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सिद्धार्थ कत्याल की जमानत परिवाद पत्र में सत्र न्यायालय से ख़ारिज



 28/Aug/20

अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश भ्र.नि.अ. (कोर्ट संख्या द्वितीय) वाराणसी लोकेश राय ने अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ कत्याल की ओर से परिवाद पत्र संख्या 1895/2017 धारा 467, 468/471, 420, 409, 506, 1-20-B भारतीय दंड संहिता में प्रस्तुत ज़मानत प्रार्थना पत्र सुनवाई के पश्चात निरस्त कर दिया। जिसमें जमानत का विरोध परिवादी के अधिवक्ता नदीम अहमद खां ने किया था।

बचाव पक्ष की ओर कहा गया कि वह पिछले एक वर्ष से इस परिवाद पत्र में जिला कारागार में बंद है। वह कंपनी का मात्र एक वेतन भोगी कर्मचारी है और उसने परिवादी से कोई धन प्राप्त नही किया है। धन कंपनी ने प्राप्त किया है। उसने दिनांक 08/06/2016 को कंपनी से इस्तीफा भी दे दिया है।

परिवादी के अधिवक्ता द्वारा कहा गया कि परिवादी ने 17, 09, 250 ऑफ़िस व फ्लैट के लिए दिया था आज तक उसे न फ्लैट मिला और न ही उसके पैसे वापस किये गए।

 

तमाम दलीलों एवं तथ्यों को सुनने के बाद कोर्ट ने अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया

मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए तथा दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत न्यायालय ने अभियुक्त की जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।

 


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