले मय सरकारी असलहा मौजूद होना कहा जाता हैं। घटना का कोई चक्षुदर्शी साक्षी नहीं है। आवेदक सम्मानित परिवार के सदस्य हैं। अभियुक्त के पास से कोई बरामदगी नहीं है। प्रार्थी का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। प्रार्थी को परेशान करने के लिए अभियुक्त बनाया गया है। प्रार्थी को पुलिस घर से पकड़ कर थाने ले गई और फर्जी चालान कर दिया। कहां अभियुक्त सोनू यादव ऊर्फ धर्मेन्द्र 2 जुलाई 2020 से जेल में है। उपरोक्त आधारों पर आवेदक को जमानत प्रदान किए जाने का निवेदन विद्वान अधिवक्ता अभिषेक कुमार दूबे द्वारा किया गया है।

 

कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का दिया आदेश

कोर्ट ने अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता अभिषेक कुमार दूबे एवं राज्य की ओर से विद्वान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के तर्कों को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन करने के बाद अभियुक्त को मुबलिग एक-एक लाख की दो जमानतें तथा इतने ही धनराशि का व्यक्तिगत बंधपत्र प्रस्तुत करने पर संबंधित मजिस्ट्रेट की संतुष्टि पर जमानत पर रिहा किया जाए।

 


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