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वाराणसी में शीघ्र प्रारंभ होगा प्रधानमंत्री का सपना सबको मिले आवास : दीपक बहल



 03/Nov/18

वाराणसी में पुराने बिल्डर्स की बात होगी तो दीपक बहल का नाम सबसे ऊपर होगा। ड्रीमहोम होल्डिंग लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में अनगिनत आवासों का निर्माण करने वाले दीपक बहल ने क्लाउन टाइम्स के साथ एक अनौपचारिक बातचीत में बताया कि इस शहर को प्रधानमंत्री मोदी के रूप में सांसद मिलना सौभाग्य की बात है और स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा विकास होता देखना भी वाराणसी के लिए मानते है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रहे विलम्ब का कारण विकसित होने वाले एरिया में मूलभूत सुविधाओं के विकास हेतु हो रहे कार्य को मानते है। दीपक बहल के अनुसार शहर में तो कोई जगह बची नही जिस पर आवास बनाए जा सके और शहर के बाहरी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का न होना है। उन्होंने बताया कि इस वक्त वीडीए जोनल वाईज ये सुविधाए उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है इसके पूर्ण होते ही और कुछ अन्य मुद्दों पर प्रदेश सरकार से बात चल रही है जो शीघ्र ही हल होने की दिशा में है।

2014 में नोटबंदी के बाद रीयल इस्टेट और बिल्डिंग कंस्ट्रेक्‍शन के कार्यों में तेज गिरावट दर्ज की गई है और इसका असर इस क्षेत्र में मिलने वाली नौकरीयों पर पड़ा है। दीपक बहल के अनुसार प्राईवेट सेक्टर में सबसे ज्यादा एमबीए और आईटी सेक्टर के लोगों को यहां नौकरियां मिलती थी पर नोटबंदी और रा-मैटेरियल पर रोक से इस क्षेत्र से 60 प्रतिशत तक नौकरियां समाप्त हो गई है। पर समस्या बस यही नही है, इस क्षेत्र में अवैध बिल्डरों के भरमार ने भी वैध बिल्डरों की विश्वसनियता कम की है। नई सरकार द्वारा लाया गया रेरा कानून इस दिशा में बिल्डरों की खोई प्रतिष्ठा वापस दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा।

रेरा कानून से अवैध बिल्डरों पर रोक लगेगी या फिर वो जेल में नजर आएंगे। अब बिल्डर को बिल्डिंग निर्माण में ली गई रकम कहीं और नही निवेश कर पाएंगे साथ ही तय समय पर भवन या फ्लैट उन्हें बना कर खरीदार को देना ही होगा। उन्होंने निवेशक या खरीदार को किसी भी बिल्डर, रीयल इस्टेट या डेवलपर्स के यहां निवेश करने से पहले उनका रजिस्ट्रेशन नं. रेरा में है कि नही यह जरूर जान लेने पर बल दिया, साथ ही रेरा के रजिस्ट्रेशन की कंन्फरमेशन में तीन माह का समय लगता है, यह भी जानना जरूरी है विज्ञापनों में रेरा रजिस्ट्रेशन के न दिखने पर उस विज्ञापन को सच न माने और आवश्यकता पड़ने पर रेरा के वेव साईट पर शिकायत दर्ज करा सकते है।

अभी भी देखने को मिल रहा है कि कुछ ऐसी कंस्ट्रक्शन फर्में बिना रेरा रजिस्ट्रेशन, बिना नक्शा पास कराए, बिना ले आऊट पास कराए ग्राहकों को झूठे विज्ञापनों के भ्रम में फसा रही है। दीपक बहल वाराणसी बिल्डर्र्स डेवलपर्स (क्रेडाई वाराणसी) से जुड़े हैं, ऐसे विज्ञापनों से सावधान रहने की सलाह देते हुए प्रेस से भी यह अपील की है कि बेशक वो किसी भी फर्म का विज्ञापन अपने समाचार पत्रों में प्रकाशित करें पर पत्रकार के कर्तव्यों को निभाते हुए उस फर्म के द्वारा विज्ञापनों में किए गए दावे के सच की पड़ताल कर जनता को सचेत भी करें। वाराणसी के कई समाचार पत्रों में रेरा एक्ट का उलंघन करने वाले पूरे पृष्ठ के विज्ञापन प्रकाशित किए जा रहे है पर जब उनकी पड़ताल की गई तो उनके न तो रेरा में रजिस्ट्रेशन है, न ही उनके भवन का नक्शा पास है, नही ले-आऊट पास मिले पूछने पर जवाब मिलता है प्रक्रिया चल रही है। ऐसा कहने वाले फर्मों पर निवेशक एकदम विश्वास न करें और रेरा में इसकी शिकायत अवश्य दर्ज कराए।


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