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अस्पतालों में भर्ती होने से बचे होम आइसोलेशन ट्रीटमेंट को चुने : डॉ.एसके पाठक



 18/May/21

डॉ.एस के पाठक (एम.डी) चेस्ट स्पेशलिस्ट ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क करें : 8935001679/ 9696104227/ 8935004910

देश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इस पर एक परिचर्चा में ब्रेथ ईजी के वरिष्ठ श्वांस, टी.बी, एलर्जी एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ बीस वर्ष अनुभवी चिकत्सक डॉ.एस.के पाठक ने बताया-बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले मरीजों को लेकर विशेष ध्यान देना होगा है, और इसमें होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज बिना किसी डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा का प्रयोग न करें, सोशल मीडिया पर इलाज के तौर तरीकों पर विश्वास न करें, क्योकिं इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।स्टीरॉयड दवा के सेवन पर रहे सावधान एस से ब्लैक फंगस का खतरा बढ जाता है । डॉ.पाठक ने आगे बताया कि इस कोरोना काल में माइल्ड ग्रेड जैसे-बुखार/ सुखी खांसी / गले में खरास / गन्ध , स्वाद का जाना- मॉडरेट ग्रेड- माइल्ड ग्रेड लक्षण के साथ सांस का फुलना spo2 90 से 94 % ) वाले पूर्वांचल के लगभग 1000 से भी अधिक मरीजों को होम आइसोलेशन की सलाह के साथ कुछ आवश्यक दवाइयां दी, जिससे वो अब बिलकुल स्वास्थ्य हैं I इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह हैं कि समय रहते मरीज को अस्पताल के खर्च से बड़े आसानी से छुटकारा मिल जाता हैं, और वो अपने को होम आइसोलेशन में रखते हुए किसी और के लिए भी खतरा नहीं बन पाता हैं I”

डॉ.पाठक ने आगे बताया कि  “अपने से कभी भी दवाइयां न ले, यह आपको चिकित्सक ही बताएंगे कि आपको हल्का लक्षण है या लक्षण रहित संक्रमण है, संक्रमित व्यक्ति का पूरा परिवार नियमानुसार 14 दिन क्वारंटीन रहेगा, रोगी की देखरेख के लिए एक व्यक्ति दिनभर रहे, डॉक्टर से लागातार संपर्क में रहें I 45 वर्ष से अधिक उम्र के मरीज जिन्हें बीपी, मधुमेह,  हृदय, किडनी समेत अन्य बीमारियां हैं वो चिकित्सकी सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रहने चाहिए व संक्रमित के संपर्क में रहने वाला हर व्यक्ति चिकित्सकी सलाह के बाद ही दवा ले अन्यथा समस्या गंभीर हो सकती हैं I

डॉ. पाठक ने आगे बताया कि अगर आप कोरोना संक्रमित हैं, और होम आइसोलेशन में हैं, तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना पड़ेगा, इससे न केवल आप कोरोना संक्रमण से जल्दी उबर सकते हैं बल्कि दैनिक दिनचर्या में भी लौटने में कम वक्त लगेगा।डॉ. पाठक ने बताया- की मरीज को दवा के साथ कुछ एक्सरसाइज करने की सलाह दी जैसे दिन में 10 से 15 मिनट तक टहले हल्की सांस की एक्सरसाइज करे बाड़ी को पूरी तरह से हाइड्रेट रखे जूस फ्रूट सरबत नारियल पानी से,कोरोना के मरीज एक्सरसाइज के साथ मेडिटेशन भी करे नकारात्मक खबरों एवं वातावरण से बचे खुशमिजाज वातावरण में रहने की कोसिस करे, डा.एस के पाठक की देख देख में करीब 90 फीसदी से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में रहकर ठीक भी हो गए हैं। इस दौरान मरीजों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए ताकि मरीज की रिकवरी तेज हो और परिवार के अन्य सदस्यों संक्रमण से बचाया जा सके। जैसे- घर में रहने वाले कोरोना संक्रमित मरीज को अपने कमरे की खिड़कियां खुली रखनी चाहिए ताकि हवा और धूप कमरे में आ सके। घर में मरीजों को दो से तीन बार बुखार चेक करना चाहिए। ध्यान रहे कि बुखार 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा न हो। वहीं ऑक्सीमीटर की मदद से खून में ऑक्सीजन का लेवल भी चेक करते रहें। इसका लेवल 94 फीसदी से कम नहीं होना चाहिए। घर में भी मरीज मास्क का प्रयोग करें। हर पांच से सात घंटे में उसे बदलें। मरीज अपने खाने के बर्तन, तौलियां, कपड़े और चादर आदि अलग रखें। इसे घर का कोई भी सदस्य उपयोग नहीं करे। वहीं इस दौरान भी अपने हाथों को साबुन से कम से कम 40 सेकंड तक अच्छे से धोएं या सैनिटाइजर से साफ करें।

 


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