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वाराणसी के पं. दीनदयाल हस्तकला संकुल में 21 से 24 अक्टूबर तक होगा कारपेट एक्सपो



 20/Oct/18

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद भारत सरकार के सहयोग से 36वें (14वाँ वाराणसी में) चार दिवसीय इण्डिया कारपेट एक्सपो का आयोजन रविवार दिनांक 21 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2018 तक पं. दीनदयाल हस्तकला संकुल व्यापार सुविधा केन्द्र और शिल्प संग्रहालय बड़ा लालपुर, चाँदमारी वाराणसी में आयोजित होने जा रहा है।

इस कालीन मेले के आयोजन के पीछे परिषद का मुख्य उद्देश्य हस्तनिर्मित भारतीय कालीन और अन्य फ्लोर कवरिंग के सांस्कृतिक विरासत और बुनाई कौशल बढ़ावा देना है। इण्डिया कारपेट एक्सपो विदेशी खरीदारों व उनके भारतीय प्रतिनिधियों तथा भारतीय कालीन निर्माता और निर्यातकों को दीर्घकालीन व्यापार सम्बन्धों को पूरा करने के लिए एक आर्दश मंच है।

इण्डिया कारपेट एक्स्पो एशिया महाद्वीप में लगने वाले सबसे बड़े हस्तशिल्प कालीन मेलों में से एक है, जो विभिन्न कालीन खरीददारों के लिए एक ही छत के नीचे सर्वश्रेष्ठ हस्तनिर्मित कालीन व अन्य फ्लोर कवरिंग को उपलब्ध कराने के लिए एक अद्वितीय मंच है। यह कालीन मेला दुनिया भर के कालीन खरीददारों के लिए एक लोकप्रिय मेला बन गया है। विभिन्न विदेशी खरीददारों के निर्देशानुसार किसी भी प्रकार की डिजाईन, रंग, गुणवत्ता और आकार को भारतीय कालीन उत्पादकों व निर्यातकों की अनूठी क्षमता ने इस अंतरराष्ट्रीय मेले को अद्वितीय बना दिया है। यह उद्योग न केवल भारत के विभिन्न बन्दरगाहों अपितु देश व विदेश में निर्मित ऊन, रेशम, मानव निर्मित फाइवर, जूट, कपास और विभिन्न तरह के धागों के मिश्रण को कच्चे माल के रूप में उपयोग करता है। इस उद्योग के विकास व निर्यात की बढ़ोत्तरी हेतु अत्यधिक सम्भावनायें है। यह उद्योग दुर्लभ संसाधनों का उपयोग नहीं करता है। अत: यह उद्योग पूर्णत: पर्यावरण के अनुकूल है।

इण्डिया कारपेट एक्स्पो पिछले कुछ वर्षों में विश्वभर के कालीन खरीददारों के लिए एक बहुत बड़े प्लेटफार्म के रूप में उभर कर सामने आया है। विभिन्‍न विदेशी खरीददारों के लिए अलग-अलग तरह के डिजाईन, गुणवत्ता व रंगों इत्यादि से निर्मित कालीनों को इस मेले के माध्यम से उपलब्ध कराने का मुख्य उद्देश्य है। यह परिषद कालीन आयतकों के साथ-साथ निर्माता व निर्यातकों दोनों के लिए विशेष व्यवसायिक वातावरण प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। इस बार कालीन निर्यात संवर्धन परिषद 6000 वर्गमीटर स्थान में 270 प्रदर्शकों को स्टाल आवंटित करने में सफल रही है।

36वें भारतीय कालीन प्रदर्शनी का उद्घाटन वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा रविवार 21 अक्टूबर सायं 5.30 बजे किया जायेगा। श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी, मंत्री वस्त्र मंत्रालय इस अवसर पर अति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। इस अवसर पर राघवेंद्र सिंह आईएएस सचिव (वस्त्र मंत्रालय), शांतमनु आईएएस विकास आयुक्त हस्तशिल्प, माननीय सांसद, विधायक, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, अध्यक्ष, प्रथम, द्वितीय, उपाध्यक्ष और परिषद के सीओऐ सदस्य प्रमुख व्यापारिक सदस्य मीडिया, प्रतिभागी आदि भी उपस्थित रहेंगे।

यह आशा की जाती है कि इस कालीन मेले में विश्व के 40 देशों से लगभग 300 की संख्या में प्रतिष्ठित विदेशी कालीन खरीददार, व्यापारिक आदान प्रदान हेतु अपनी उपस्थिति दर्ज करायेंगे जिसमें मुख्य रूप से आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, चिली, डेनमार्वâ, मिस्त्र, प्रâांस, ईरान, इजराईल, इटली, जापान, लेबनान, मैक्सिको, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, यूएसए आदि देशों के आयातक होंगे। यह उल्लेख करना उचित होगा कि इस बार नये देशों के खरीददार जिसमें, घाना व उज्बेकिस्तान के खरीददार गम्भीरतापूर्वक भारतीय कालीन निर्यातकों से व्यवसाय करने के लिए इस विशाल कालीन मेले में भाग ले रहे है, जिससे यह प्रतीत होता है कि यह अतिश्रम प्रधान ग्रामीण आधारित कुटीर उद्योग में लगे हुए लगभग 20 लाख बुनकरों/कारीगरों आदि को लाभग पहुंचेगा।

परिषद न केवल थोक विदेशी खरीददारों को आमंत्रित व उनको भारतीय कालीन खरीददारों हेतु प्रोत्साहित कर रही है बल्कि कालीन मेले में भाग लेने वाले के विभिन्न आयतकों को वाराणसी स्थित होटलों में दो रात रूकने की व्यवस्था भी मुफ्त में प्रदान कर रही है।

अध्यक्ष महावीर प्रताप शर्मा ने कहा कि यह प्रदर्शनी भारतीय हस्तनिर्मित कालीनो के निर्यात को बढ़ावा देते हुए ऊचाईयों पर ले जायेगी।

परिषद के प्रथम उपाध्यक्ष श्री सिद्धनाथ सिंह, द्वितीय उपाध्यक्ष श्री उमर हमीद तथा सभी प्रशासनिक समिति के सदस्यों को यह पूर्ण विश्वास है कि यह कालीन मेला एक अच्छे व्यवसाय का सृजन करेगा।


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