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न्याय दिलाने वाले अधिवक्ता आज खुद न्याय की गुहार लगा रहे हैं



 05/Jun/21

बताते चले कि बीते कुछ दिनों पहले स्टाम्प और पंजीयन मंत्री रविन्द्र जायसवाल की तरफ से एक बयान आया कि क्रेता-विक्रेता वकीलों के बिना रजिस्ट्री करा सकते हैं l

इस बयान से अधिवक्ताओं में काफी रोष है इस रोष का असर ये हुआ कि गुस्साए अधिवक्ताओं ने मंत्री जी पोस्टर पर कालिख पोत दी जिसके बाद अधिवक्ताओं पर कैंट थाने में FIR दर्ज हो गया जिसमें एक नामजद और 100 अज्ञात अधिवक्ता शामिल हैं l अधिवक्ताओं के गुस्से को देखते हुए अचानक मंत्री जी ने प्रेसवार्ता बुला ली अभी एक बयान पर अधिवक्ताओं का गुस्सा शांत भी नही हुआ था कि तब तक मंत्री जी का दूसरा बयान जिसमे अधिवक्ताओं को नादान कहा गया l इससे अधिवक्ता और गुस्से में आ गए और सूबे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मंत्री जी को पद से हटाने और माफी मांगने की मांग कर डाली l

आज जब क्लाउन टाइम्स की टीम अधिवक्ताओं का पक्ष जानने वाराणसी के कचहरी परिसर में पहुँची तो सबसे पहले दी सेंट्रल बार के पदाधिकारियों से बात की जिसमे अध्यक्ष अशोक उपाध्याय ने कहा की बार एसोसिएशन अधिवक्ताओं के हित के लिए है कोई भी संकट यदि अधिवक्ताओं पर आता है तो बार एसोसिएशन अधिवक्ताओं के साथ खड़ी रहेगी जो भी बाते चल रही है ये संवाद हीनता है यदि संवाद हो गया होता तो ऐसी परिस्थिति नही आती अधिवक्ताओं पर जो FIR हुआ है उसकी मै घोर निंदा करता हूँ कोई भी आदेश रजिस्ट्रेशन एक्ट का भारत सरकार बनाती है नियम और नियमावली उत्तर प्रदेश सरकार बनाती है मेरी मुख्यमंत्री जी से मांग है जो भी नियमावली उन्होंने बनाई है उसको तत्काल संसोधित करे और जो फार्मेट है उसमें अधिवक्ताओं के कालम एड करे ये हमारी जायज मांग है इसके लिए हमारा प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री जी से मिलेगा और पत्रक देगा चुनावी वर्ष है मुझे विश्वास है अगर मुख्यमंत्री जी अगली बार अगर आना चाहते हैं तो निश्चित रूप से अधिवक्ताओं को नाराज नही करेगे l

वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र मंत्री जो को सोचना चाहिए कि वो खुद अधिवक्ता है अधिवक्ता अगर बैन ही होते रहते हैं तो अधिवक्ताओं का इंसीटूशन ही समाप्त कर दिया जाए मै इस बात की निंदा करता हूँ कि मंत्री जी को ऐसा कार्य करने से पहले खुद को सोचना चाहिए था l

उपाध्यक्ष राजा आंनद ज्योती सिंह मंत्री जी सत्ता के नशे में एकदम मदमस्त हो चुके हैं उनको इस बात का बिल्कुल एहसास नही है कि 2022 आ गया है उन्हें फिर उन्ही अधिवक्ताओं और जनता के बीच जाना है ये उनके द्वारा पहली घटना नही कारित की गई है मंत्री जी ने जब अपने बयान का खंडन नही किया है तो दोनों बार के की बैठक बुलाए और उनसे कहा गया कि आप अपनी बातों का खंडन करिए किंतु उन्होंने अपनी बातों का खंडन नही किया तो हम लोग शांतिपूर्ण ढंग से रजिस्ट्री ऑफिस में ताला बंदी का कार्य किए और मंत्री जी ने अपनी सत्ता का हनक दिखा कर हम लोगो के ऊपर मुकदमा कायम करा दिया गया तो मै कहता हूँ कि मंत्री जी और मुकदमा करा लीजिए मंत्री जी का दूसरा बयान जिसमे अधिवक्ताओं को नादान कहा नादान शब्द का प्रयोग असंवैधानिक है जज द्वारा फैसलों में कहा जाता है कि विद्वान अधिवक्ता द्वारा ये कथन कहा गया इस पर मै कहता हूँ की मंत्री जी तत्काल आकर माफी मांगे यदि वो माफी नही मांगते हैं तो इसका परिणाम बुरा होगा हम लोग ऊपर की लड़ाई लड़ेंगे और जब तक मुख्यमंत्री जी इनको बर्खास्त नही कर देंगे ये लड़ाई आगे अग्रसर रहेगी l

