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बलवंत सिंह हत्याकांड: फिर मिलीं एसएसबी ग्रुप के निदेशकों को राहत



 25/Sep/20

वाराणसी अपर सत्र न्यायाधीश (कोर्ट संख्या 6) पशुपतिनाथ मिश्रा की अदालत ने सारनाथ के बिल्डर बलवंत सिंह हत्याकांड में जेल भेजे गए आरोपी पंकज चौबे के उस आवेंदन को दूबारा खारिज कर दिया जिसमें रामगोपाल सिंह, रमेश प्रताप और जितेंद्र सिंह को हत्यारोपी बनाये जाने का अनुरोध किया गया था। अदालत में इस हत्याकांड में जेल भेजे गए आरोपी पंकज पर बिल्डर कम्पनी के प्रबंध निदेशक रामगोपाल सिंह के सारनाथ स्थित आवास पर बीते 20 अक्टूबर को व्यावसायिक पार्टनर बलवंत सिंह को लाइसेंसी पिस्टल से हत्या का आरोप है। इस मामले में आरोपी पंकज को लाइसेंसी पिस्टल और कारतूस के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। आरोपी ने जेल से दिए आवेदन में कहा था कि रामगोपाल सिंह ने अलग अलग फोन करके घर बुलाकर हिसाब किताब के नाम पर विवाद होने पर बलवंत सिंह की हत्या का आरोप रामगोपाल व दो पर लगाया था। अदालत में इस आवेंदन का विरोध करते हुए फौजदारी के वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव व बिनीत सिंह व बृजलाल सिंह यादव ने दलील दी कि इस मामले में आरोप पत्र का कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। जिसमें प्रथम दृष्टया आरोपी पंकज द्वारा ही अपराध की बात कही गई है। अदालत ने कहा कि इसी घटना के सम्बंध में पुनः विवेचना हेतु पुलिस को प्रेषित किया जाना विधि सम्मत प्रतीत नही होता। इस मामले में पीड़ित पक्ष के पुत्र अनुराग सिंह के ही तहरीर पर विवेचक ने आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है और कोर्ट ने संज्ञान लिया है ऐसे में आरोपी के आवेंदन को खारिज किया जाता है।

 


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