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भारत का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन



 12/Jul/21

भारत का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में एक दिवसीय कार्यशाला एपिडा द्वारा आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि के रूप में आयुक्त, वाराणसी मण्डल दीपक अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि डा. एम. अंगमुत्थु चेयरमैन एवं सेक्रेटरी एपिडा, डा. सुधांशु जी द्वारा वर्चुअली विडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला में जनपद वाराणसी, चन्दौली एवं गाजीपुर से लगभग कुल 25 एफ.पी.. द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिसमें ताजा फल, शाकभाजी निर्यात की सम्भावनावों एवं वाराणसी में उपलब्ध इन्फ्रास्ट्रक्चर का अधिक से अधिक उपयोग करते हुये निर्यात को बढ़ावा देने पर चर्चा की गयी।

मुख्य अतिथि कमिश्नर दीपक अग्रवाल द्वारा जनपद-वाराणसी में परिवहन हेतु विकसित संसाधनो पर प्रकाश डालते हुये बताया गया वाराणसी में सर्वसुविधायुक्त अन्र्तराष्ट्रीय हवाई अडड़ा, सड़क परिवहन हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग एवं रिंग रोड एवं नदी जल परिवहन हेतु बन्दरगाह उपलब्ध है साथ ही साथ रेलवे द्वारा विकसित रेलवे फ्रिट कारीडोर की भी सुविधा उपलब्ध है, जिसका अधिक से अधिक उपयोग करके कृषि उत्पाद निर्यात किया जा सकता है, जिसमें एफ.पी. द्वारा अपने उत्पाद की गुणवत्ता एवं उत्पादकता में वृद्धि करते हुये अधिक से अधिक देशों में निर्यात किया जा सकता है। वाराणसी मण्डल के एफ.पी.. को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिये राष्ट्र के प्रतिष्ठित संस्थान भी कार्यरत है। जिसमें प्रमुख रूप से आई.आई.वी.आर, अन्र्तराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रमुख है। चेयरमैन, एपिडा डा. एम. अंगमुत्थु जी द्वारा व्यापार को और अधिक बढ़ाने के प्रयास पर बल दिया गया तथा fpos को अच्छी गुणवत्ता पुर्ण खेती कर निर्यात से जुडने पैर बल दिया साथ ही साथ हर तरह के सहयोग जिससे वाराणसी रेगिओ से निर्यात बठ सके। डा. सी.बी.सिंह, रिजीनल इन्चार्ज, एपिडा, वाराणसी द्वारा वाराणसी को एक्सपोर्ट हब बनाने के लिये निकटवर्ती जनपद गाजीपुर, चन्दौली, भदोही, मिर्जापुर के उत्पाद के निर्यात के साथ ही साथ अन्य निकटवर्ती जनपदों को भी इसमें सम्मिलित करने का भी प्रयास करते हुये लाभान्वित करने की बात कही गयी। निदेशक, (ICAR-IISS) द्वारा उच्चगुणवत्तायुक्त बीज के निर्यात की सम्भावनाओं पर बल दिया गया। अन्र्तराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के डा0 गोपेश तिवारी द्वारा धान की प्रजातिया एवं विशेष तौर पर काला नमक धान की प्रजाति जो कम समय में तैयार हो उसे विकसित करने की सम्भावनाओं पर प्रकाश डाला गया। आचार्य नरेन्द्र देव यूनिर्वसिटी, कुमार फैजाबाद के निदेशक द्वारा बताया गया कि ग्लोबल गैप किस तरिके से कृषि कार्यो में अन्तर पैदा कर सकता है और जरूरतों पर प्रकाश डाला।

सी.आई.एस.एच. के डा. शुक्ला द्वारा ग्लोबल गैप एवं आम के प्रमुख रोगो के बारे में जानकारी दी गयी। एस.एफ..सी., एन.सी.डी.सी, नाबार्ड, बाल्मर लारी, के.वी.के, नेफेड, प्लान्ट क्वारान्टाइन डिपार्टमेन्ट, एन.एच.बी., कृषि एवं उद्यान विभाग ने अपने विभागीय योजनाओं से अवगत कराया। कार्यशाला में आये हुये, वैज्ञानिकों एवं कृषक बन्धुओं का धन्यवाद ज्ञापन सन्दीप कुमार गुप्त, जिला उद्यान अधिकारी, वाराणसी द्वारा करते हुए उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक न रुकने के स्वामी विवेकानंद के विचार को आत्मसात करने का निर्यातोन्मुखी आह्वान सभी यफ पी ओ कृषकों से किया गया एवं संचालन ज्योति कुमार सिंह, उद्यान निरीक्षक द्वारा किया गया।

 


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