उपाध्यक्ष विशाल मौर्या  मंत्री जी के द्वारा बार-बार बयान को बदल रहे हैं हम उनके बयान से संतुष्ट नही है उनके द्वारा कहा गया कि नादान अधिवक्ताओं के द्वारा आंदोलन कर दिया गया जबकि हमारे यहाँ कोई भी आदेश में ये कहा जाता है कि विद्वान अधिवक्ता के द्वारा ये कहा गया नादान शब्द भी उत्तेजित करने वाली बाते मंत्री जी के द्वारा कही गई है l

उपाध्यक्ष प्रेमचंद मिश्रा  मंत्री जी मुकदमा खत्म करे सोमवार तक समय दिए है नहीं तो सोमवार के बाद अधिवक्ता अपना तेवर दिखाएंगे की ये होते क्या है अधिवक्ता के बीच से जाकर मंत्री बने हुए है मंत्री जी थोड़ा अधिवक्ता पे भी ध्यान दे l

महामंत्री कन्हैयालाल पटेल अगर मंत्री जी अधिवक्ताओं से माफी नहीं मांगते है तो बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे l

दी बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद कुमार पाण्डेय प्रेस वार्ता में मंत्री जी ने कहा है कि ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है अधिवक्ताओं की जरुरत पहले भी थी अब भी रहेगी उनके तरफ से कोई रोक नहीं है मंत्री जी कहने पर दो मुकदमा दर्ज करा दिया गया एक तो नाम दर्ज और दूसरा अज्ञात के रूप में अगर मुकदमा खत्म नहीं किया गया तो बहुत बड़ा आंदोलन करेने को अधिवक्ता बाध्य होंगे l

महामंत्री विवेक कुमार सिंह का कहना है कि यदि मुकदमे को खत्म नहीं किया गया तो आंदोलन और बढ़ेगा l

कचहरी परिसर में सीधे रजिस्ट्री करने के नए फरमान पर कुछ जागरूक अधिवक्ताओं से भी हमने जानने की कोशिश की तो-

अधिवक्ता राहुल श्रीवास्तव ने कहा मंत्री जी के इस बयान से मै सहमत नही हूँ ये सीधे -सीधे भरस्टाचार को बढ़वा देना है एक अधिवक्ता ही लीगल पोवाइंट पर बात करता है और दूसरा जो बयान उन्होंने ने दिया कि नादान अधिवक्ता तो मै कहना चाहूंगा कि एक जिम्मेदार मंत्री होने के नाते उन्हें ऐसा बयान नही देना चाहिए था इनके बयान से प्रदर्शित होता है कि ये मानसिक रूप से रोगी है मुख्यमंत्री जी को इनका इलाज कराना चाहिए मंत्री होकर जो इस तरह का बयान दे बाहें चढ़ा ले लड़ाई करने के लिए ऐसा कृत्य उनका मंत्री लायक नही है मेरी मुख्यमंत्री जी से अपील है कि तत्काल इनको मंत्री पद से हटाना चाहिए l

अधिवक्ता ओमप्रकाश पाण्डेय मंत्री जी का ये कृत्य निंदनीय है l

अधिवक्ता प्रभा शंकर मिश्र एक मंत्री नही 10 मंत्री कहते रहे बिना वकीलों के रजिस्ट्री सम्भव नही है l

अधिवक्ता पुरुणेंद्र नारायण शुक्ला मंत्री जी का बयान एक सामान्य बयान था उनका बयान कानून नही हो सकता मंत्री जी के द्वारा अधिवक्ताओं को नादान कहा गया इसमे कोई बड़ी बात नही है लोग प्रधानमंत्री तक को गालियां देते हैं हम जानते हैं कि हम विद्वान अधिवक्ता है सड़क चलता कुत्ता भी अगर भोंकता है तो उसका संज्ञान नही लेना है l

 


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