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 ऑन लाइन क्लास से नहीं हो सकता सर्वांगीण विकासरू दीपक बजाज



 02/Feb/21

कोरोना महामारी के चलते हर व्यापार उद्योग धंधों व कामकाज पर बुरा असर पड़ा जहाँ विद्यार्थियों के लिये शिक्षा ग्रहण करना परेशानी का सबब बना वहीं शिक्षण संस्थानों के लिये शिक्षा देना सिर दर्द बन गया। ऑन लाइन शिक्षा का विकल्प एक सहारा जरुर बना लेकिन कई प्रकार की खामियों व असुविधा के चलते यह धरा रह गय। क्लाउन टाइम्स ने शहर के प्रतिष्ठित स्‍कूल सेठ एम आर जैपुरिया स्‍कूल के चेयरमैन दीपक बजाज से इसी विषय पर खास बातचीत की।

दीपक बजाज ने बताया कि कोरोना महामारी के शुरूआती दिनों में ही फाइनल परीक्षा के बाद नया सत्र शुरू होना था और धीरे-धीरे महामारी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही देशभर में लॉकडाउन के चलते सभी काम धंधो पर इसका प्रभाव पड़ा लेकिन शिक्षा प्रणाली तार-तार हो गई फिर भी भरसक प्रयास कर हम लोगों ने अप्रेल माह से ही नर्सरी से बारहवीं तक के लिये ऑलाइन क्लासेज की व्यवस्था कर दी। लेकिन ऑनलाइन शिक्षा ऑफलाइन शिक्षा का विक्ल्प नहीं हो सकता।

छात्रों का सर्वांगीण विकास क्लास रूम में ही हो सकता है। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि सरकार की गाइडलाइन के बाद स्वूहृल खोले जाने पर शुरूआती दौर में छात्रों की संख्या काफी कम रही लेकिन अब पॉचसौ से ज्यादा छात्र स्‍कूल एटैन्ड कर रहे हैं। हॉस्टल में भी छात्रों की संख्या बढ़ रही है। कोर्स पूरा कराने के बात पर उनका कहना रहा कि संस्थान विद्यार्थियों को ब्रिज कोर्स करा कर कोर्स पूरा कराने की ओर अग्रसर है।

ऑनलाइन क्लास की  एक खासियत बताते हुए उन्होंने कहा कि पेरेन्टस कभी अपने बच्चों की क्लास लाइव नहीं देख पाते लेकिन ऑनलाइन क्लास के समय पेरेन्ट के साथ रहने पर उन्हें यह मौका मिला  जिससे उनमें टीचर व शिक्षण संस्थान के प्रति आस्वस्तता बढ़ी है।

संस्थान की एक उपलब्धी के बारे में बताते हुए दीपक बजाज ने बताया कि संस्थान ने आस्ट्रेलिया की  स्वाइन वर्न नामक यूनीवर्सिटी से करार किया है कि साल में दो बार पेहृक्लटी व विद्यार्थियों का एक दूसरे से समागम होगा साथ ही १२ वीं के बाद स्कॉलरसिप की भी सुविधा दी जायेगीए साथ ही अहसान नूरानी की म्यूजिक क्लास व रोबोटिक लैब की भी व्यवस्था की जाएगी।


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