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क्लाउन टाइम्स से कहा बचा लीजिएए लाचार बेटे के सामने पिता मर गए



 24/Apr/21

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में अब तो कोरोना के कहर के बाद मौत के मंजर ने सबको डरा दिया हैए आज मन बहुत दुखी है क्योंकि कोई अपनों ने साथ छोड़ दिया और कई ऐसे हैं जिन्होंने अपना समझ कर मदद की गुहार लगाई किंतु चिकित्सकीय सुविधा के अभाव ने उन्हें सदा के लिए मौत की नींद सुला दिया और हम बेबस होकर मौत का तमाशा देखते रहे।

कहने को तो मीडिया के लोग समाज के चौथे स्तंभ माने जाते हैं लिहाजा इस मौत के मंजर को साझा करना हमारी जिम्मेदारी है। कोरोना के कहर से हो रही अकाल मौत के चलते अब तो मोक्ष की नगरी काशी में मणिकर्णिका घाट और हरिश्चन्द्र घाट के महाश्मशान पर अंतिम संस्कार के लिए घंटों लोगों को इंजतार करना पड़ रहा है। लिहाजा प्रधानमंत्री मोदी के इस स्मार्ट सिटी बनारस में सामने घाट स्थित विश्वसुंदरी पुल के नीचे महाश्मशान को विस्तार देना इस बात की गवाही है कि शिव की नगरी काशी में अब आम लोगों का जीवन राम भरोसे है। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद जिला प्रशासन की सजगता और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता के बाद भी चिकित्सकीय सुविधा के अभाव में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

बृहस्पतिवार 23 अप्रैल को सूबे की योगी सरकार के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार व वाराणसी शहर दक्षिणी के लोकप्रिय विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी के विधानसभा के रहने वाले गोपालदास नागर को मंत्री जी की सजगता के बाद भी दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते कोरोना के काल ने निगल लिया और कोविड वार्ड में उनका बेटा अपने पिता की लगातार बिगड़ती हलाल को बेबस होकर देखता रहा और किसी डॉक्टर ने उसके पिता को बचाने का प्रयास नहीं किया।

बताते चलें कि आज से 4 दिन पूर्व जब नागर जी के एक परिजन ने क्लाउन टाइम्स के प्रधान संपादक अशोक मिश्र क्लाउन को फोन पर बताया कि उनका मरीज कोरोनावायरस से संक्रमित है किसी प्राइवेट हॉस्पिटल ने जगह नहीं है कहीं भर्ती करा दीजिए। हमने तत्काल वाराणसी के सीएमओ डॉ. वी.बी सिंह को फोन लगाया तो उन्होंने दीनदयाल हॉस्पिटल में भर्ती कराने को कहाए परिजनों ने वैसा ही किया। DDU हॉस्पिटल में लगातार मरीज की हालत बिगड़ती गई और उनकी बहू ने वाट्एप पर सूचना भेजने के साथ ही मंत्री जी से लेकर उनके सहयोगी आलोक, CMO, DM  सहित क्लाउन टाइम्स को अंतिम समय तक बताती रहीं कि उनके स्वसुर को बचा लीजिए।

परिजनों की माने तो दीनदयाल हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने सब की बातों को नजरअंदाज किया और नागर जी को मौत ने गले लगा लिया।

मौत के चंद मिनट बाद नागर जी की बहू का फोन आया और रोते हुए कहा कि भैया अब हम आपको परेशान नहीं करेंगे पाप चले गए। बस इतना कीजिए कि उन्हें जल्दी से हॉस्पिटल से भेजवा दीजिए। मैं निशब्द हो गया और सीएमओ साहब को फोन लगाया तो उन्होंने कहा कि क्लाउन जी डॉ. यादव को नागर जी के लिए बोला है। तो मैंने कहा कि अब कोई फायदा नहीं हैं। इतना सुनते ही सीएमओ साहब ने कहा उफ़ हम नहीं बचा सके।

मौत का यह मंजर मानों जैसे अभी भी हमारी आंखों के सामने जीवंत दिखाई दे रहा है। गीता में लिखा है मृत्‍यु एक सत्य है  किंतु अकाल मृत्यु नितांत कष्ट दाई होता है इसीलिए मौत का यह मंज़र स्वजनों लिए अत्यंत कष्टदाई है।

बनारस में कोरोना के बढ़ते कहर से बेहाल लोग केवल क्लाउन टाइम्स से ही मदद की गुहार लगा रहे हैंए ऐसा नहीं है।

बल्कि वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने दिशा निर्देश में मीडिया के लिए बनाए गए इम्पोर्टेन्ट प्रेस इन्फो  वाट्सऐप ग्रुप में सुबह से लेकर शाम तक पत्रकार साथी कोरोना के कहर से बेहाल विभिन्न निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए इंजेक्शन ऑक्सीजन से लेकर इलाज के नाम पर मनमानी लूट की सूचनाएं भेजते रहते हैं और स्वयं जिलाधिकारी सूचनाओं को पढ़ने के बाद जरूरी मदद का निर्देश भी देतें रहते हैं। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री मोदी के महामंत्री आपदा में अवसर की तलाश को शायद उनके संसदीय क्षेत्र बनारस के निजी अस्पताल के संचालक पूरी तरह आत्मसात करने में जुटे हैं।

तभी तो कोरोना के कहर से बेहाल जनता से इलाज के नाम पर निर्धारित दर से कई गुना अधिक वसूली कर आपदा में अवर का पूरा फायदा उठा रहे हैं। कुल मिलाकर कोरोना से सीधी जंग के लिए जब तक चिकित्सकों की पूरी टीम मानवीय आधार पर मदद के लिए खड़ी नहीं होगी तब तक जिला प्रशासन के लाख प्रयास के बाद इस महामारी पर विजय पाना असंभव है।


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