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40 वर्ष बाद देश को मेडल दिलाने में बाबा विश्वनाथ, माँ, बाप का आशीर्वाद प्रमुख रहा : ललित उपाध्याय



 21/Sep/21

40 वर्ष बाद देश को मेडल दिलाने में बाबा विश्वनाथ, माँ, बाप का आशीर्वाद प्रमुख रहा, इसीलिये मेडल जीतने के बाद बनारस में कदम रखते ही बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लिया। सभी से लड़ने वाला उतना ही महान होता है जितना चैलेंज देने वाला होता है। यह विचार हाकी में देश के लिए मेडल जीतने वाले ललित उपाध्याय ने सोमवार को बनारस बार एसोसिएशन में आयोजित अभिनन्दन समारोह में कही।

ललित उपाध्याय ने कहा कि आप लोगो का आभार है, जो आपने इस सम्मान लायक समझा। मुझे खुशी है कि मैं आपके बीच आया और इतनी पुरानी संस्था ने मुझे सम्मानित किया। इंसान बनने की कोशिश करना ही इंसान की सबसे बड़ी उपलब्धि है। बनारस के होना अपने आप मे गर्व की बात है। परिश्रम की बात है टी इतनी बड़ी संस्था में आने का सौभाग्य मिला तो बिना परिश्रम के संबहव नही है। इसके पूर्व भी जब मैडल आया था तो वो भी बनारस के ही युवा मोहम्मद शाहिद के द्वारा लाया गया था। दूसरी बार भी बनारस के ही आपके इस भाई ने लाने का प्रयास किया। आपका आभार है जो आपने मुझ जैसे इस छोटे से व्यक्ति को संम्मानित किया है। आपके प्यार व सम्मान से अभिभूत हूं। समारोह में ललित उपाध्याय ने बनारस बार को हाकी का प्रतिबिंब स्टिक प्रदान किया और बार ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।  कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बनारस बार अध्यक्ष विनोद पाण्डेय ने कहा कि देश को ऊंचाई देने वाला बनारस के लाल ललित में गजब की सरलता है यही इनके आगे बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण है जो देश को एक दिन गोल्ड मेडल दिलाएगा। सम्मान से इनका आत्मबल बढ़ेगा और इच्छाएं बलवती होगी।  सेंट्रल बार महामंत्री कन्हैया पटेल ने कहा कि आज एक ऐसे शख्शियत का हम अभिनंदन कर रहे है। जिसका सम्मान कर हम खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे है। आप अपने आने वाली पीढ़ी को भी खेल में प्रोत्साहित करते हुए उनकी मदद को अग्रसर होंगे यही कामना है। यूपी बार कौंसिल के पूर्व चेयरमैन हरिशंकर सिंह ने कहा कि हम उन माता पिता को प्रणाम करते है, जो आप जैसे लाल को पैदा किया। भगवान से प्रार्थना है कि इतनी कम उम्र में आपने जो मुकाम हासिल किया वो मेजर ध्यानचंद जितना पहुंचे। आपने जो इतिहास रचा, वो इतनी कम उम्र में एक बड़ी उपलब्धि है। आपके जीवन मे और उपलब्धि मिले, यही कामना है। शक्ति का प्रदर्शन हाकी में ही दिखाई देता है। वो शक्ति आपने दिखाई। यूपी बार कौंसिल के सदस्य अरुण त्रिपाठी ने कहा कि प्रससन्ता इस बात की होती है कि जब भी कोई विजय क्षण होता है। विजेता का इतिहास होता है। विजय इतिहास की संरचना करता है। विजेता के पीछे ऋषियों का तप व आशीर्वाद होता है। आपके विजय में भी बहुत से लोगो की मेहनत व आशीर्वाद होता है। राष्ट का खिलाड़ी जब कोई विजय दिलाता है तो पूरा राष्ट्र विजयी और गौरवशाली मानता है। हमलोगों की बहुत अपेक्षा है, लेकिन आप उससे दबाव में मत आइए। आप अपने स्वभाविक खेल व व्यवहार से उन अपेक्षा पर खरा उतरने की कोशिश करें। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पीके सिंह ने कहा कि हमारी हाकी टीम के पराक्रम से सिर्फ एक व्यक्ति नही बल्कि पूरे देश गौरवान्वित महसूस करता है। आप ने उस चीज की अनुभूति कराई। पूरे खेल के दौरान हमारी हाकी टीम ने जिस प्रकार का खेल दिखाया वह गौरवान्वित करने वाला था। आने वाली भविष्य में मैं उम्मीद व आशा करता हूँ कि हमारी पुरुष व महिला हॉकी टीम स्वर्ण पदक जीतेंगी। हमसे भी त्रुटियां होती है, यह मानव स्वभाव है। दबाव में न आकर हमेशा अपने स्वाभाविक खेल को खेल भावना से आगे भी जारी रखे। ललित उपाध्याय ने खेल को जीता है उसको जीया है। यही असली खेल भावना है। संचालन महामन्त्री विवेक सिंह ने किया। कार्यक्रम में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पीके सिंह, यूपी बार कौंसिल के पूर्व चेयरमैन अरुण त्रिपाठी और हरिशंकर सिंह, सेंट्रल बार महामन्त्री कन्हैया लाल पटेल, नामित पार्षद विपिन सिंह, केशर राय, राजेश मिश्र, राधेश्याम सिंह, मानबहादुर सिंह, रंजन मिश्र, अश्वनी रॉय, वरुण सिंह, धीरेंद्र शर्मा, वकार अहमद सिद्दीकी, सुजीत पाण्डेय, विनय सिंह, वरूण प्रताप सिंह, अशोक कुमार, अनुराग द्विवेदी, कृष्णमोहन पाण्डेय आदि मौजूद रहे।

 


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