MENU

कोचिंग संस्थानों में कैट जी नम्बर एक पर है : एसके अग्रवाल



 04/May/17

कैट जी के शहर में जितने शिक्षण संस्थान नहीं होगें उससे ज्यादा कोचिंग संस्थाएं है और सभी के दावों के अनुसार वो बेहतर है ।

निदेशक एसके अग्रवाल ने क्लाउन टाइम्स के साथ एक अनौपचारिक बात-चीत में बताया कि उन्हें इस बात से संतुष्टि मिलती है कि कैट जी  कोचिंग ने 21 वर्षो के सफर में अपने बेहतर प्रबंधन के कारण, बेहतर प्रतियोगात्मक परिक्षाओं हेतु प्रदत्त शिक्षा के बल पर बेशक वाराणसी का नं. वन कोचिंग संस्थान है । हम स्टुडेंट्स और पैरेन्ट्स  के बीच एकुरेट मैनेजमेंट के सहारे बेस्ट परफार्मेन्स देते है । सवाल ये नहीं होता कि आप क्या रिजल्ट दे रहे हैं, सवाल यह होता है कि जो भी आप दे रहे हैं वो कितना परफेक्ट है और यह कैट जी के लिए गर्व का विषय है कि कैट जी रिजल्ट कुछ भी दे, किंतु वो परफेक्ट होता है। आज भी हम अपने कार्य से संतुष्ट होने की जगह और क्या बेहतर किया जा सकता है, के बारे में चिंतन करते है और यही औरो से अलग श्रेणी में कैट जी को खड़ा करता है ।

सिंक्रो बैच के सवाल पर एसके अग्रवाल का मानना है कि यह कहीं से गलत नही है या छात्रों पर बोझ नहीं है कारण अब आई.टी. सेक्टर में एडमीशन के लिए सिर्फ दो मौके सरकार देती है। ऐसे में यह कहना कि सिंक्रो बैच कोचिंग संस्थाओं द्वारा संचालित करने से छात्र छोटी उम्र में तनावग्रस्त हो जाते हैं और उनका विकास रुक जाता है गलत है। बल्कि कोचिंग से उन्हें मानसिक सहारा ही मिलता है।

आज कैट जी इस बात से प्रसन्न है कि सिंक्रो बैच की शुरुआत उनके द्वारा किया गया ।

ऐसे ही जीनियस 20 की शुरुआत भी कैट जी के द्वारा ही शुरू किया गया उपक्रम है जो आज हर कोचिंग संस्थाओं के प्रचार का मुख्य घटक बन चुका है। जीनियस 20 के बारे एस. के. अग्रवाल बताते है कि यह प्रतियोगिता उनके यहां कक्षा 8, 9,10,11 के लिए जनवरी में आयोजित की जाती है और कक्षा 12 पास के लिए मई में आयोजित होती है । 8, 9,10,11 हर क्लास से पांच-पांच  छात्र कुल 20 छात्रो का चयन और 12 वीं पास में 20 छात्रों का चयन किया जाता है जिन्हें मुफ्त कोचिंग हास्टल की सुविधा कैट जी उपलब्ध कराता है। कोचिंग के भरमार और छात्रों के उनके द्वारा धोखा दिये जाने के सवाल पर उनका कहना है कि यह तो शासन को देखना चाहिए और ऐसे  लोगों पर  लगाम  लगाना चाहिए। जहां तक रैंक की बात है तो 25,000 से 40,000 वां रैंक एनआईटी में अच्छे कॉलेज में एडमिशन दिला देता है। वहीं आईटी में 12000 वें रैक तक अच्छे कालेज में प्रवेश दिला सकता है। यह सोच गलत है कि कोचिंग छात्र-छात्राओं में तनाव पैदा कर रहा है जिससे उनमें आत्महत्या करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, बल्कि यह समस्या परिजनों के महत्वाकांक्षा के कारण होता है जब हर परिजन छात्र के इच्छा के खिलाफ साइंस या मैथ पढ़ाना चाहता है। परिजनों को अपनी इच्छाएं छात्रों पर नहीं थोपनी चाहिए बल्कि उनके योग्यता के अनुसार उनके कैरियर की दिशा तय करने में मदद करनी चाहिए। एसके अग्रवाल ने कहा कि एनसी आरटी से पढ़े  बच्चे प्रतियोगी परिक्षाओं में 10 नंम्बर भी नही पा सकते क्योंकि एनसीआरटी से एक भी सवाल नहीं आते और स्कूल का लेज प्रतियोगिता के सवलों की तैयारी इसी वजह से नहीं करा पाते और छात्र कोचिंग की तरफ रूख करते है।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

2986


सबरंग